चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जाति-अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता छिन योंगचांग
आर्थिक विकास और जीवन में सुधार के अलावा तिब्बती जनता के धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता को भी बड़े हद तक गारंटी दी जा रही है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जाति-अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता छिन योंगचांग ने कहा:
"वर्तमान तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में गहरे सामाजिक परिवर्तन आ रहेहैं। तिब्बत के विकास के इतिहास को देखा जाए, तो धर्म तिब्बत के पूर्ण सामाजिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछली शताब्दी के 80 के दशक से ही आज तक तिब्बत में स्वतंत्र धार्मिक विश्वास वाली नीति का अच्छी तरह कार्यान्वयन किया जा रहा है। तिब्बती श्रद्धालुओं की धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता का लगातार विस्तार हो रहा है। अब धार्मिक विश्वास तिब्बती क्षेत्र में श्रद्धालुओं की व्यक्तिगत बात बन गई है।"
चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जाति-अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता छिन योंगचांग ने कहा कि वर्तमान में तिब्बती क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की धार्मिक गतिविधियां सामान्य रूप से आयोजित की जा रही हैं। इतिहास में नष्ट हुए धार्मिक स्थलों और मठों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण किया जा रहा है। तिब्बती बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं के घर में सूत्र भवन और पूजा स्थल उपलब्ध हैं। वे रोज़ाना सूत्र चक्र घुमाते हैं, मठ में पूजा करते हैं और धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। तिब्बती श्रद्धालुओं की इस प्रकार वाली कार्रवाई को सरकारी नीतिगत समर्थन मिला है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जाति-अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता छिन योंगचांग के अनुसार:
"तिब्बती बौद्ध धर्म का व्यापक तिब्बती बहुल क्षेत्रों में विश्वास किया जाता है। वह तिब्बती जनता के सामाजिक जीवन खासकर मानसिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वर्तमान में श्रद्धलुओं के धार्मिक विश्वास उनके रोज़ाना जीवन का महत्वपूर्ण भाग बन गये हैं।"
(श्याओ थांग)