चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थानीय सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित चीनी तिब्बत विकास मंच का आयोजन 12 से 13 अगस्त को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में हुआ। जिसमें विश्व के 30 से अधिक देशों व क्षेत्रों के करीब सौ मेहमानों ने तिब्बत का अनुभव लेने के साथ-साथ तिब्बत के विकास के लिये सुझाव भी पेश किए। यह तिब्बत में तिब्बत के विकास से जुड़े कई विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी वाला पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है।
मंच के उद्घाटन समारोह में चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष यू चेंगशेंग ने बधाई संदेश भेजा और कहा कि तिब्बत चीनी लोक गणराज्य का एक स्वायत्त प्रदेश है। तिब्बत मानव समाज के विकास की आवश्यकता और चीन की राष्ट्रीय स्थितियों से मेल खाने वाले रास्ते पर चल रहा है। तिब्बत का विकास केंद्रीय सरकार, जनता की सहायता और तिब्बत के विभिन्न जातीय समुदाय की एकता से अलग नहीं हो सकता। तिब्बत का भविष्य उज्जवल होगा।
अपने बधाई संदेश में यू चेंगशेंग ने यह भी कहा कि इधर के वर्षों में तिब्बत मनुष्य व प्रकृति के संबंधों का सही ढंग से निपटारा करते हुए अपनी विशेषता वाले विकसित रास्ते पर आगे चल रहा है। नए दौर में तिब्बत के विकास के सामने अहम अवसर मौजूद है। तिब्बत के विशेष भौगोलिक स्थान, अलग पारिस्थितिकी पर्यावरण और अद्वितीय सांस्कृतिक परंपरा से तिब्बत में अनवरत विकास करने की आवश्यकता जाहिर हुई।
चीनी तिब्बत विकास मंच के उद्घाटन समारोह में चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय की उप-प्रधान छुए यूइंग ने भाषण देते हुए कहा कि तिब्बत सभ्यता और प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। बर्फीले पठार में परिपक्व हुए इस तिब्बती अधिकारी ने इतिहास, देश, जनता और विश्व की दृष्टि से तिब्बत के विकास से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा:
"तिब्बती जनता की ऐतिहासिक यादों में दो अलग तिब्बत मौजूद हैं। एक है पुराना तिब्बत और दूसरा है नया तिब्बत। वर्ष 1959 में हुए लोकतांत्रिक सुधार दोनों ऐतिहासिक काल का बंटवारा है। कोई भी इतिहासविद इसे कभी अस्वीकार नहीं करता कि 20वीं सदी के 50 के दशक के पूर्व कई सौ वर्षों में तिब्बत प्रशासनिक व धार्मिक मिश्रित सत्ता वाली सामंती भूदास वयवस्था में रह रहा था। जिस समय मध्य युग के यूरोप से ज्यादा अंधेरा था।"