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    तिब्बत में पिछले 50 वर्षों में मिली सफलता
    2015-06-12 20:26:59 cri

    इस वर्ष चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है। पिछली आधी शताब्दी में तिब्बत का छलांग विकास साकार हुआ। जनजीवन का स्तर और गुणवत्ता में भारी बढ़ोतरी हुई। हाल ही में चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञों ने पेइचिंग स्थिति विदेशी पत्रकारों और चीन स्थित विदेशी दूतावासों के प्रेस अधिकारियों के साथ संगोष्ठी आयोजित की। उन्होंने पिछले 50 वर्षों में तिब्बत में विकास और सफलता से अवगत कराया।

    चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के आधुनिक इतिहास अनुसंधान केंद्र के प्रधान के सहायक जालो ने आंकड़े बताते हुए तिब्बत समाज में हुए विकास का परिचय दिया।

    वर्ष 1951 से 2014 तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जनसंख्या 11लाख 40 हज़ार से बढ़कर 30 लाख तक पहुंच गई है। तिब्बती लोगों की औसत आयु 35.5 से 68 तक पहुंच गई। तिब्बत में उत्पादन मूल्य 17 करोड़ 40 लाख युआन से 92 अरब 50 करोड़ युआन तक पहुंच गया है।शिशुओं की मृत्यु दर 430 प्रतिशत से गिरकर 19.97 प्रतिशत तक घट गई। वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले सिर्फ़ मठों में शिक्षा दी जाती थी। आम तिब्बतियों के शिक्षा प्राप्त करने की दर शून्य के बराबर थी। लेकिन वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में"तीन निःशुल्क"नीति अपाई गई है। यानी विद्याथियों के स्कूली जीवन में उनके पढ़ाई का खर्च, आवास और खाने केपैसे सरकार देती है। वर्ष 2014 के अंत तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने प्रति छात्र 2900 युआन का भत्ता दिया। कुल 3 लाख 80 हज़ार विद्यार्थियों को इस नीति से लाभ मिला है। वर्तमान में संपूर्ण तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में औसतन शैक्षिक स्तर 8.1 वर्ष का है। पुराने तिब्बत में मात्र तीन सरकारी चिकित्सा संस्थाएं थीं, जिनमें चिकित्सीय कर्मचारियों की संख्या भी कम थी। प्रति एक हज़ार व्यक्तियों पर मात्र 0.5 डॉक्टर सेवारत थे। लेकिन वर्ष 2008 में जारी आकड़ों के अनुसार तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रति एक हज़ार व्यक्तियों को 3.05 डॉक्टरों की सेवा दी जाती है। इसके साथ ही तिब्बती किसान और चरवाहे निःशुल्क चिकित्सा सेवा का उपभोग करते हैं। आम तौर पर रोगियों को बहुत कम खर्च पर इलाज दिया जा सकता है। वर्ष 2014 में चीन सरकार द्वारा तिब्बत के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा भत्ता मिलने लगा। प्रति व्यक्ति 380 युआन चिकित्सीय सब्सिडी मिलती है। वर्ष 2014 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रति किसान या चरवाहे की औसत आय 7471 युआन थी, जिनमें 30 से 40 प्रतिशत भाग सरकार के संबंधित उदार नीतियों के मुताबिक भत्ते के रूप में किसानों और चरवाहों को दिया जाने वाला है।

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