2009-06-15 20:29:21

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मौजूदा विदेश यात्रा

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ शांग हाई सहयोग संगठन व गोल्डन ब्रिक चार देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने और रूस ,स्लोवाकिया व क्रोएशिया की राजकीय यात्रा के लिए 14 तारीख को पेइचिंग से रवाना हुए ।चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीन की आशा है कि इस यात्रा से चीन व संबंधित देशों के बीच परंपरागत मैत्री बढेगी और व्यावहारिक सहयोग गहरा होगा ताकि नयी चुनौतियों का मिलकर सामना किया जाए । संबंधित चीनी विशेषज्ञों के विचार में चीनी राष्ट्राध्यक्ष की मौजूदा यात्रा का मुख्य उद्देश्य वर्तमान विश्व वित्तीय संकट में अधिक रचनात्मक भूमिका निभाना है ।

रूसी शहर यकाटरिनबर्ग चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मौजूदा विदेश यात्रा का प्रथम पड़ाव है ।हू चिन थाओ यहां शांग हाई सहयोग संगठन के नौवें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे । सिर्फ 8 साल पहले स्थापित शांग हाई सहयोग संगठन के प्रति वर्तमान विश्व की गंभीर आर्थिक स्थिति उस के विकास के रास्ते में एक बडी चुनौती मानी जा रही है ।चीनी उपविदेश मंत्री ली ह्वी ने इस शिखऱ सम्मेलन की चर्चा करते हुए संकट के निपटारे में सहयोग के महत्व पर जोर दिया ।उन्होंने कहा,

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य शांग हाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के दीर्घकालिक मैत्री व सहयोग समझौते को पूरी तरह लागू कर राजनीति ,सुरक्षा व अर्थव्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग को मजबूत करना और वित्तीय संकट के कुप्रभाव का मिलकर निपटारा करना है ताकि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की बहाली व जनजीवन के सुधार में मदद मिल सके ,क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता को मजबूती मिले और चिरस्थाई शांति व समान समृद्धि वाले सामंजस्यपूर्ण क्षेत्र के निर्माण को बढावा मिले ।

ध्यान रहे शांग हाई सहयोग संगठन की स्थापना के बाद चालू साल के शिखर सम्मेलन का पैमाना सब से बडा है ।इस संगठन के पर्यवेक्षक देश मंगोलिया ,ईरान व भारत के सर्वोच्च नेता और अध्यक्ष देश के मेहमान के रूप में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे ।इस के प्रति चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञ चांग यी ने बताया कि इस से जाहिर है कि इस सम्मेलन के दौरान इस क्षेत्र में अफगानिस्तान की नयी स्थिति के प्रभाव पर ध्यान दिया जाएगा और नये सदस्यों की हिस्सेदारी पर विचार विमर्श करने की संभावना भी होगी ।

यकाटरिनबर्ग में राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ चीन ,रूस ,भारत व ब्राजील गोल्डन ब्रिक चार देशों के प्रथम औपचारिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे ।नई आर्थिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के नाते इधर कुछ सालों में गोल्डन ब्रिक चार देशों का तेज आर्थिक विकास हुआ है और उन का अंतरराष्ट्रीय स्थान निरंतर उन्नत हो रहा है ।अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन चार देशों से बडी आशा बांधे हुए है ,खासकर चीन से ।इस के प्रति चांग यी ने कहा ,

वित्तीय संकट पैदा होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भावी राजनीतिक व आर्थिक जीवन में चीन की भूमिका पर बडी आशा बांधे हुए है ।चीनी अर्थव्यवस्था की स्थिरता विश्व आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।विश्व अर्थव्यवस्था में चीन का स्थान उन्नत होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन की आवाज सुनना चाहता है ।वे चीन के साथ सहयोग बढाना चाहते हैं ।

गोल्डन ब्रिक शिखर सम्मेलन की चर्चा करते हुए चीनी उपविदेश मंत्री ह या फी ने हाल ही में कहा था कि चीन रचनात्मक रवैये से गोल्डन ब्रिक के प्रथम शिखऱ सम्मेलन में भाग लेगा और तीनों पक्षों में उपलब्धि प्राप्त करने की आशा है ।उन्होंने कहा ,

पहला ,चार देशों के रणनीतिक मतैक्य का विस्तार कर रणनीतिक विश्वास मजबूत किया जाए ।दूसरा ,वित्तीय संकट के निपटारे के लिए समन्वय मजबूत कर आर्थिक पुनरूत्थान के लिए मिलजुलकर योगदान दिया जाए ।तीसरा ,चार देशों के भावी वार्तालाप व सहयोग की योजना बनायी जाए ताकि चार देशों का सहयोग स्वस्थ व स्थिर रास्ते पर निरंतर आगे बढे ।

सूत्रों के अनुसार गोल्डन ब्रिक के प्रथम शिखर सम्मेलन में चार देशों के नेता मुख्य तौर पर जी 20 वित्तीय शिखर सम्मेलन की प्रक्रिया ,अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं का सुधार ,खाद्यान्न सुरक्षा ,ऊर्जा सुरक्षा ,जलवायु परिवर्तन व विकास व राहत जैसे अहम मुद्दों पर रायों का आदान-प्रदान करेंगे ।

इन दो शिखर बैठकों के अलावा हू चिन थाओ रूस ,स्लोवाकिया और क्रोएशिया की राजकीय यात्रा करेंगे ।चीन रूस संबंध की चर्चा करते हुए चांग यी ने कहा कि इधर कुछ सालों में चीन और रूस के बीच उच्च स्तरीय आवा जाही किसी कारण से कभी नहीं टली ।इस से जाहिर है कि द्विपक्षीय संबंध स्थिर व प्रौढ हैं।

स्लोवाकिया और क्रोएशिया चीन के परंपरागत मैत्रीपूर्ण देश हैं ।उन दो देशों की यात्रा की चर्चा करते हुए चांग यी ने कहा ,

राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की मध्यपूर्व यूरोप की यात्रा नयी स्थिति में चीन और इन देशों के परंपरागत संबंधों को मजबूत करेगी ।इस के अलावा इन देशों की यूरोपीय संघ में हिस्सेदारी के बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की यात्रा चीन और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों व यूरोपीय संघ के बीच सहयोग बढाने के लिए नयी प्रेरणी देगी ।