वर्ष 2009 संयुक्त राष्ट्र की दूसरी जलवायु परिवर्तन वार्ता 12 तारीख को जर्मन के बोन में समाप्त हुआ, जिस में दो सौ से अधिक पृष्ठों वाले नए समझौते का प्रारूप संपन्न हुआ, यह वर्ष के अंत में कोपन्हागेन सम्मेलन की बुनियाद बन जाएगा ।
《संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन ढांचा संधि》के सचिवालय के कार्यकारी सचिव श्री दे बोएर ने इसी दिन तीसरे पहर कहा कि मौजूदा सम्मेलन में विभिन्न देशों की सरकारों ने अपना रूख स्पष्ट किया । उन का विचार है कि कोपनहागेन सम्मेलन में एक महाकांक्षी व कारगर समझौता संपन्न होना अनुमानीय है ।
लेकिन श्री दे बोएर ने चेतावनी देते हुए कहा कि कम गैस निकासी क्षेत्र में विकसित देशों का लक्ष्य फिर भी अपर्याप्त है, उन द्वारा दिए गए वचन और वैज्ञानिकों की मांग के बीच बड़ी दूरी है ।
उन्होंने कहा कि कोपनहागेन सम्मेलन में संपन्न समझौते में चार राजनीतिक विषयों पर स्पष्ट किया जाना चाहिए । जिन में विकसित देशों के कम गैस निकासी लक्ष्य, गैस निकासी परिसिमन में बढ़ोत्तरी को लेकर बड़े विकासमान देशों द्वारा उठाए गए कदम, जलवायु परिवर्तन के मुकाबले व गैस निकासी नियंत्रण में पूंजी प्रदान करने के लिए गरीब देशों को सहायता तथा भविष्य में समझौते के बुनियादी ढांचा आदि शामिल हैं । (श्याओ थांग)
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