दोस्तो ,आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीन की राजधानी पेइचिंग के तुंग छंग डिस्ट्रिक्ट में खड़ी दक्षिण लो कू कालोनी नामक सात सौ वर्ष पुरानी सड़क के दौरे पर ले चलते हैं । इस एक हजार मीटर से कम लम्बी गली में शराब व काफी बार , दुकानें और रेस्त्रां नजर आते हैं , लेखकों , कलाकारों व चित्रकारों जैसी प्रसिद्ध हस्तियां मित्रों से मिलने यहां आते जाते हैं , आज दक्षिण लो कू कालोनी पेइचिंग शहर की सब से आधुनिकतम सड़कों में से एक बन गयी है ।
दक्षिण लो कू कालोनी सब से पहले आज से कोई सात सौ वर्ष पहले के य्वान राजवंश में स्थापित हुई , इस गली की कुल लम्बाई लगभग एक हजार मीटर है , गली की पूर्व व पश्चिम दोनों ओर कुल आठ सड़कें आमने सामने दिखायी देती हैं और सड़कों के दोनों किनारों पर चीनी विशेष परम्परागत वास्तु शैली से युक्त चार दीवारों वाले प्रागण खड़े हुए हैं , इसलिये ये पेइचिंग की प्रमुखता प्राप्त परिरक्षित सड़कें मानी जाती हैं ।
हालांकि दक्षिण लो कू कालोनी विश्वविख्यात पुराने प्रासाद नामक राजमहल के बगल में अवस्थित है , पर इस कालोनी में जितने भी ज्यादा मकान लाल दीवारों व हरे खपरैलों से निर्मित शाही वास्तु शैली के बजाये भुरे रंग के पत्थरों के हैं और सभी आगन विशेष परम्परागत वास्तु शैली युक्त चार दीवारों वाले हैं , और तो और यहां के अधिकतर प्रागण तत्कालीन राजमहल के अधिकारियों व प्रसिद्ध हस्तियों के पुराने निवास थे । अब इस कालोनी में भिन्न भिन्न शैलियों में दसियों शराब , काफी बार व चाय घर और छोटे छोटे रेस्त्रां निर्मित हुए हैं और मशहूर आधुनिक लेखक , चित्रकार व कलाकार दोस्तों से मिलने या गपशप मारने के लिये यहां आना पसंद भी करते हैं ।
दक्षिण लो कू कालोनी में काफी बार और नाना प्रकार वाली छोटी दुकानें सब से अधिक हैं । इन छोटी दुकानों में विविधतापूर्ण प्यारे प्यारे सजावटें और पेइचिंग विशेषताओं से युक्त परम्परागत लोक कला कृतियां बेच जाती हैं । इतना ही नहीं , सूती कपड़ों से तैयार चीनी परम्परागत पोशाक , टोपियां , मौजे और जूते भी बेहद आकर्षित हैं ।
हमारे संवाददाता इस कालोनी में घूमते घूमते एक छोटी सी दुकान में प्रवेश हुए । दुकान में कदम रखते ही कपड़ों से तैयार बेशुमार सुंदर कलात्मक कृतियां देखकर वे चमत्कृत रह गये । मात्र दसेक वर्गमीटर वाली दुकान बाह्य व अंदरुनी दोनों भागों से गठित है । बाह्य भाग में जो रुमाल , तकिया जैसी सजावटें बेची जाती हैं , वे सब के सब रंगीन कपड़ों से बनायी गयी हैं , इन वस्तुओं की डिजाइनें और स्टाइल सभी सरासर चीनी परम्पराओं से युक्त हैं । इस दुकान के दुकानदार श्री ल्यू ने इस का परिचय देते हुए कहा कि इस दुकान की अधिकतर वस्तुएं उपयोगी ही नहीं , चीनी लोक सांसारिक सास्कृतिक कलात्मक कृतियों का प्रतीक मानी जाती ही हैं ।
मेरी दुकान में बेचने वाली कपड़ों से तैयार कलात्मक कृतियों में प्राचीन चीनी संस्कृति गर्भित है । देखिये , ग्राहकों को यह मेजपोश बहुत पसंद है , इस मेजपोश की डिजाइन प्राचीन चीनी लोककलात्मक विशेषता पर आधारित है । डिजाइन में जिस स्वर्ण चुहे का चित्रण किया गया है , उस का अर्थ है मालामाल । इस डिजाइन में और एक चुहे को शुभ चूहा कहा जाता है , उस का अर्थ है सहा सलामत और सुख चैन ।
इस छोटी दुकान के अंदरूनी भाग में बहुत से सुंदर कपडे जूते बेचे जाते हैं । यदि पर्यटक इन जूतों को गौर से नहीं देखें , तो मालूम नहीं होगा कि ये जुते सब के सब कपड़ों से बनाये गये हैं । दुकानदार ल्यू ने इन जूतों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हालांकि ये जूते भिन्न भिन्न क्वालिटी कपड़ों से बनाये गये हैं , पर इन की डिजाइनें अत्यंत फैशनबल लगती हैं , इसलिये ग्राहकों को बहुत पसंद हैं ।
दुकानदार ल्यू ने एक जूते का परिचय देते हुए कहा कि इस जूते को बनाने में जितनी भी ज्यादा सामग्री का प्रयोग किया गया है , उतनी भी कपड़ों की है , यह जूता देखने में सुंदर व फैशनबुल ही नहीं , बहुत टीकाऊ और आरामदेह भी है । इसलिये ऐसे जुतों की खूब मांग होती है ।