अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।
अखिल- दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि एक अच्छा वक्ता कैसे बना जा सकता है?
एक सामान्य व्यक्ति भी भीड़ से अलग नजर आ सकता है, यदि वह एक अच्छा वक्ता हो! यदि आप ग्रुप सेमिनार, किसी मीटिंग, या स्टेज पर जाने के नाम से डरते हैं, भीड़ को संबोंधित करने का सोचकर आपके पैर कांपते हैं, या जब आप सामने वाले तक अपनी बात पहुंचाते हैं तो वह आपकी बातों को इग्नोर कर देता है.. तो आईए जानते हैं एक अच्छा वक्ता बनने के 10 तरीके :
1) तैयारी करें :
ये पहला और सबसे ज़रूरी पॉइंट है . आप जिस विषय पर, जिस जगह और जिस समूह के सामने स्पीच देने वाले हैं , उसके अनुसार आपकी तैयारी होनी चाहिए। तैयारी करने के लिए खुद को पर्याप्त समय दें , google , अख़बारों , लाइब्रेरी का पूरा प्रयोग करें और जबरदस्त कंटेंट तैयार करें, मिरर के सामने उसकी rehearsal करें, हो सके तो अपने speech की recording कर के सुनें और गलितयों को सुधारें. याद रखें आप चाहे कितना अच्छा बोलना क्यों न जानते हों , अगर आपका कंटेंट अच्छा नहीं है तो बात नहीं जमेगी .
2) ये सोचें कि आपको सफल होकर आना है :
दोस्तों, सफलता का सबसे बड़ा सूत्र यही है कि आप कभी भी हार न माने. हार के बारे में सोंचे भी नहीं.. हम दिमाग के लिए जैसे मैसेज टाइप करते हैं, या दिमाग को जैसे इनपुट देते हैं, उसी के अनुसार हमें output प्राप्त होता है, और हम वैसा ही कार्य करते हैं.. यदि हम दिमाग को लगातार असफलता और हार का सन्देश देंगे तो हमारी हार निश्चित है। इसलिए दिमाग और मन को हमेशा सफलता और आत्मविश्वास का सन्देश दीजिए इससे output के रूप में आप हमेशा खुश रहेंगे और शरीर भी उसी के अनुरूप आगे बढ़ने को तैयार होगा.. यदि आप हमेशा और हर बार खुद से यह कहें कि "आप इसे यकीनन कर सकते हैं, आपके अंदर वो quality है, तो आप उसे सफलता से पूरा कर लेंगे.." इसलिए खुद पर यकीन करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ श्रोताओं के सामने अपने विचार प्रकट कीजिये, यकीनन आप श्रोताओं का दिल जीत सकते हैं .
3) श्रोताओं से जुड़ें :
दोस्तों, हमेशा श्रोताओं से जुड़ने का प्रयास कीजिये, यदि आप पहले भी कभी उनके शहर में आ चुके हों तो उन बातों को दोहराइए, उस शहर के यादगार लम्हों को उनके सामने रखिये. उस स्थान के दुर्लभ स्मारकों की बात कीजिये. यदि उस अनगिनत की भीड़ में भी आप कुछ लोगों को जानते हों और वे फेमस हैं, तो उनका आदरपूर्वक जिक्र कीजिये.
4) भाषण बिना देखे बोलें :
अगर एक प्रभावी वक्ता बनना है तो आपको बिना देखे बोलना आना चाहिए . बेशक आप अपने साथ कुछ notes रख सकते हैं, या पूरा का पूरा भाषण भी type कर के ले जा सकते हैं. पर आपकी practice इतनी होनी चाहिए कि सुनने वाले को ये लगे कि आप बोल रहे हैं पढ़ नहीं रहे हैं।
5) Eye contact बनाये रखें :
एक अच्छा speaker speech देते वक़्त हमेशा audience की आँखों में देखता है, ऐसा करने से उसके self-confidence का पता चलता है। आप भी इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप इधर – उधर देखने की बजाये श्रोताओं को देखें और ये भी ध्यान दें कि आप एक ही तरफ ये कुछ विशेष व्यक्तियों को ही नहीं देख रहे बल्कि बारी-बारी पूरे group से नज़र मिला रहे हैं .
6) रुचि की बात करिये :
यदि आप एक सफल वक्ता बनना चाहते हैं, तो आपको श्रोता की पसंद का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. जब आप श्रोता को एक दोस्ताना माहौल देते हैं, उनके व्यवसाय, उनकी समस्याओं, की बात करते हैं तो श्रोता को कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होता. आपकी जिंदगी के छोटे-छोटे किस्से और उनकी जिंदगी से जुड़ी बातें, छोटी-छोटी खुशियों के पल, जब आपकी भाषण के बीच में आते हैं तो श्रोता को आपको अपनाने में देर नहीं लगती.. यदि आप श्रोताओं, संस्था या उस समाज की किसी विशिष्ट उपलब्धि की चर्चा उनके सामने करते हैं, तो प्रतिक्रिया में उनके मुँह खुले के खुले रह जाते हैं, क्योंकि वे सुनकर हैरान हो जाते हैं कि सब वक्ता को पता कैसे चला!
7) गलती हो जाने पर घबराएं नहीं :
Speech के बीच में कुछ गलत pronounce कर देना या अटक जाना कोई गलत बात नहीं है , बशर्ते आप इस situation को smartly handle कर लें . ऐसे मौकों पर आप इसे हास्य का मोड़ भी दे सकते हैं , या सीधे -सीधे , "माफ़ –कीजियेगा " बोल कर speech जारी रख सकते हैं . सभी जानते हैं कि stage पर जाकर बोलना इतना आसान नहीं होता ऐसे में छोटी -मोटी गलतियां होना स्वाभाविक है और इसके लिए घबराने की ज़रुरत नहीं है .
8) निंदा से हमेशा बचें :
श्रोताओं या उनसे जुड़ी चीजों की निंदा करने से बचें, जब आप अपना भाषण दे रहे हों तो आपका पूरा ध्यान श्रोताओं पर होना चाहिए और इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपके मुँह से निकली बात सामने वाले पर पूरा प्रभाव डालेगी. कई बार हम किसी क्षेत्र और वहाँ की अव्यवस्थाओं पर कड़े और तीखे भरे स्वर में निंदा कर देते हैं, लेकिन इसी निंदा के बदौलत हम श्रोताओं के दिल में जगह नहीं बना पाते!
9) प्रशंसा से दिल जीतें :
श्रोताओं का दिल खोलकर वास्तविक प्रशंसा करें, क्योंकि प्रशंसा ही दिल को जीतने का सबसे अच्छा माध्यम है. श्रोता बहुत समझदार होते हैं, उन्हें मख्खनबाजी और वास्तविकता का फर्क बहुत अच्छे से पता होता है.. यदि आप किसी College में Speech देने के लिए गए हैं और आप स्टुडेंट्स से कहते हैं:- "आप सब दुनिया के सबसे अच्छे स्टुडेंट्स हैं" या "आपके जैसे अच्छे और होनहार स्टूडेंट हमने आजतक नहीं देखा" तो बच्चे समझ जायेंगे कि आप सिर्फ मख्खन लगा रहे हैं!
लेकिन यदि आप कहते हैं :- "बच्चों आप सबको देखकर मुझे मेरे कॉलेज लाइफ की याद आ गयी. आप सबने इतने अच्छे से मेरा स्वागत किया, मेरे माथे पर तिलक लगाया. यह मुझे बहुत ज्यादा हृदयस्पर्शी लगा. तो ये उन्हें अच्छा लगेगा। इस प्रकार से आप सिर्फ दो टूक शब्दों में प्रशंसा के माध्यम से श्रोताओं का दिल जीत सकते हैं..
10) दीनता या माफ़ी से कभी शुरूआत न करें :
यदि आप अपनी Speech माफ़ी मांगने या दीनता दिखाते हुए शुरू कर रहे हैं तो आप सिर्फ श्रोताओं के समय को बर्बाद कर रहे हैं. इससे सामने वाले पर अच्छा प्रभाव कभी भी नहीं पड़ता. आपको जिस उद्देश्य के लिए invite किया गया है उस Topic पर बात कीजिये और विदा लीजिए. यदि आपको किसी कारण से माफ़ी मांगनी भी है तो speech के बीच में सरल शब्दों में अपनी बात कह दीजिए लेकिन भाषण की शुरूआत कभी भी माफ़ी मांगने के साथ मत कीजिये .
लिली- तो दोस्तों, ये थे अच्छे वक्ता बनने के 10 तरीके, उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आए होंगे। इसका अगला चरण हमारे अगले कार्यक्रम में भी जारी रहेगा। चलिए अब हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है तितली का संघर्ष