नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय दक्षिणी चीन के नींगपो शहर में स्थापित विदेशियों द्वारा चीन सरकार की पुष्टि से चीन में स्थापित प्रथम विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय के उप कुलपति श्री रोजर वूड्स तथा 140 अध्यापक सब विदेशों से आए हैं ।
श्री वूड्स ने हाल में चीन में आयोजित एक समारोह में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाला नागरिक सुखमय व्यक्ति माना जाता है । इसी विचारधारा से श्री वूड्स ने ब्रिटेन के मध्य शहर नोटिंग्हम शहर से नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय के उप कुलपति का पद संभाला ।
उन्हों ने कहा , मुझे चीन में काम करना बहुत पसंद है। यह एक नयी और जवान जगह है , जो मेरे विश्वविद्यालय के लिए सही है । यहां अलग-अलग मौके हैं और आशावादी और सृजनात्मक चीनियों के साथ सहयोग करना आसान भी है।
श्री वूड्स ने चीन में आने के बाद सर्वप्रथम अपने विश्वविद्यालय के लिए श्रेष्ठ अध्यापक दल रखने का काम शुरू किया । लेकिन शुरू में वे चिन्तित रहे कि इन के निमंत्रण पर कम अध्यापक आएंगे ।
उन्हों ने कहा , यह सब विल्कुल नया था । हमें मालूम नहीं था कि लोगों की इस में रुचि होगी कि नहीं । लेकिन फिर भी हमें बड़ी संख्या में आवेदन-पत्र प्राप्त हुए । बहुत से लोगों को चीन के प्रति गहरी रुचि है , वे यहां काम करने को उत्सुक हैं । बाद में हमें अनेक बढ़िया अध्यापक भी मिले ।
श्री वूड्स के अनुसार वर्तमान में नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय में ब्रिटेन , ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका , कनाडा और मलेशिया आदि देशों के 140 से अधिक अध्यापक कार्यरत हैं । उन में कुछ अपने परिवार के साथ रहते हैं । विश्वविद्यालय में चीनी कार्यकर्ता भी हैं , पर वे प्रबंधन, संभार तंत्र आदि का काम करते हैं और विदेशी अध्यापकों के कार्यों में शामिल नहीं होते हैं । अपने चीनी कार्यकर्मियों की चर्चा में श्री वूड्स ने कहा , ये सभी चीनी कार्यकर्ता सब मेहनत से काम कर रहे हैं , मुझे उन की तरफ से बहुत मदद मिली है । उन की कोशिशों के बिना हमारे विश्वविद्यालय की स्थापना भी असंभव होती । साथ ही हमें नींगपो शहर और चच्यांग प्रांत की सरकारों से भी बड़ी मदद मिली है ।
श्री वूड्स ने चीन में रहते हुए आसपास हो रहे तेज़ परिवर्तन को महसूस किया है । उन्हों ने कहा कि चीन में सब कुछ तेज़ी से परिवर्तित हो रहा है ।
उन्हों ने कहा , चीन में सब कुछ इतनी तेजी से बदल रहा है इस की मुझ पर भी गहरी छाप पड़ी है । सब काम बहुत जल्दी हो रहा है । हमारे विश्वविद्यालय के प्रति लोगों की रुचि भी दिन ब दिन बढ़ रही है ।
नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय की चीनी प्रबंधक , परिषद सदस्य सुश्री शू या फेंन के अनुसार नोटिंग्हम विश्वविद्यालय के 60 हेक्टर विशाल कैंपस का निर्माण सिर्फ एक ही वर्ष के भीतर समाप्त कर लिया गया । परियोजना के निर्माण में चीन और ब्रिटेन के बीच संतोषजनक सहयोग हुआ । पर दोनों पक्षों की संस्कृति और शिक्षा परंपराएं अलग-अलग होने के कारण मतभद मौजूद होना भी स्वाभाविक है । लेकिन दोनों पक्षों ने मतभेदों को दूर कर इस विशेष विश्वविद्यालय की स्थापना में सफलता हासिल की है ।
उन्हों ने कहा कि चीन और ब्रिटेन की विचारधाराएं बिल्कुल अलग हैं , पर दोनों की शिक्षा का उद्देश्य समान है , यानी युवकों को देशभक्त, सृजनात्मक शक्ति प्राप्त , कानून का पालन करने वाला , और समाज के लिए योग्य नागरिक बनाया जाना है । शिक्षा के समष्टिगत संदर्भ में चीन और ब्रिटेन मिलते-जुलते हैं , उन के बीच सहयोग भी सफलतापूर्ण है ।
श्री वूड्स खुद भी अध्यापकों को पढ़ाते हैं , पर पढ़ाते समय उन्हें लगा कि दोनों देशों के छात्रों में भी फर्क है ।
ब्रिटेन की तुलना में चीनी छात्र अधिक खुले हैं । वे अक्सर अपने विचार प्रत्यक्ष रूप से बताते हैं । लेकिन ब्रिटेन में छात्र आम तौर पर ऐसी बातें नहीं करते हैं जैसे मेरी सब से बड़ी उम्मीद क्या है , मेरी सब से बड़ी चिन्ता क्या है और मेरी कैसी आकांक्षा है इत्यादि । पर अगर किसी चीनी छात्र की कोई व्यक्तिगत योजना है , तो वह आम तौर पर इसे सार्वजनिक कर देता है । मुझे लगता है कि चीनी छात्रों का यह व्यवहार बेहतरीन है । और एक बात है कि चीनी छात्र बुहत तेज़ हैं , वे बहुत मेहनत से पढ़ते हैं ।
श्री वूड्स ने कहा कि उन के विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर कार्यक्रम भी हैं , जिसमें शत प्रतिशत ब्रिटिश शिक्षा व्यवस्था लागू की जाती है । पर आश्चर्यजनक बात है कि चीनी छात्रों में सब कुछ तुरंत ही हासिल करने की क्षमता है । इस सवाल पर श्री वूड्स के सहपाठी , विश्वविद्यालय के शिक्षा कार्य विभाग के डीन श्री मारटून ने कहा , हमारे विश्वविद्यालय में पूरी तरह अंग्रेज़ी में पढ़ाई होती है । चीनी छात्रों की अंग्रेज़ी शुरू में आम तौर पर अच्छी नहीं होती , उन के लिए अंग्रेज़ी में बोलना मुश्किल है क्योंकि चीनी छात्र अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा में अंग्रेज़ी का प्रयोग नहीं करते हैं । लेकिन यहां कुछ समय बाद उन में अधिकांश को इस की आदत पड़ जाती है , और अब वे कक्षा में अंग्रेज़ी बोलने में बहुत क्रियाशील हैं ।
नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय में अनेक विदेशी छात्र भी हैं । जैसे हॉलैंड से आए छात्र टिम हर्ट्स उत्तर पूर्वी चीन के छांग छ्वून शहर में चीनी भाषा सीखते थे , चीनी में उन्होंने चीन में अपने जीवन की चर्चा करते हुए कहा , नींगपो के इस विश्वविद्यालय में मैं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उपाधि के लिए पढ़ रहा हूं । यहां का जीवन अच्छा है , चीनी लोग उत्साहपूर्ण हैं । मेरे बहुत से चीनी मित्र हैं । मैं विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहता हूं , जो रहने के लिए अच्छा है , और सस्ता भी है । मैं अक्सर बाहर के रेस्तरां में खाना खाता हूं , चीनी खाना जैसे फ्राइड नूडल बहुत स्वादिष्ट होता है ।
श्री वूड्स अपने चीनी या विदेशी छात्रों को बाह्य दुनिया के साथ संपर्क रखने के अधिक मौके देना चाहते हैं । वे नींगपो विश्वविद्यालय में अधिकाधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं , और चीनी छात्रों की विदेशी विश्वविद्यालयों में जा कर पढ़ने के लिए मदद करते हैं ।
उन्हों ने कहा , मेरा ख्याल है कि भूमंडलीकरण के युग में छात्रों को सिर्फ एक ही देश में शिक्षा देना काफी नहीं है । छात्रों को प्राप्त जानकारियों का अंतर्राष्ट्रीकरण होना चाहिए । यह हमारे विश्वविद्यालय की विशेषता है ।
परिषद की सदस्य सुश्री शू या फेंन ने भी कहा कि नोटिंग्हम विश्वविद्यालय के यहां स्थापित होने से चीनी विश्वविद्यालयों के लिए एक बिल्कुल विभिन्न आदर्श खड़ा हुआ है । आर्थिक भूमंडलीकरण के साथ-साथ शिक्षा का भूमंडलीकरण अनिवार्य है । चीन की शिक्षा का सिर्फ चीनी स्वरूप वाली शिक्षा होना काफी नहीं है । श्री वूड्स का मकान नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय के कैंपस के केंद्र में स्थित है । इस शांत और सुन्दर जगह में रहकर श्री वूड्स को बहुत अच्छा लगता है। उन के परिवारजन भी धीरे-धीरे उन के साथ रहने आए हैं । उन की पत्नी उन के साथ रहती हैं , और एक बेटा व एक बेटी भी चीन का दौरा करने आ चुके हैं ।
अपने वातावरण की चर्चा करते हुए श्री वूड्स ने कहा , मुझे यह विश्वविद्यालय बहुत अच्छा लगता है । मैं भी इसमें रहता हूं । मेरा ख्याल है कि विश्वविद्यालय के शांत होने और विदेशों के साथ संपर्क रखने दोनों की बहुत ज़रूरत है । समृद्ध शहर नींगपो हमारे विश्वविद्यालय के बहुत नजदीक है । दोनों बहुत अच्छी तरह से जुड़ते हैं । मुझे और मेरे छात्रों को यह विश्वविद्यालय बहुत पसंद है ।
विश्वविद्यालय के शिक्षा कार्य विभाग के डीन श्री मारटून भी अपना पूरा परिवार चीन में लाए हैं , उन के दो बच्चे नींगपो शहर के विदेशी भाषा स्कूल में पढ़ते हैं ।
उन्हों ने कहा , हमारा पूरा परिवार खुशी से चीन में जीवन बिता रहा है। चीन एक प्रेरणा देने वाला देश है । मैं भी चीन से संबंधित कार्यक्रमों का अनुसंधान करता हूं , मेरे यहां बहुत से चीनी दोस्त भी हैं ।
वर्तमान में नींगपो नोटिंग्हम विश्वविद्यालय में 2800 छात्र हैं , एक साल बाद यह संख्या चार हजार तक बढ़ जाएगी , और उन में एक चौथाई भाग विदेशी छात्रों का होगा ।
वूड्स अपने विश्वविद्यालय के भविष्य के प्रति काफी आश्वस्त हैं । उन्हों ने कहा , यह बिल्कुल नया विश्वविद्यालय है । यहां करने योग्य बहुत से कार्य हैं । चीन में जो हम चाहते हैं , यहां कर सकते हैं । यहां के सामाजिक वातावरण में लोग अपनी कल्पना को मूर्त रुप दे सकते हैं ।
उन्हें विश्वास है कि भविष्य में अधिकाधिक चीनी व विदेशी छात्र इस ब्रिटिश श्रेणी वाले विश्वविद्यालय में पढ़ने आएंगे । साथ ही अधिकाधिक विदेशी प्रतिभाएं चीन में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के विस्तार के लिए अपना योगदान पेश करेंगी । और यह स्वाभाविक है कि उन्हें चीन में रहकर मैत्री और परिवर्तन भी महसूस होगा।