चार स्वर्ण ब्रिक देश हैं ब्राजिल, रूस, भारत और चीन, जिनका अर्थतंत्र तेजी से विकसित हो रहा है।
चार स्वर्ण ब्रिक देशों की अवधारणा अमरीका के गोल्डमान साछ्स द्वारा प्रस्तुत की गयी है। गोल्डमान साछ्स का अनुमान है कि 2050 तक विश्व अर्थतंत्र की स्थिति में भारी परिवर्तन होगा। सिर्फ अमरीका और जापान दुनिया की छः बड़ी आर्थिक इकाईयों की नामसूचि में शामिल होंगे, बाकि चार ब्राजिल, रूस, भारत और चीन बनेंगे।
चार स्वर्ण ब्रिक देशों का क्षेत्रफल विश्व की भूमि का 26 प्रतिशत है और जन संख्या विश्व जन संख्या का 42 प्रतिशत। विश्व मुद्रा कोष के आंकड़ों के अनुसार 2006 से 2008 तक चार स्वर्ण ब्रिक देशों में औसत आर्थिक वृद्धि दर 10.7 प्रतिशत रही, जो पश्चिमी देशों व विश्व औसत स्तर से ऊंची है।
हाल के वर्षों में चार स्वर्ण ब्रिक देशों के बीच सहयोग मजबूत हो रहा है। 2008 के 14 से 16 मई तक चार स्वर्ण ब्रिक देशों के विदेश मंत्रियों की प्रथम बैठक रूस के यकटरिन्बर्ग में आयोजित हुई। अगले 16 जून को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिनथाओ यकटरिन्बर्ग में चार स्वर्ण ब्रिक देशों के नेताओं की भेंटवार्ता में उपस्थित होंगे, जो प्रथम औपचारिक भेंटवार्ता है। सूत्रों के अनुसार चार देशों के नेता मुख्यतः विश्व वित्तीय संकट, जी 20 शिखर सम्मेलन की प्रक्रिया, विश्व वित्तीय संगठनों में सुधार, अनाज सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, राहत के विकास, बेलिगेनडाम्म की प्रक्रिया, यानि जी 8 और प्रमुख विकासशील देशों के बीच वार्ता और चार स्वर्ण ब्रिक देशों की वार्ता के भविष्य आदि महत्वपूर्ण सवालों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। (ललिता)