इधर सालों में इसी जंगल क्षेत्र में चार बड़े पर्यटन स्थल कायम हुए हैं , पर्यटकों की संख्या हर वर्ष में 6 लाख से अधिक है । मू यू कस्बे का पर्यटन कार्य काफी विकसित है , ज्यादादर पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं और इस कस्बे के अधिकांश गांववासी पर्यटन कार्य और पर्यटन कार्य से जुड़े धंधों में जुट गये हैं । मू यू कस्बे के शन नोंग चा होटल के मालिक ली शह खाई ने हमारे संवाददाता से कहा कि हमारे शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र में पारिस्थितिकि पर्यटन के विकास के चलते यहां की स्थिति उत्तरोत्तर उम्दा होती जा रही है , विशेषकर पहली मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष में साप्ताहिक छुट्टियां मनाने के लिये बहुत से पर्यटक हमारे यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं , इसे ध्यान में रखकर पर्यटकों को और नजदीगी से यहां की बेमिसाल पारिस्थितिकि महसूस करने देने के लिये हम ने कर्ज पर एक छोटा सा कृषि फार्म कायम कर लिया , जिस से इधर सालों में हमें पर्यटन कार्य से प्राप्त आय साल ब साल बढ़ती गयी है ।
प्रिय दोस्तो , क्या आप जानते हैं कि शन नोंग चा प्राकृतिक परिरक्षित पर्यटन क्षेत्र हरे भरे पर्वतों से घिरा हुआ है , गर्मियों में यहां ज्यादा गर्मी होने के बजाये पहाड़ी ठंडी हवा चलती है और यह गर्मियों से बचने वाली अच्छी जगह है । इतना ही नहीं , जब पर्यटक घने जंगल में घूमते हैं , तो विभिन्न प्रकार वाले जंगली जानवरों की आवाज और घाटियों से गुजरने वाली सरिताओं की कल कल कर बहने की आवाज सुनाई पड़ती है । इधर सालों में इसी जंगल क्षेत्र में चार बड़े पर्यटन स्थल कायम हुए हैं , पर्यटकों की संख्या हर वर्ष में 6 लाख से अधिक है । मू यू कस्बे का पर्यटन कार्य काफी विकसित है , ज्यादादर पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं और इस कस्बे के अधिकांश गांववासी पर्यटन कार्य और पर्यटन कार्य से जुड़े धंधों में जुट गये हैं । मू यू कस्बे के शन नोंग चा होटल के मालिक ली शह खाई ने हमारे संवाददाता से कहा कि हमारे शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र में पारिस्थितिकि पर्यटन के विकास के चलते यहां की स्थिति उत्तरोत्तर उम्दा होती जा रही है , विशेषकर पहली मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष में साप्ताहिक छुट्टियां मनाने के लिये बहुत से पर्यटक हमारे यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं , इसे ध्यान में रखकर पर्यटकों को और नजदीगी से यहां की बेमिसाल पारिस्थितिकि महसूस करने देने के लिये हम ने कर्ज पर एक छोटा सा कृषि फार्म कायम कर लिया , जिस से इधर सालों में हमें पर्यटन कार्य से प्राप्त आय साल ब साल बढ़ती गयी है ।
निस्संदेह , पर्यटन कार्य के उत्थान के चलते शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र के वासियों को ज्यादा लाभ मिल गया है , पर इस से शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र के जंगलों की पारिस्थितिकि पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ा है । पारिस्थितिकि पर्यावरण की तुलना में प्राकृतिक लाभ स्वभावतः जितना महत्वपूर्ण नहीं रहा है , मानव जाति के अनुकूल पारिस्थितिकि पर्यावरण और मूल्यमान जंगली जानवरों व वनस्पति के संरक्षण पर स्थानीय सरकार की कड़ी निगाह टिकी हुई है । शन नोंग चा जंगल क्षेत्र की सरकार के अधिकारी छ्येन य्वान खुन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि उन का कहना है कि हम ने शन नोंग चा पर्यटन स्थल के आर्थिक व सामाजिक कार्यों के विकासक्रम में हमेशा से पारिस्थितिकि पर्यावरण के संरक्षण को प्रधानता पर दे दिया है और आर्थिक विकास व प्राकृतिक संरक्षण के बीच उत्पन्न अंतरविरोधों का उचित रूप से समाधान कर लिया है ।
समूचे शन नोंग चा पर्यटन स्थल में बसे एक हजार से अधिक जंगली जानवरों के समुचित बंदोबस्त और यहां के बेहतरीन पारिस्थितिकि वातारण की पुनः बहाली के लिये जनवरी से मार्च 2006 तक यह विशाल पर्यटन क्षेत्र को सुनियोजित किया गया औप पर्यटकों का सत्कार भी बंद कर दिया गया । हालांकि ऐसा कदम उठाये जाने से पर्यटकों के लिये असुविधाएं उत्पन्न हो गयी है , पर फिर भी इसी तरह का कदम उठाना अनिवार्य है । पिछले अनेक सालों में यहां के पारिस्थितिकि पर्यावरण के संरक्षण पर जोर पकड़ने व इस बार के सुनियोजन के जरिये पर्यटन स्थल के भीतर पारिस्थितिकि पर्यवारण में दिन ब दिन बदलाव आया है और जंगली जानवरों की संख्य़ा भी लगातार बढ़ती गयी है । गत वर्ष में ब्रिटेन के ब्रीज विश्वविद्यालय , अमरीका का हार्फ विश्वविद्यालय और मैक्सिको के वनस्पति उद्यान जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के विशेषज्ञों ने शन नोंग चा पर्यटन स्थल का सर्वेक्षण किया और यहां की वनस्पति विविधता , पारिस्थितिकि संपूर्णता और आदिम जंगलों की खूब तारीफ की ।
श्रोताओ , अभी आप जो आवाज सुन रहे थे , वह गोल्डन बंदरों की है । ऐसी किस्म वाले जंगली बंदरों की संख्या पहले सिर्फ 6 सौ के आसपास थी , पर अब यह संख्या बढ़कर एक हजार दो सौ से अधिक हो गयी है । आज यहां पर गोल्डन बंदर इसी शन नोंग चा पर्यटन स्थल की विशेष पहचान बन गये हैं । जब इन गोल्डन बंदरों की आवाज सुनाई देने लगी , तो श्री छ्येन य्वान खुन के मन में भावार्थ भावना एकदम पैदा हो जाती है ।
उन्हों ने कहा कि हम शन नोंग चा पर्यटन स्थल के पारिस्थितिकि पर्यावारण का संरक्षण करने में सफल हुए हैं , गोल्डन बंदरों की संख्या भी बढ़ती गयी है और उन का दायरा भी विस्तृत हो गया है । आइंदे शन नोंग चा पर्यटन स्थल मानव जाति और प्रकृति का अनुपम सामंजस्यपूर्ण जन्मस्थान का रूप ले लेगा ।