2009-06-17 09:35:40

ब्रिक चार देशों की शिखर भेंटवार्ता येकतरिनबर्ग में हुई

चीन, ब्राजिल, रूस और भारत ब्रिक चार देशों की प्रथम शिखर भेंटवार्ता 16 जून को रूस के येकतरिनबर्ग में आयोजित हुई। चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ, रूसी राष्ट्रपति मेडवेडव, ब्राजिली राष्ट्रपति लूला और भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने इस में भाग लिया। भेंटवार्ता में हू चिन थाओ ने महत्वपूर्ण भाषण दिया।

हू चिन थाओ ने कहा कि वर्तमान स्थिति में चारों देशों के सामने विकास के मौके और चुनौतियां भी मौजूद हैं। हू चिन थाओ ने चारों देशों के विकास के लिये चार सुझाव पेश कियेः प्रथम, राजनीतिक विश्वास बढ़ाया जाए। दूसरा, आर्थिक सहयोग गहराया जाए। तीसरा, सांस्कृतिक आवाजाही मजबूत की जाए। चौथा, एक दूसरे क अनुभवों से सीखा जाए।

वित्तीय संकट के मुकाबले के बारे में हू चिन थाओ की सलाह है कि चारों देशों को विश्व के अर्थतंत्र की यथाशीघ्र बहाली और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का सुधार बढ़ाने तथा संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य को मूर्त रूप देने एवं अनाज सुरक्षा, ऊर्जा संसाधन की सुरक्षा व सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की गांरटी करने में संलग्न रहना चाहिये।]

रूसी राष्ट्रपति मेडवेडव ने कहा कि चारों देशों को सहयोग बढ़ाना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सवालों पर सलाह मशविरा करना चाहिए और बहुपक्षीय व द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करना चाहिये।

भारतीय प्रधान मंत्री सिंह ने कहा कि चारों देशों को संरक्षणवाद का दृढ विरोध करना   और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय ढ़ांचे का सुधार बढ़ाना    तथा विज्ञान व तकनीक, ऊर्जा व कृषि आदि क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करना चाहिये।
 
ब्राजिल राष्ट्रपति लूला ने कहा कि मौजूदा भेंटवार्ता का संतोषजनक   अहम है। नवोदित देशों के बीच सहयोग का अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर भारी प्रभाव पड़ेगा। ब्रिक चार देशों के सहयोग में बड़ी शक्ति निहित है।
भेंटवार्ता में ब्रिक के चार देशों के नेताओं के रूस के येकतरिनबर्ग में आयोजित भेंटवार्ता का संयुक्त वक्तव्य जारी किया और अनाज के बारे में भी वक्तव्य जारी किया।(रूपा)

 

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