अखिल- दोस्तों, उम्र चाहे कोई भी क्यों न हो जाए, दादी-नानी को हम सब कभी नहीं भूलते। हमारी जिंदगी में उनका एक खास तरह का योगदान रहता है। लेकिन कई बार बुजुर्ग का यही प्यार बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। आपको बता दें कि चीन के वाटर डिलेवरी करने वाले झांग फेंग इन दिनों अपने 8 साल के बेटे को लेकर बहुत परेशान है। वे अपने बेटे को अपने मां-बाप के पास छोड़कर बीजिंग आ गए थे। क्योंकि उन्हें वहां पर काम नहीं मिल रहा था। उसका होम टाउन शेनडॉग प्रांत में हैं। दादा-दादी बच्चे को बहुत प्यार से रखते है।
बच्चा जो चाहता है उसे वहीं लाकर देते हैं, खिलाते-पिलाते हैं। यहां तक कि नुकसान पहुंचाने वाले सॉफ्टड्रिंक और जंकफूड भी लाड़ के चलते कई बार लाकर देते हैं। झांग ने बताया कि मेरी उम्र के लोगों को जो 1980 के बाद पैदा हुए हैं, उन्हें अपने बच्चों की देखभाल के लिए पेरेंट्स पर ही निर्भर रहना पड़ता है। क्योंकि नौकरी की वजह से बच्चों को समय दे पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। उसने बताया कि जिन बच्चों की देखभाल उनके दादा-दादी या नाना-नानी द्वारा की जाती है, किशोरवस्था में उनके मोटे होने का खतरा ज्यादा रहता है। यह कहना है ब्रिटेन की बर्मिघम यूनिवर्सिटी का।
ये स्टडी चीन के 2 बड़े शहरों गुआंगझोउ और गुआंगडोंग के 4 समुदायों के बीच की गई थी। इसमें खुलासा ये हुआ कि बच्चों में बढ़ते मोटापे की एक महत्वपूर्ण वजह बुजुर्ग भी हैं। रिसर्च में बताया गया कि बुजुर्ग ऐसा जान-बूझ कर नहीं करते, सिर्फ जानकारी की कमी होने की वजह से वे बच्चों को मनमाफिक चीजें लाकर देते रहते हैं। इनमें से कई तो ये मानते हैं कि मोटे-बच्चे, दुबलों की तुलना में कम स्वस्थ होते हैं। वहीं पीडियाट्रिशियन और न्यूट्रीशनल रिसर्चर व गुआंग्ची कहते हैं कि चीन के कई हिस्सों में बड़ों और बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, और गांवों में भी पसर रही है।
लिली- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।
अखिल- दोस्तों, हमारे समाज में लड़कियों का शादी से पहले मां बनना अच्छा नही माना जाता और लोग इसे अच्छी नजर से नही देखते लेकिन पश्चिमी बंगाल के जलपाईगुडी में टोटोपडा कस्बे में रहने वाली टोटो जनजाति ऐसी हैं जहां लड़कियों के मां बनने के बाद उनकी शादी करवायी जाती है। चौंक गये न आप... जी हां यह वाकई चौंकने वाली बात तो अवश्य है लेकिन है सौ फीसदी सत्य। टोटो जनजाति में लड़कियां पहले मां बनती है और उसके बाद बीवी। लेकिन ये यहां की परंपरा है और लोग इसे बखूबी मानते भी हैं। जितना अलग यहां के लोगों का खान-पान और व्यवहार है उतना ही अंतर यहां की परंपराओं में भी है। दरअसल इस जनजाति के रिवाज के मुताबिक लड़का अपनी पसंद की लड़की को भगा ले जाता है, जिसका कोई बुरा भी नहीं मानता। इसके बाद लड़की लड़के के घर में एक साल तक रहती है। इस दौरान अगर लड़की गर्भ धारण कर लेती है तो ही उसे विवाह योग्य समझा जाता है। इसके बाद लड़का-लड़की अपने घरवालों की मर्जी से शादी के बंधन में बंध जाते हैं। जितने अजीब यहां शादी करने के नियम हैं उतना ही मुश्किल यहां शादी तोडऩा भी है। इस समुदाय में शादी तोडऩे के नियम बेहद खर्चीले हैं, जिससे कोई शादी तोडऩे से पहले दो बार सोचे। शादी तोडऩे में शादी करने से भी ज्यादा खर्च आता है, जिससे लोग काफी डरे रहते हैं। अगर कोई लड़का या लड़की शादी तोडऩा चाहते हैं तो विशेष महापूजा का आयोजन करना पड़ता है। जो बहुत खर्चीली होती है।