संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 12 जून को जनवारी कोरिया के नाभिकीय परीक्षण सवाल के बारे में नम्बर 1874 प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में जनवारी कोरिया की सब से कड़ी निंदा की गई और जनवादी कोरिया से नाभिकीय परीक्षण न करने या बैलिस्टिक मिसाइल से कोई भी प्रक्षेपण न करने की मांग की गई।
प्रस्ताव में जनवादी कोरिया के शस्त्र आयात निर्यात पर पाबंदी, कोरिया आने जाने वाले जहाजों की जांच, खुले समुद्र में जांच और बाहरी पूंजी के जनवादी कोरिया में प्रवेश कर मिसाइल व नाभीकिय शस्त्रों के विकास में इस्तेमाल पर रोक के बारे में स्पष्ट प्रावधान किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ स्थित स्थाई चीनी प्रतिनिधि चांग येस्वी ने कहा कि चीन सुरक्षा परिषद द्वारा उचित प्रतिक्रिया करने का समर्थन करता है। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से जनवादी कोरिया द्वारा नाभिकीय परिक्षण करने के प्रति अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का विरोध जाहिर है और जनवादी कोरिया को वार्ता के जरिए कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय सवाल का शांतिपूर्ण समाधान करने का सुरक्षा परिषद का रुख व संकल्प दिखाया गया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता छिन कांग ने 13 जून को कहा कि चीन सरकार जनवादी कोरिया द्वारा एक बार फिर नाभिकीय परिक्षण करने का दृढ़ विरोध करती है। जनवादी कोरिया की यह कार्यवाही सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का उल्लंघन है, अन्तरराष्ट्रीय नाभिकीय अप्रसार व्यवस्था पर नुकसान पहुंचा है और उत्तर-पूर्व एशिया की शांति व स्थिरता पर प्रभान पड़ा है।
इस के अलावा, अमरीका, रूस, कोरिया गणराज्य, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, लीबिया और ऑस्ट्रिया आदि देशों ने भी सुरक्षा परिषद के नम्बर 1874 प्रस्ताव का समर्थन किया। (ललिता)