विश्व की चिंता के सामने रियो ओलंपिक के आयोजन से पहले ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्री रिकार्दो बार्रोस ने उक्त बातें कह कर विभिन्न देशों से आए खिलाड़ियों व पर्यटकों को सांत्वना दी। सौभाग्य से ब्राज़ील ने सफलता के साथ ओलंपिक का आयोजन किया। और ओलंपिक के दौरान किसी खिलाड़ी या पर्यटक का ज़ीका से ग्रस्त होने का मामला सामने नहीं आया। वास्तव में वर्ष 2015 की अपेक्षा, वर्ष 2016 में ब्राजील में ज़ीका से ग्रस्त लोगों की संख्या बहुत कम हुई है। लेकिन महामारी की स्थिति बेहतर नहीं थी। इसलिये हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गत वर्ष नवंबर में यह घोषणा की कि ज़ीका वायरस से अंतर्राष्ट्रीय ध्यान खींचने वाली आपात सार्वजनिक स्वास्थ्य घटना खत्म हो गयी। लेकिन बार्रोस ने यह कहा है कि ब्राज़ील आपात स्थिति से तभी मुक्त होगा, जब ब्राजील में महामारी बिल्कुल खत्म हो जाएगी।
ज़ीका का प्रसार-प्रचार मुख्य तौर पर एडीज एजिप्टी पर निर्भर है। हालांकि यह वायरस बहुत खतरनाक है, लेकिन उससे पीड़ित रोगियों की मृत्यु दर ऊंची नहीं है। सामान्य लोगों को ज़ीका से ग्रस्त होने के बाद बुखार, लाल चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। और 2 से 7 तक दिनों के बाद लोग खुद स्वस्थ हो सकते हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं के प्रति ज़ीका का प्रभाव सचमुच भयानक है। अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है की ज़ीका वायरस बच्चों के मैक्रोसेफ़ले से संबंधित है। ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अब इस देश में मैक्रोसेफ़ले से ग्रस्त नवजात बच्चों की संख्या 2159 तक पहुंच गयी। यह संख्या बीते दस वर्षों की कुल संख्या से और अधिक है।