थाई छी का अभ्यास करते हुए
थाई छी और योग, एक की उत्पत्ति चीन में हुई और एक की भारत में। दोनों एशियाई सभ्यता के प्रसिद्ध प्रतिनिधि हैं। वर्तमान में, ये दोनों प्रचीन स्वास्थ्य खेल दुनिया भर में लोकप्रिय हैं, विशेषकर आधुनिक युवाओं के बीच। आज इस ख़ास रिपोर्ट में हम आप को थाई छी और योग के बारे में जानकारी देंगे।
थाई छी, चीन का राष्ट्रीय अमूर्तसांस्कृतिकविरासत है। चीनी ऐतिहाकिस ग्रंथ《यी चिंग》में यिन और यांग द्वंद्वात्मक थाई छी का आधार है। थाई छी का हावभाव व मूवमेंट बहुत धीमा होता है, लेकिन इसका मूवमेंट बहुत शक्तिशाली होता है। चीन में बहुत ज़्यादा लोग थाई छी का अभ्यास करते हैं, क्योंकि थाई छी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। चीन में रोज सुबह बहुत से लोग पार्क जाकर थाई छी का अभ्यास करते हैं, जिनमें विदेशी लोग भी शामिल होते हैं।
"लगभग सुबह 6-7 बजे, मैं अक्सर पार्क में आकर थाई छी का अभ्यास करने वाले लोगों को देखता हूँ।थाई छी का अभ्यास करने वाले लोगों में ज्यादातर बूढ़े आदमी हैं। मुझे लगता है कि थाई छी का अभ्यास करके लंबी उम्र पायी जा सकती है।"
यह बात चीन में काम करने वाले भारतीय कर्मचारी सतिश की कथन है। वह कभी कभार अपने निवास स्थान के पास स्थित पार्क जाकर सुबह का व्यायाम करते हैं। हर दिन सुबह उन्हें पार्क में थाई छी का अभ्यान करने वालों को मिलता है।
वहीं गोपीनाथ एक तमिल व्यक्ति है। वे चीन स्थित एक अमेरिकी मशीनरी कंपनी में इंजीनियर है। उनके विचार में थाई छी की सिर्फ एक ही विशेषता है, वो है धीमा।
"हर सुबह पार्क में बहुत से लोग थाई छी का अभ्यास करते हैं। मुझे लगता है कि यह एक आरामखेल है, इसका मूवमेंट बहुत धीमा है।"