वन रक्षक दावा अपने घर में
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में न्यिंग्छी प्रिफेक्चर की बोमे काउंटी में स्थित बड़ी घाटी राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में वन संसाधन प्रचुरता से मौजूद हैं। बोमे काउंटी के कुश्यांग टाउनशिप में रहने वाले दावा नाम के बुजुर्ग इस क्षेत्र में सुप्रसिद्ध वन रक्षक हैं। हालांकि वे अब बहुत बूढ़े हो चुके हैं और वैसे पर्वत में वनों की रक्षा व देख-भाल नहीं कर सकते, जैसे वे जवानी के दिनों में करते थे। फिर भी वे अपने घर के सामने वनों की देख-भाल कर रहे हैं और अपनी जन्मभूमि के पारिस्थितिकी पर्यावरण की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते।80 वर्षीय दावा बोमे काउंटी के कुश्यांग टाउनशिप के बाखा गांव में अपनी पत्नी, बेटे और बहू के साथ पहाड़ी घाटी में स्थित एक छोटे से लकड़ी के घर में रहते हैं। हालांकि वे अब बहुत बूढ़े हो चुके हैं तथा अब खेती का काम नहीं कर सकते। फिर भी वे गांव में एक दो बार घूमने निकलते हैं और देखते हैं कि आसपास के जंगल में कोई व्यक्ति अवैध रूप से लकड़ी तो नहीं काट रहा, या जानवरों का शिकार तो नहीं कर रहा। पिछले 20 सालों से यह उनकी आदत बन गई है। वर्ष 1991 में दावा ने टाउनशिप की संबंधित समिति के पास वन रक्षक बनने का आवेदन किया। इसकी चर्चा करते हुए दावा ने कहा: "उस समय मैं लगभग 50 वर्ष का था। मैंने टाउनशिप की संबंधित समिति को वन रक्षा करने के काम में भाग लेने का आवेदन किया। उस समय गांव में अवैध रूप से लकड़ी काटने की स्थिति गंभीर थी। गांववासी उत्पादन तथा जीवन के लिए पर्वत पर चढकर लकड़ी काटते थे। इन सालों में काउंटी तथा टाउनशिप की मदद से मैं यह काम आज तक करता आ रहा हूं।"