2009-06-18 09:49:44

चीन व रूस के नेताओं ने वार्ता की

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 17 तारीख को मास्को में रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव के साथ वार्ता की। हू चिन थाओ ने बल देकर कहा कि अगर दोनों पक्ष मौके का लाभ उठा कर एक साथ कोशिश करके चतुर्मुखी तौर पर रणनीतिक सहयोग को गहन कर सकेंगे, तो चीन-रूस रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंधों का भविष्य ज़रूर और उज्ज्वल होगा।

हू चिन थाओ ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-रूस संबंध के 60 वर्षों के विकास के सिंहावलोकन से हम चार निष्कर्ष प्राप्त कर सकते हैं ,पहला, केवल आपसी विश्वास व सच्चे दिल से एक दूसरे के साथ बर्ताव करने से दोनों देशों के राजनीतिक संबंध को लगातार गहन किया जा सकता है। दूसरा, केवल आपसी सम्मान, समानता व लाभ को  ध्यान में रख कर व्यवहारिक सहयोग में समान विकास व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। तीसरा, केवल आपसी समझ व समर्थन और एक दूसरे के केंद्रीय हितों से जुड़े मामलों पर आपसी सहयोग करने से अपने-अपने बुनिदायी हित की रक्षा की जा सकती है। चौथा, मतभेदों को दरकिनार रखकर समानताओं की खोज करके मैत्रीपूर्ण सलाह मशविरे से दोनों देशों के संबंधों के दीर्घकालीन, स्वस्थ व स्थिर विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।

हू चिन थाओ ने बल देकर कहा कि चीन-रूस रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंध इतिहास की एक नयी शुरूआत पर खड़ा हुआ है। दोनों देशों के संबंधों को और अच्छी तरह व तेजी से आगे बढ़ाने को सुनिश्चित करने के लिये चीन व रूस को हमेशा आपसी विश्वास,   समग्र स्थिति की दृष्टि, और दूरगामी दृष्टि इन तीनों सिद्धांतों का पालन करना   चाहिए  ।

हू चिन थाओ ने कहा कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट लगातार फैल रहा है। दोनों देशों के व्यवहारिक सहयोग व समान विकास को मजबूत करने का महत्व इस समय और भी उल्लेखनीय है। दोनों पक्षों को अर्थतंत्र, व्यापार, ऊर्जा क्षेत्र आदि क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना चाहिए।

हू चिन थाओ ने कहा कि चीन व रूस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर एक दूसरे में भाषा वर्ष का आयोजन करने की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के मानवीय सहयोग में नए मौके प्राप्त होंगे। दोनों पक्षों को 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिये अच्छी तरह से गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए।
मेदवेदेव ने कहा कि अब दोनों देशों को अतंर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के कुप्रभाव का सामना करना पड़ रहा है। दोनों पक्षों को द्विपक्षीय व बहुपक्षीय ढांचे में सहयोग मजबूत करना चाहिए, और एक साथ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने बल देकर कहा कि रूस रूस-चीन संबंध पर बड़ा ध्यान देता है। उन्होंने सलाह दी कि दोनों पक्षों को राजनीतिक सहयोग को गहन करना, आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को विस्तृत करना, क्षेत्रीय सहयोग व सीमांत क्षेत्रों के सहयोग पर बल देकर विकास करना, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आदान-प्रदान व समर्थन को मजबूत करना, शांघाई सहयोग संगठन,   ब्रिक चार देशों, जी.20, जी.8 व विकासशील देशों के नेताओं की वार्ता व सम्मेलनों में सहयोग का विकास करना, महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों पर सहयोग को मजबूत करना चाहिए, और सहयोग के नये तरीके ढूंढ़ने चाहिए।

वार्ता के बाद दोनों देशों के नेता चीन-रूस के संबंधित सहयोग दस्तावेजों की हस्ताक्षर रस्म में उपस्थित हुए। और ठीक उसी दिन  चीन व रूस ने दोनों देशों के नेताओं की मास्को भेंट से जुड़ा एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।(चंद्रिमा)