2009-06-18 16:47:11

विश्व बैंक की चीनी आर्थिक वृद्धि से जुड़ी प्रत्याशा

दोस्तो , अचल पूंजी निवेश में आयी तेज वृ्द्धि के प्रोत्साहन में विश्व बैंक ने जारी नवींतम चीनी आर्थिक रिपोर्ट में चालू वर्ष की चीनी आर्थिक वृद्धि से ज़ड़ी प्रत्याशी उन्नत की । इस रिपोर्ट में 2009 में चीनी जी डी पी की वृद्धि दर 7.22 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है , यह आंकड़ा गत मार्च में जारी अनुमान से 0.7 प्रतिशत अधिक रहा । पर विश्व बैंक के चीनी प्रथम अर्थ शात्री अर्डो हानसोन ने कहा कि अब चीनी अर्थव्यवस्था की पुरजोर बहाली का जो अनुमान लगाया गया , वह कुछ जल्दबाजी ही है ।

नवम्बर 2008 से लेकर आज तक चीन सरकार ने सकारात्मक वित्त नीति और समुचित ढीली मुद्रा नीति लागू कर दी और अर्थतंत्र को उत्साहित देने के लिये 40 खरब य्वान की योजना बनायी । विश्व बैंक की रिपोर्ट में मान लिया गया है कि उत्साहित प्रस्ताव के बढ़ावे में चालू वर्ष के पहले पांच माहों में चीनी आधारभूत निर्माण और सरकार से प्रभावित अन्य क्षेत्रों में पूंजी निवेश में तेज वृद्धि हुई है, जिस से अर्थतंत्र में ध्यानाकर्षक वृद्धि दर बनी हुई है ।

लेकिन क्योंकि चीनी ठोस अर्थतंत्र भूमंडलीय अर्थतंत्र के साथ घनिष्ट रुप से जुड़ा हुआ है , इसलिये विश्व आर्थिक स्थिर वृद्धि होने से पहले चीन की आर्थिक वृद्धि दर के दस प्रतिशत तक फिर से पहुंचने की संभावना मौजूद नहीं है । विश्व बैंक के उच्च स्तरीय अर्थशात्री लुइस क्वीजस ने कहा हमारा विचार है कि विश्व अर्थतंत्र की पूरी बहाली से पहले चीनी आर्थिक वृद्धि दर उच्चतम वृद्धि दर तक बहाल होने में असमर्थ है । हमारा अनुमान है कि 2009 में चीनी आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत होगी ।

गत मार्च में जारी चीनी आर्थिक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने चीनी जी डी पी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था । लेकिन गत मार्च से चीनी अर्थतंत्र में निरंतर वृद्धि से विश्व बैंक के उक्त अनुमान को 0.7 प्रतिशत उन्नत कर दिया ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वर्ष के अप्रैल व मई इन दोनों माहों में चीनी निर्यात में समान अवधि से 20 प्रतिशत की गिरावट आयी , लेकिन आयात में मार्च से तेज बृद्धि हुई , खासकर कच्चे मालों का आयात उत्साहित योजना के बढावे में तेजी से बढ़ गया । साथ ही अपेक्षाकृत कम मुद्रास्फीति दर से नागरिकों की वास्तविक आय बढ़ गयी है , चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में चीनी ठोस उपभोक्ता शक्ति पुरजोर नजर आयी है ।

विश्व बैंक के चीनी प्रथम अर्थ शास्त्री अर्डो हानसोन का कहना है कि इधर दो सालों में चीनी आर्थिक वृद्धि ध्यानाकर्षक बनी रहेगी , पर यदि अब से चीनी अर्थतंत्र की पुरजोर बहाली कही जायेगी , वह कुछ जल्दबाजी है । उन का कहना है  चालू व अगले दो सालों में चीनी अर्थतंत्र में ध्यानाकर्षक वृद्धि बनी रहेगी , लेकिन यदि यह कहा जायेगा कि चीन अभी भी स्थिर बहाली के पथ पर निकल गया है , यह जल्दबाजी ही है ।

विश्व बैंक के उच्च स्तरीय अर्थ शास्त्री लुइस क्वीजस का मानना है कि 2009 में चीन के लिये और अधिक पारम्परिक उत्साहिक कदम उठाना उचित नहीं है , ताकि वित्तीय घाटे में हद से ज्यादा वृद्धि और अगले वर्ष में उत्साहित गुंजाइन की कमी से बचा जा सके । साथ ही बाहरी मांगों की कमी के चलते चीनी आर्थिक वृद्धि को अधिक से अधिक घरेलू मागों , खासकर उपभोग की जरूरत पड़ती है । इस का मतलब है कि आगे से चीन को अनुमानित नीतियों व ढांचागत सुधार पर समुचित रुप से जोर देना होगा , जिस से अर्थतंत्र के संतुलित विकास का लक्ष्य साकार किया जायेगा । लूइस ने कहा चीन कुछ अनुमानित नीतियों व ढांचागत सुधार पर बल देने पर विश्वसनीय है । यह चीनी आर्थिक विकास फारमूले को बदलने और परिवर्तनशील वातावरण में निरंतर विकास करने के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है । चीन के लिये यह जरुरी है कि घरेलू औद्योगिक व आर्थिक विभागों के भरोसे से सेवा उद्योग जैसी आर्थिक गतिविधियों को प्राथमिक दिया जाये और रोजगार व नागरिक आय बढाने के जरिये आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जाये ।