वेज अपनी कार से कई जगहों की सैर कर जब घर लौटे तो देखा कि सभी कमरों की बत्तियां जल रही हैं. वह बाहर की ओर भागे और एप के जरिए कैमरे में फुटेज देखे. उन्होंने कहा, 'फुटेज में मैंने देखा कि एक महिला दरवाजे पर सिर रखकर 'हेलो हेलो' कह रही है. मैंने तुरंत पुलिस को सूचना दी.'
पुलिसकर्मी का जवाब मिलने तक फुटेज में दिखा कि संदिग्ध व्यक्ति घर से कीमती सामान लेकर भागने को है. पुलिस ने बताया कि वेज के सर्विलांस एप की मदद से चोरी करने वाली 38 वर्षीय महिला किस्ता दिन्नेत के घर का पता चला. महिला ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
लिली- अरे वाह, उस व्यक्ति की होशियारी की दाद देनी होगी जिसने इस कमाल के एप को अपने सीसीटीवी कैमरे से जोड़ रखा था। चलिए मैं एक ऐसे वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में बताती हूं जो पहले कभी भारत के नाम था, अब चीन के नाम है।
दोस्तों, पूर्वी चीन के जियांगशी प्रांत की एक छाता बनाने वाली कंपनी ने दुनिया का सबसे विशाल छाता बनाया है, जिसके लिए कंपनी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। जियांगशी के शिंगजी काउंटी के प्रचार विभाग ने बताया कि लगभग 23 मीटर व्यास और 14.4 मीटर ऊंचाई वाले इस विशाल छाते के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉड के चीनी प्रतिनिधियों ने सोमवार को कंपनी को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। कंपनी को यह प्रमाण-पत्र शिंगजी काउंटी में दिया गया।
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस विशाल छाते का वजन 5.7 टन और क्षेत्रफल 418 वर्ग मीटर है। इससे पहले दुनिया के विशाल छाते का रिकॉर्ड 17.06 मीटर व्यास एवं 10.97 मीटर ऊंचाई वाले छाते का था, जो भारत में है। इसे 2010 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।
अखिल- दोस्तों, मैं अब आपको 'रोटी बैंक'के बारे में बताता हूं जो गरीबों के घर पहुंचता है रोटियां और बटोरता है खुशियां
दोस्तों, उत्तर प्रदेश का बुंदेलखण्ड काफी पिछड़े इलाको में आता है। यहां का महोबा जिला अचानक ही आजकल चर्चा में बना हुआ है। कारण है यहां के कुछ युवा नौजवान जिन्होंने ने एक ऐसी मुहिम चलाई जिसको जानकर आपका दिल पसीज जाएगा। लगभग 40 की संख्या में कुछ युवा और 5 व्यस्क लोगों ने एक ऐसा बैंक तैयार किया है जिसमें गरीबों के लिए हर रोज रोटी का इंतजाम किया जाता है।
जी हां! आपने सही सुना। महोबा के ये बच्चे हर रोज घर-घर जाकर दो ताजा रोटियां मांगते है और फिर उन्हें भूखे और जरुरतमंद लोगों में बांट देते हैं। ये मुहिम इस साल अप्रैल में शुरु हुई थी जो अब एक आंदोलन का रुप ले चुकी है। इससे हर रोज लगभग 400 जरुरतमंद लोगों का पेट भरता है।
इस मुहिम का नाम 'रोटी बैंक'रखा गया है. रेलवे के भिखारियों को रोटी खिलाने से शुरुआत करने वाले 'रोटी बैंक' का यह दल अब महोबा के अधिकतर हिस्सों में ज़रूरतमंदों को रोटी मुहैया करता है जिसमें अस्पताल से ले कर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं. 'रोटी बैंक'के तहत सभी काम करने वाले लोगों को सलाम है.