छठे माह के छठे दिन के समारोह में प्रदर्शनी
चीनी पारंपरिक पंचांग के अनुसार हर साल छठे माह के छठे दिन में होंग याओ के लोग खासतौर पर अलमारी से वस्त्र बाहर निकालकर सूखाते हैं। स्थानीय पर्यटन विकास के चलते यह एक उत्सव का रूप बन गया है, जो याओ जाति की रीति रिवाज में शामिल हुआ। इसी दिन याओ जाति की महिलाएं और लड़कियां सुन्दर जातीय वस्त्र पहनते हुए मंच में विश्व के विभिन्न स्थलों से आए पर्यटकों को अपनी जातीय संस्कृति दिखाती हैं।
फान चीफेंग द्वारा बनाए गए वस्त्र
फान चीफ़ंग होंगयाओ वस्त्र बनाने के तकनीक और कला की उत्तराधिकारी हैं। वे होंगयाओ वस्त्र बनाने में व्यस्त हैं। उन्होंने अर्द्ध-उत्पाद वस्त्र दिखाकर परिचय देते हुए कहा:"हमारी जाति की कढ़ाई भिन्न-भिन्न पहलुओं में अलग है। ये देखो, यह वस्त्र क्रॉस सिलाई और पीछे कढ़ाई का है। डिज़ाइन में स्थानीय जानवर, फूल, घास, ड्रेगन, मछली और पक्षी हैं।"
होंग याओ वस्त्र में आमतौर पर बाघ के पंजे की कढ़ाई की जाती है। इसके बारे में एक दिलचस्प कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि प्राचीन समय में एक राजा पहाड़ी क्षेत्र से गुज़र रहा था। अचानक एक बाघ उसकी ओर फड़फड़ाते आया। इस खतरनाक क्षण में एक याओ जाति की लड़की ने तीर मारकर बाघ को मारा और राजा की जान बचायी। उस लड़की का आभार जताने के लिए राजा ने बाघ के पंजे को काटा और बाघ के खून में डालकर उठाया। राजा ने इस खूनी बाघ के पंजे को मुहर के रुप में याओ जाति की महिला के पीठ पर चिह्न बनाया। इसके बाद याओ जाति की महिलाओं के पीछे वस्त्रों पर बाघ का पंजा अपरिहार्य डिज़ाइन बन गया है।
याओ जाति का वस्त्र बनाने के लिए सुई से कढ़ाई की जाती है। इसकी तकनीक बहुत जटिल है और संबंधित लिखित रिकॉर्ड नहीं है। फान चीफ़ंग बचपन से मां से इसकी तकनीक सीखी। उन्होंने कहा:
"बचपन से ही मैं यह सीखने लगी हूं। हमारे यहां लड़कियां आम तौर पर नौ या दस वर्ष की उम्र में सुई का प्रयोग करने का अभ्यास करती हैं। दस वर्ष की उम्र से ही फूल कढ़ाई करने लगी। मैं नौ वर्ष की उम्र से ही अभ्यास करने लगी और 12 वर्ष की आयु में मुझे कढ़ाई की तकनीक हासिल हुई। मुझे कढ़ाई करना बहुत पसंद है। घर में कई बहनें है, मां सभी बहनों के लिए वस्त्र नहीं बना सकती। इस तरह मैं कढ़ाई तकनीक सीख कर खुद के लिए वस्त्र बनाती हूँ।"
फान चीफ़ंग ने जानकारी देते हुए कहा कि याओ जातीय वस्त्र बनाने की तकनीक आमतौर पर तीन भागों में बंटा हुआ है। कताई, बुनाई और सिलाई। सिलाई मशीन साधारण है, लेकिन कपड़ा बनाने की तकनीक जटिलपूर्ण है। कपड़े को बटिक किया जाना है। अंत में वस्त्र के लिए कमर बेल्ट बनाना होता है। फान चीफ़ंग जैसी निपुण याओ जातीय महिला एक पूर्ण याओ जातीय वस्त्र बनाने में 3 साल लगाती है।