तिब्बती बंधु दायी साक्षात्कार करते हुए
तिब्बती बंधु दायी के घर में
55 वर्षीय दायी शांगयानचिंग गांव के निवासी हैं, जो कैथोलिक धर्म में विश्वास करते हैं। दायी की पत्नी तिब्बती बौद्ध धर्म की अनुयायी है। घर के पूजा हॉल में अलग-अलग तौर पर यीशु और शाक्यमुनि की मूर्तियां रखी जाती हैं। दायी के दो बच्चे हैं। भिन्न-भिन्न धार्मिक विश्वास करने के बावजूद परिवार में चार सदस्य मेल मिलाप से रहते हैं। तिब्बती बंधु दायी ने कहा:
"हमारे यहां जब तिब्बती बौद्ध धर्म की किसी गतिविधि का आयोजन होता है, तो इसमें हम कैथोलिक श्रद्धालु भी भाग लेते हैं। जब कैथोलिक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, तो इस में बौद्ध धर्म के अनुयायी निमंत्रण पाकर भाग लेते हैं। मेरे दो बच्चों ने अपनी इच्छानुसार कैथोलिक धर्म को चुना। अब वे राजधानी ल्हासा के स्कूल में पढ़ते हैं, वे तिब्बती बौद्ध धर्म के विश्वास करने वाले दूसरे सहपाठियों के साथ जीवन बिताते हैं और पढ़ते हैं। इसमें कोई असुविधा मौजूद नहीं है।"
हर वर्ष क्रिसमस जैसे पारंपरिक पश्चिमी त्यौहार की खुशियां मनाने के समय शांगयानचिंग गांव में क्रिसमस के पेड़ और सांता क्लॉज न होने के बावजूद चर्च स्थानीय तिब्बती बौद्ध धर्म का विश्वास करने वाले गांववासियों को भी बुलाता है। वे एक साथ चर्च में त्यौहार की खुशियां खूब मनाते हैं। जबकि तिब्बती बौद्ध धर्म के पारंपरिक उत्सव आने के समय कैथोलिक अनुयायियों को बुलाकर बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं के साथ खुशियां मनाते हैं। यह शांगयानचिंग गांव में एक विशेष दृश्य बन जाता है।
अच्छा मित्रों, अभी आपने हमारे साथ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छांगतु प्रिफेक्चर में मांगखांग काउटी स्थित शांगयानचिंग गांव का दौरा किया। जहां पूरे तिब्बत में एकमात्र कैथोलिक चर्च सुरक्षित है और गांववासी तिब्बती और कैथोलिक धर्म में विश्वास करते हुए सामंजस्यपूर्ण ढंग से रहते हैं।
(श्याओ थांग)