इस झटके के बाद सुश्री च्यांग के होटल में ठहरने का साहस नहीं था। उन के परिवार ने सरकार की विशेष गाड़ी से राहत व बचाव केंद्र में जाने का फैसला किया। राहत व बचाव केंद्र काऊंटी सरकार के भवन के सामने स्थित एक बड़े चौक में स्थापित हुआ है। जब सुश्री च्यांग का परिवार वहां पहुंचा, तो बहुत तंबू सुव्यवस्थित रूप से चौक में खड़े हुए हैं। सभी पर्यटकों को केंद्र में प्रवेश करके पंजीकृत करना पड़ा, ताकि कर्मचारी उन्हें भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित जगहों में भेजने का प्रबंध अच्छी तरह से कर सकेंगे। सुश्री च्यांग की मां ने हमें केंद्र की स्थिति बतायी। तंबू में रज़ाइयां होती थी। लोग भोजन के समय निश्चित स्थल से त्वरित नूडल्स ले सकते थे। नाश्ते के समय कर्मचारियों ने हमें प्रति व्यक्ति एक बॉक्स बिस्कुट और एक बोतल पानी दिया। कुछ तंबू में रोटी, चावल, दलिया व सब्जियां दी जाती थीं। और कुछ कर्मचारी तंबू के बीच चलते हुए लोगों की शारीरिक स्थिति के बारे में पूछते थे, अगर बीमार हो, तो वे दवा भी देते थे। स्थानीय स्वयंसेवकों के हाथों में केतलियां होती थीं। केतलियों में गर्म दूध व सोया दूध होता था, जो विशेष तौर पर बुजुर्गों व बच्चों के लिये था।
आपदा में प्राप्त स्नेह
2017-08-17 15:15:29 cri