चीनी भाषा का प्रसार करने वाले चीनी भाषा व संस्कृति केंद्र के प्रमुख अयान दास ने प्रदर्शनी का दौरा करने के बाद कहा कि कोलकाता यहां तक पूरे भारत में कई लोग चीनी संस्कृति को बहुत पसंद करते हैं। बौद्ध धर्म की आवाजाही भी भारत-चीन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक अहम भाग है। उनके अनुसार, मेरा विचार है कि चीन व भारत की मैत्री ह्वेन त्सांग की तीर्थ यात्रा से शुरू हुई थी। दोनों देशों के आदान प्रदान में बौद्ध धर्म की आवाजाही बहुत सामान्य रही है। इस तरह की सांस्कृतिक आवाजाही को मजबूत करना, खासकर दोनों देशों की कला व संस्कृति की आवाजाही अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जो भारत-चीन भाईचारा भावना को प्रगाढ़ करने में मदद दे सकेगा।
इस मौके पर पश्चिम बंगाल की अल्पसंख्यक कमेटी की उप प्रमुख मारिया फर्नांडीस ने कहा कि वे चीनी व्यंजनों और चीनी संस्कृति को बहुत पसंद करती हैं। वे खुद ही चीनी संस्कृति का प्रसार प्रचार करती हैं। अपने भाषण में उन्होंने प्रत्येक भारतीय से चीन जाने की अपील की। मैं आप लोगों को एक सुझाव देना चाहती हूं कि आप सभी लोग जीवन में एक बार जरूर चीन की यात्रा करें।