उद्घाटन समारोह में कोलकाता स्थित चीनी जनरल कांसलर मा चानवू ने संबोधित करते हुए कहा कि चीन व भारत की मैत्री का लम्बा इतिहास है। बौद्ध धर्म और एक्यूपंक्चर की आवाजाही दोनों देशों की जुबान पर रही है। हाल में चीन-भारत सांस्कतिक आदान-प्रदान दिन ब दिन व्यस्त बढ़ रहा है। द्विपक्षीय संबंध तेज विकास के नये चरण में प्रवेश कर रहे हैं। उनके अनुसार, चीन व भारत का समान कल्याण मतभेदों से ज़्यादा है। हम दोनों मिलकर दोनों देशों की जनता के लिए कुछ काम कर सकते हैं और पूरी दुनिया के लिए भी कुछ काम कर सकते हैं।
भारतीय फोटोग्राफरों को लेकर चीन में फोटो खींचने गयी भारत की मशहूर फोटोग्राफर माला मुखर्जी ने कहा कि वे सात बार चीन की यात्रा कर चुकी हैं। इस बार उन्होंने भारतीय फोटोग्राफरों के साथ फिर एक बार चीन गयी और और ज्यादा दर्शनीय स्थलों को देखा। उनके अनुसार, मेरे साथ चीन जाने वाले अधिकांश भारतीय फोटोग्राफरों ने पहली बार चीन की यात्रा की थी। वे चीन के दर्शनीय स्थलों को बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने खुशी से देखा कि चीन बहुत तेज से आगे विकसित हो रहा है। मेरा विचार है कि भारत व चीन के संबंध बहुत अच्छे हैं। हमें इन मैत्रीपूर्ण संबंधों को बरकरार रखना चाहिए।
भारत में चीनी भाषा सिखाने वाले चीनी कवि एवं लेखक श्याओ ताओ ने भी उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने अपना अनुभव बताया, मुझे बहुत आश्चर्य होता है। प्रदर्शनी में भारतीय फोटोग्राफरों ने चीनी बौद्ध धर्म की संस्कृति कि विविधताएं दिखायीं। आज की प्रदर्शनी में हमने भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म की भिन्न विशेषताएं भी देखी है। मुझे लगता है कि बौद्ध धर्म की संस्कृति दोनों देशों के आदान प्रदान को और गहरा कर सकती है।