1. चंद्रकांता : सन् 1994 में दूरदर्शन पर ही प्रसारित होने वाला यह धारावाहिक बेहद लोकप्रिय था। देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित इस धारावाहिक के निर्माता नीरजा गुलेरी थे जबकि इसका निर्देशन सुनील अग्निहोत्री ने किया था।
2. शांति एक औरत की कहानी : सन् 1994 में प्रसारित यह धारावाहिक बेहद लंबा चला था। यह एक तरह से मेगा सीरियल था, और बेहद लोकप्रिय रहा। इसके 807 ऐपिसोड थे। यह सीरियल भारत का पहला ड्रामा सीरीज थी। शांति के रूप में मंदिरा बेदी का किरदार एक तरह से अमर ही हो गया।
3. चाणक्य : निर्देशक और अभिनेता डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी द्वारा लिखित ऐतिहासिक धारावाहिक चाणक्य एक समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सबसे लोकप्रिय सीरियल था। इसमें चाणक्य की भूमिका भी डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने निभाई थी। यह दूरदर्शन पर 8 सिंतबर 1991 से लेकर 9 अगस्त 1992 तक प्रसारित हुआ और देश और विदेश के दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हुआ।
4. भारत एक खोज : दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक को हिंदी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्याम बेनेगल ने बनाया था। यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की किताब भारत एक खोज (Discovery of India) पर आधारित था। इस सीरियल का मूल प्रसारण 1988 से किया गया और यह दूरदर्शन पर काफी लोकप्रिय भी रहा।
5. चित्रहार: दुनिया में टेलीविजन इतिहास का यह सबसे लंबा प्रसारित होने वाला प्रोग्राम था। यह सन् 1960 के दशक में शुरू हुआ था और 1970 के दशक तक आते-आते लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गया। हर शुक्रवार को प्राइम टाइम में तकरीबन 30 मिनिट तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बॉलीवुड के नये पुराने गीत बजाए जाते थे। एक दौर में जबकि भारत में रेडियो अपनी लोकप्रियता के चरम पर था तब गीतों को उनके ऑडियो सहित वीडियो फॉर्म में सिनेमा के अलावा टीवी पर देखना नया अनुभव था। चित्रहार आज भी चल रहा है।
6. बुनियाद : भारत में टेलीविजन आने के शुरुआती दौर में बुनियाद सीरियल ने भी अपने दर्शकों के बीच खासी जगह बनाई। यह सीरियल भी हम लोग सीरियल के समकालीन ही था। इसे 1986 में पहली बार दूरदर्शन पर ही प्रसारित किया गया। यह भारत-पाकिस्तान विभाजन त्रासदी पर आधारित था। इसे रमेश सिप्पी और ज्योति ने निर्देशित किया। इस नाटक की लोकप्रियता इतनी थी कि इसे सालों बाद कई निजी चैनलों ने भी ऑन एयर किया था।
7. हम लोग : यह दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाल पहला डेली सोप था। मध्य और निम्नवर्गीय परिवार के जीवन के रोजमर्रा के संघर्षों और उम्मीदों को इसमें दर्शाया गया था। इस सीरियल ने अपनी लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 7 जुलाई 1984 को इसे पहली बार दूरदर्शन पर टेलीकास्ट किया गया। 156 ऐपिसोड में चले इस सीरियल को मनोहर श्याम जोशी ने लिखा था।
8. रामायण : सन् 1987 से लेकर 1988 तक दूरदर्शन पर प्रसारित इस धारावाहिक में पहली बार जनता ने अपने आस्था के प्रतीक श्री राम को छोटे पर्दे पर जीवंत देखा। रामानंद सागर द्वारा निर्देशित इस सीरियल की लोकप्रियता की भी किसी से तुलना नहीं हो सकी। दरअसल, उस दौर में जबकि भारत में टेलीविजन चंद घरों में ही पहुंचा था और रामचरितमानस और वाल्मिक रामायण मंदिरों, घरों और गांव की चौपालों में आस्था और श्रद्धा के साथ गाई जाती थी, ऐसे दौर में रामायण का पर्दे पर आकार लेना लोगों के लिए न केवल कौतुहल था बल्कि अपनी भक्ति के आराध्य का जीवंत होना ही था। अरुण गोविल की लोकप्रियता राम के रूप में आज भी प्रासंगिक है।
9. महाभारत: 2 अक्टूबर 1988 को पहली बार प्रसारित हुए महाभारत ने भारतीय जनमानस की आत्मा को छू लिया। देश की जनता ने केवल चंद पन्नों में दर्ज अपनी आस्था की किताब और उसके महाविशाल कथानक को पहली बार टीवी नाम के डिब्बे में देखा। श्री कृष्ण, भीष्म, भीम, कुंति, द्रौपदी और श्री कृष्ण के चरित्र को टीवी पर देखकर पूरा देश मानों टीवी से चिपक जाता था। निर्माता बीआर चोपड़ा और निर्देशक रविचोपड़ा का यह सीरियल भारतीय टेलीविजन का इतिहास का सबसे लोकप्रिय सीरियल बन गया। यह पूरे दो साल चला। यह 24 जून 1990 तक प्रसारित किया गया। महाभारत का प्रत्येक ऐपिसोड 45 मिनिट का हुआ करता था और यह सप्ताह में केवल एक दिन, यानी रविवार को दिखाया जाता था। महाभारत की लोकप्रियता इतनी थी कि इसके शुरू होते ही शहरों की गलियां, मोहल्ले और महानगरों की कॉलोनियां सन्नाटे में डूब जाती थी। इस धारावाहिक जितनी लोकप्रियता, भारत में किसी भी धारावाहिक को नहीं मिली।