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    न्यिंग्छी में गैरभौतिक सांस्कृतिक अवशेषों का संरक्षण और विकास
    2016-02-05 18:29:24 cri

     चिनबा गांव कार्यशाला की प्रधान, गांव में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शाखा सचिव पालू

    चिनबा गांव ने भी काए होंग रेई पर गहरी छाप छोड़ी। चिनबा गांव पहाड़ पर स्थित है। यहां के मकान, शूकरशाला, और हर घर के बाड़े प्राकृतिक पर्यावरण से मिलते जुलते हैं, जो बहुत सुन्दर हैं। उनके विचार में सुन्दरता के प्रति यहां के लोगों के मन में ज़रूर अपनी समझ मौजूद है। इसके अलावा साधारण जीवन में गांववासी शांति और आराम से बिताते हैं। यहां की महिलाओं के साथ सहयोग करके तिब्बती टेक्सटाईल कला के विकास की संभावना है। काए होंग रेई ने कहा:"मैंने सचिव पालू के पास जाकर कहा कि दीदी, क्या यहां की महिलाएं कताई-बुनाई कर सकती हैं?उन्होंने जवाब दिया कि जी हां। पर हम केवल तिब्बती शैली के कपड़ों की बुनाई कर सकती हैं। तो मैंने कहा कि मैं आप लोगों को कुछ ऊनी धागे दूंगी, और आप लोग अपनी इच्छा से बुनाई कर सकती हैं। इसके बाद हमने ऐसा ही किया। जब मैंने उनके उत्पादों को देखा, तो मैं हैरान हो गई। मुझे लगता है कि वे इतने खूबसूरत हैं।"

    चिनबा गांव कार्यशाला तिब्बत के न्यिंग्छी परंपरागत कला और संस्कृति के विकास केकार्यक्रम का एक हिस्सा है। और काए होंगरेई इस कार्यक्रम के डिज़ाइनर हैं। वर्ष 2012 में न्यिंग्छी में इस कार्यक्रम को शुरू किया गया। गैर भौतिक सांस्कृतिक अवशेषों की रक्षा के साथ इसका विकास और प्रयोग भी किया जाता है। इस कार्यक्रम में चिनबा गांव की तिब्बती टेक्सटाइल कला कार्यशाला, फंगरेनछूडे मंदिर की तिब्बती धूप कार्यशाला, लांग काऊंटी की चिनतुङ तिब्बती कागज़ कार्यशाला समेत छह मुद्दे शामिल हैं और विभिन्न मुद्दों के विकास के लिये अपनी अपनी दिशा होती है।

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