ब्रिटिश सांसद लॉर्ड नेइल फ़ोर्बेस डेविसन पहली बार तिब्बत की यात्रा पर आए। उन्होंने कहा:
"क्या ब्रिटिश लोग सही मायने में तिब्बत के विकसित रास्ते को समझते हैं या नहीं?तिब्बत में बुनियादी संस्थापनों के निर्माण से तिब्बती जनता के जीवन स्तर में बड़ी उन्नति हुई। लेकिन इस प्रकार के सुधार पश्चिमी नागरिकों की समझ में नहीं आते। मुझे लगता है कि इस तरह के मंच के आयोजन से तिब्बत के प्रति हमारी समझ बढ़ेगी। मैं पहली बार तिब्बत के पर दौरे पर आया हूँ। स्वदेश वापस लौटने के बाद मैं अपने साथियों और दोस्तों के साथ तिब्बत यात्रा का अनुभव साझा करूंगा, ताकि वे लोग चीन के तिब्बत और चीन-ब्रिटेन संबंधों के प्रति ज्यादा समझ हासिल कर सकें।"
चीनी तिब्बत विकास मंच तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में जारी है। चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यलय की उप प्रधान छुए यूइंग ने इतिहास, देश, जनता और विश्व चार आयामी पहलुओं में तिब्बत के विकास के बारे में अपनी जानकारी साझा की। इसके बारे में मंच में उपस्थित देशी विदेश प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
ब्रिटिश वाणिज्य मंत्री लॉर्ड नेइल फ़ोर्बेस डेविसन ने इसका उच्च मूल्यांकन करते हुए कहा कि यह तिब्बत की समझ लेने के लिए चार अच्छा दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के विभिन्न स्थलों से तमाम पर्यटक तिब्बत को देखने आते हैं। तिब्बत से जुड़ी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में पता चलने के बाद हम खुद तिब्बत आएं, तो हम देख सकते हैं कि यहां के लोग समृद्ध जीवन बिता रहे हैं और वे बहुत मित्रवत हैं।
चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के विश्व धर्म अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता कार्चांगच्या ने कहा कि ये चार पहलू तिब्बत के कल, आज और भविष्य का अच्छा आकलन है। उन्होंने बौद्ध धर्म का उदाहरण देते हुए कहा कि अब बौद्ध धर्म के अनुसंधान का अच्छी बुनियाद मौजूद है, इसके आगे अध्ययन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को तिब्बती बौद्ध धर्म के कल, आज और भविष्य की दिशा को समझाना चाहिए।
वहीं द हिन्दू अख़बार के महानिदेशक नरसिम्हन राम ने कहा कि वास्तविक स्थिति जानने के बाद लोगों को अपनी बात रखनी चाहिए। जब वे पहली बार तिब्बत आए, तो उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा को तिब्बत की सही पहचान करने वाला दौरा बताया। वैसे वे तिब्बत से जुड़े तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज पढ़ने के साथ-साथ तिब्बत की कई बार यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीन के पास तिब्बत की प्रभुसत्ता है। तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है, इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि मौजूदा"चीनी तिब्बत विकास मंच"की थीम"तिब्बत के विकास में मौका और विकल्प"है। मंच में"तिब्बत में अनवरत विकास का रास्ता","विरासत में लेते हुए तिब्बती संस्कृति का विकास व संरक्षण"और"तिब्बत में पारिस्थितिकी व पर्यावरण संरक्षण"तीन विषयों पर चर्चा की गई।
मंच की समाप्ति के बाद देशी विदेशी मेहमानों ने ल्हासा और लीनची प्रिफेक्चर का दौरा किया। उन्होंने तिब्बत में आए बदलाव को स्वयं महसूस किया।