शांगहाई सहयोग संगठन का पूर्वरूप चीन, रूसी संघ, कज्जाकिस्तान, किरगिस्तान और ताजिकस्तान से गठित शांगहाई पांच देशों की भेंटवार्ता व्यवस्था था । 2001 में उज्बेकिस्तान ने इस भेंटवार्ता व्यवस्था में भाग लिया। छः देशों के राजाध्यक्षों ने प्रथम भेंटवार्ता में शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना का घोषणा-पत्र संपन्न किया, जिससे शांगहाई सहयोग संगठन औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया। 2002 में छः देशों के राजाध्यक्षों ने शांगहाई सहयोग संगठन चार्टर पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संगठन का उद्देश्य, संगठनात्मक संरचना, काम का तरीका, सहयोग की दिशा और वैदेशिक आवाजाही आदि सिद्धांतों पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला गया है।
शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के घोषणा-पत्र और शांगहाई सहयोग संगठन चार्टर के अनुसार संगठन का मुख्य उद्देश्य है विभिन्न सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत करना, राजनीति, अर्थतंत्र, व्यापार, तकनीक, संस्कृति, शिक्षा, ऊर्जा, यातायात, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य के क्षेत्रों में कारगर सहयोग के लिए सदस्य देशों को प्रेरणा देना, क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा व स्थिरता को सुनिश्चित करने में संलग्न रहना और लोकतांत्रिक, न्यायपूर्ण व उचित नई अन्तरराष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था स्थापित करने को बढ़ावा देना।
सदस्य देशों की राज्याध्यक्ष कमेटी शांगहाई सहयोग संगठन की सर्वोच्च संस्था है। हर वर्ष इस की नियमित बैठक आयोजित की जाती है, यानि शांगहाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन। शिखर सम्मेलन का आयोजन करने वाले देश का राजाध्यक्ष शिखर सम्मेलन का अध्यक्ष होता है और सदस्य देशों की राज्याध्यक्ष कमेटी की नियमित बैठक आयोजित करने वाला देश शांगहाई सहयोग संगठन का वर्तमान अध्यक्ष देश है।
2001 से अब तक चीन के शांगहाई, रूस के सेंट पीटर्सबर्ग व मास्को, उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद, कज्जाकिस्तान की राजधानी अस्टाना, किरगिस्तान की राजधानी बिश्केक और ताजिकस्तान की राजधानी दुशाम्बे आदि शहरों में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की राज्याध्यक्ष कमेटी के 8 सम्मेलनों का आयोजन हो चुका है। (ललिता)