दोस्तों, हर मां-बाप को आशा होती है कि उनके बच्चे बुद्धिमान बनेंगे। एक मंदबुद्धि बच्चा किसी को नहीं चाहिये। लेकिन वास्तविक जीवन में बहुत से मां-बाप अपनी लापरवाहियों से अपने बच्चों को मंदबुद्धि बना रहे हैं। याद रखें, अब जो आठ बुरी आदतों के बारे में बताया जा रहा है, उससे बच्चे दिन-ब-दिन मंदबुद्धि बन रहे हैं। इसका सुधार किया जाना चाहिए।
पहला, पर्याप्त भोजन नहीं करना
वर्तमान में बहुत से परिवारों में नाश्ता बनाने व करने की आदत नहीं है। खासतौर पर छुट्टियों में मां-बाप दोपहर तक सोते हैं, नाश्ता व दोपहर का भोजन हमेशा एक साथ खाते हैं। इसलिये बच्चे भी मजबूरन मां-बाप की तरह नाश्ता न करने की आदत अपना लेते हैं। पर ध्यान देने की बात यह है कि नाश्ता व इससे पहले किया रात्रि भोजन के बीच समय सबसे लंबा होता है। पेट में सभी खाना रात भर पाचन और अवशोषण के बाद खत्म हो जाते हैं। अगर ठीक समय पर नाश्ता न करें और शरीर को पूरक ऊर्जा न मिलें, तो लोग आसानी से ग्लूकोज की कमी, चक्कर आना, जी मिचलाना आदि से ग्रस्त हो जाते हैं। अगर बच्चे भी ऐसी स्थिति में रहेंगे, तो वे पूरा दिन भर शक्तिहीन जैसा महसूस करेंगे। कक्षा में उनका ध्यान नहीं लगेगा और नींद के झटके से आते रहेंगे।
इसके विपरीत अगर बच्चे जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं, तो भी बच्चों की बुद्धि पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि अगर ज्यादा खाना पेट में जाता है, तो उसे पचाने के लिये ज्यादा ऊर्जा भी लगेगी, इसलिए दिमाग पर ज्यादा जोर लगेगा, और ऐसी स्थिति में लोगों को हमेशा नींद आती है। अगर बच्चे लंबे समय तक ऐसी स्थिति में रहेंगे, तो बच्चों का दिमाग समय से पहले बूढ़ा हो जाएगा, उनकी बुद्धि भी कमजोर हो जाएगी। इसलिये मां-बाप को अपने बच्चों के लिये अच्छा भोजन करवाना चाहिये। पर्याप्त भोजन हो, लेकिन जरूरत से ज्यादा नहीं।