2007-12-24 12:13:55

पश्चिमी चीन में बालिका शिक्षा को महत्व दिया जा रहा है

बालिका शिक्षा परियोजना यह शब्द चीनी लोगों में जबानजद होने लगा है। इस परियोजना को लेकर लोगों को स्वभाव से महिला संघ ,विशेष रुप से क्वांग शी महिला संघ की याद आती है। इस परियोजना की चर्चा में क्वांग शी ज्वांग स्वायत प्रदेश के महिला संघ के बाल विभाग की निदेशक सुश्री लिन शिन लेन ने कहा, वर्ष 1988 से हम ने अपने स्वायत प्रदेश में बालिका शिक्षा परियोजना पर अमल करना शुरु किया । इस परियोजना की शुरुआत एक अल्पसंख्यक जातिय क्षेत्र, यानी ल्यू चओ क्षेत्र की रो श्वेई काऊंटी की बेई व्यन गांव से हुई। वहां के महिला संघ तथा शिक्षा विभाग ने जांच पड़ताल के बाद पता चलाया कि अल्पसंख्यक जातियों की बालिकाओं में स्कूल छोड़ने की स्थिति अपेक्षाकृत गंभीर थी, औऱ कुछ स्कूलों में केवल बालकों के लिए कक्षाएं खोली जाती थी । इसलिए वर्ष 1988 से हम महिला संघ इस कार्य को बड़ा महत्व देने लगी औऱ बालिका शिक्षा परियोजना में हाथ बटाने लगी।

क्वांग शी च्वांग स्वायत प्रदेश की व्यापक अल्पसंख्यक जातियों के गरीबी क्षेत्रों में याओ, तुंग, म्याओ, माओ नान, ज्वांग एवं हान जाति की 80 हजार गरीब परिवारों से आयी बालिकाओं को एक कल्याण कार्य से लाभ मिला है। इस कल्याण कार्य से बालिका निश्चिंता से स्कूल में पढ़ सकती है। उन्हें गरीबी के कारण स्कूल छोड़ना नहीं पड़ेगा। इस क्लायण कार्य को बालिका शिक्षा परियोजना का नाम दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, वर्ष 1990 के नवम्बर में अखिल चीन महिला संघ तथा राष्ट्रीय शिक्षा कमीशने ने क्वांग शी में बालिका शिक्षा कार्य पर अनुभव के आदान-प्रदान सम्मेलन का आयोजन किया, देश के 18 प्रांतों के एक सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने रो श्वे काऊंटी कीबेई य्वन गांव की बालिका शिक्षा का निरीक्षण दौरा किया। वर्ष 1992 की मई में रो श्वे काऊंटी के महिला संघ ने चीनी बाल कोष की मदद से अल्पसंख्यक बालिकाओं की शिक्षा संबंधी वीडियो कसैट "पुकार" का शुटिंग पूरा किया, जिस से देश भर में जबरदस्त प्रतिक्रियाएं पैदा हुईं। वर्ष 1992 के अगस्त में हांगकांग की सुश्री चओ चे पिंग ने 10 लाख हांगकांग डालर देकर मुख्य भूमि की गरीब परिवारों से आयी बालिकाओं को स्कूल में भरती होने में मदद दी।

क्वांग शी महिला संघ की अध्यक्ष सुश्री च्यांग के अनुसार, अखिल चीन महिला संघ और चीनी बाल कोष ने समाज द्वारा गरीब परिवारों से आयी बालिकाओं को स्कूल में भरती होने में मदद देने की कार्यावाई का नाम बालिका शिक्षा परियोजना रखी , और प्रथम बार 1 लाख 70 हजार व्यान का क्वांग शी को चार बालिका कक्षाएं खोलने में अनुदान किया। तब से । उस वक्त से बालिका शिक्षा परियोजना के तहत चीन के व्यापक गरीबी क्षेत्रों की हज़ारों बालिकाओं को लाभ मिला ।

क्वांग शी महिला संघ के कर्मचारी लम्बे अरसे से अल्पसंख्यक जातिय क्षेत्रों के आम नागरिकों के कार्य में लगे रहे हैं और उन्हें सब से गहरा अनुभव हुआ है कि एक जाति के आर्थिक विकास तथा सांस्कृतिक शिक्षा का पिछड़ेपन अकसर प्रत्यक्ष रुप से महिलाओं से प्रतिबिंबित होता है।

आज की बालिका भविष्य की माता होगी। भविष्य में सारी जाति की गुणवत्ता माता की गुणवत्ता से प्रभावित होगी। यह सच है कि इस वाक्य ने बालिका शिक्षा परियोजना का गहन अर्थ बता दिया है।

क्वांग शी में प्रथम बालिया कक्षा के प्रचलन के बाद उन्हें अखिल चीन महिला संघ के ध्यान व समर्थन मिले हैं। अखिल चीन महिला संघ, चीनी बाल कोष, संयुक्त राष्ठ्र बाल कोष ने अनेक बार क्वांग शी में जाकर बालिका कक्षा की स्थिति का निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने बालिका कक्षा की उच्च गुणवत्ता तथा प्रबंध स्तर की भूरी भूरी प्रशंसा की।

अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ तथा चीनी बाल कोष ने क्वांग शी में सौ से ज्यादा बालिका कक्षाओं को आर्थिक सहायता दी। इस के अलावा, क्वांग शी महिला संघ की की विभीन्न शाखाओं ने विभिन्न इकाइयां जाकर बालिका शिक्षा परियोजना का प्रसार प्रचार किया औऱ सांस्कृतिक प्रोग्राम पेश किया। उन्होंने विभिन्न तरीकों से बालिकाओं के लिए पैसे व चंदा जुटाने की गतिविधियां भी कीं।

इतना ही नहीं, उन्होंने समाचार माध्यमों के भरोसे समाज से बालिकाओं को समर्थन व ख्याल देने की अपील की। क्वांग शी महिला संघ के निदेशक सुश्री लिन शिन लेन ने परिचय देते हुए बताया, हमारे क्वांग शी में महिला का आकाश नामक एक पत्रिका उपलब्ध है। हम ने इस पत्रिका में गरीब परिवारों से आयी बालिकाओं के बारे में कहानियां प्रकाशित की औऱ इस माध्यम से चंदा देने वाले लोगों को संपर्क कायम किया। समाज में अनेक लोगों ने हमें भारी मदद दी है। मिसाल के लिए वू द नामक एक सैनिक अफसर ने अकेले चालीस बालिकाओं को मदद दी।

महिला संघ के कर्मचारियों की महनती से अब इस परियोजना में भारी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। शिक्षा ने अल्पसंख्यक जातियों की बालिकाओं के भाग्य में परिवर्त्तन किया है औऱ एक जाति के इतिहास को भी बदल किया है। बालिकाओं ने सांस्कृति ज्ञान का अध्ययन करने के साथ साथ पेड़ व फूल उगाना, सिलाई और बुनाई आदि व्यवहारिक तकनीकी प्रशिक्षिण शिक्षा भी लीं। इन प्रशिक्षा स्कूलों से पास हो जाने के बाद उन्होंने गांव में लौटकर किसानों को ज्ञान व तकनीक के जरिए अपने गांव को समृद्ध बनाने की कोशिश करने लगे।

क्वांग शी महिला संघ की अध्यक्ष सुश्री च्यांग फेई लेन ने कहा, क्वांग शी ने बालिका परियोजना के तहत कुल मिलाकर एक करोड़ अड़सठ लाख नौ हजार चीनी व्यान जुटा लिये हैं और विभिन्न जातियों की एक लाख पांच हजार गरीब परिवारों से आयी बालिकाओं को मदद दी है। क्वांग शी स्वायत प्रदेश की गरीबी गाऊंटी की बालिकाओं के स्कूल छोने की दर पिछली सदी के अस्सी के दशक के अंत के तीस प्रतिशत से अब के चार प्रतिशत हो गई है।