2009-06-12 16:38:41

पाकिस्तान में आतंकी हमले का रूझान

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत की राजधानी पेशावर में हुए बम विस्फोट का बचाव व राहत कार्य 11 जून को पूरी तरह समाप्त हुआ, अंतिम आंकड़े के मुताबिक इस विस्फोट से कुल 19 लोग मारे गए और अन्य 52 लोग घायल हुए। यद्यपि इस विस्फोट में मृतकों की संख्या पाक में विभिन्न विस्फोटों में सब से ज्यादा नहीं है, तथापि मौजूदा विस्फोट की विशेषता और इस से पैदा कुप्रभाव से जाहिर है कि पाकिस्तान में आतंकी शक्तियों के हथकंडे और अधिक कुशल और मंजे हो गए हैं। और उन का निशाना उत्तरोत्तर स्पष्ट हो गया है ।

मौजूदा बम विस्फोट पेशावर के पांच सितारा होटल –पेर्ल कंटिनेंटल होटल में हुआ था, इस विस्फोट घटना का हथकंडा पिछले साल के सितम्बर में पाकिस्तान के मैरेओट होटल में हुए बम विस्फोट से मिलता जुलता है । दोनों आतंकी विस्फोटों में हमलावरों ने एक ट्रक में बारूद भर कर सुरक्षा कर्मियों के रोकने की कोशिश को तोड़ कर होटल में घुस कर विस्फोट कर दिया । दोनों विस्फोटों की भिन्नता इस में है कि मैरेओट होटल में सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने में विफल होने के बाद हमलावरों ने मुख्य गैट पर ही बारूद का विस्फोट कर दिया और पेर्ल कंटिनेंटल होटल में हमलावरों ने सफलतापूर्वक सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ कर होटल के लोबी तक पहुंचने के बाद बम का विस्फोट कर दिया। इस से जाहिर है कि आतंकवादियों का विस्फोट करने का हथकंडा और अधिक कुशल और मंजे हो गया है।

इस के अलावा आतंकवादियों ने पहले के एक ही व्यक्ति द्वारा आत्मघाती हमला करने का तरीका बदल दिया और कई लोगों का संयुक्त हमला तरीका ले लिया। पिछले महीने के अंत में पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हमलावरों ने संयुक्त हमले का तरीका आजमाया था । उस बार, कई बंदुकधारी आतंकियों ने पहले पुलिस थाने की इमारत के दरवाजे पर तैनात सुरक्षा कर्मियों पर गोलिया बरसायी और इस के बीच आत्मघाती हमलावर ने गाडी दौड़ा कर पुलिस कार्यालय इमारत तक पहुंच कर बम का विस्फोट कर दिया, जिस से 30 लोग मारे गए और 250 लोग जख्म हो गए हैं। पुलिस कार्यालय इमारत भी बर्बाद हो गयी । ध्यान देने की योग्य बात यह है कि अब तक पुलिस ने पेशावर के विस्फोट स्थल पर आत्मघाती हमलावरों की लाश बरामदा नहीं की ,इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हमलावरों ने घटना स्थल से दूर कहीं छिपे टाइम उपकरण या दूर नियंत्रण तरीका अपनाकर विस्फोट कर दिया । स्पष्ट है कि अब पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा आतंकी हमला करने में यह नयी विशेषता उभरी हैः वे सुनियोजित रूप से साजिश रचते हैं और सामुहिक कार्यवाही का रूप अपनाते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रभाव प्राप्त हो सके । ऐसे हमलों में कम खर्च होता है और अपनी शक्ति भी सुरक्षित की जा सकती है । वे पहले जैसे आत्मघाती हमले के तरीके से बचने की कोशिश करते हैं।

अब आतंकी हमलावरों ने विदेशियों के आवास पांच सितारा होटल में बम विस्फोट करने का तरीका भी चुना और 500 किलोग्राम बारूद का इस्तेमाल किया, जिस का मकसद बड़े से बड़ा कुप्रभाव कर दिखाना है। कहा जा सकता है कि पेशावर विस्फोट वारदात से पाकिस्तान के भीतर दहशत उत्पन्न हुआ है। अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को भी गहरा सदमा पहुंचा है । वर्तमान में पेशावर निवासी हर वक्त आतंक की आशंका से डरते हैं । इस्लामाबाद और लाहौर आदि पाक शहरों में पाक सुरक्षा विभागों को सुरक्षा की सतर्कता बढाना पड़ा । अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपीय संघ आदि अन्तरराष्ट्रीय संगठनों और चीन समेत विभिन्न देशों ने पेशावर विस्फोट की कड़ी निन्दा की और दुनिया भर की मीडिया ने इस के बारे में रिपोर्टें दीं और इस पर बड़ा ध्यान दिया।

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के बम विस्फोट का मकसद वहां शरणार्थियों के पुनर्वास के काम को भंग करना भी है। पाक में तालिबान सशस्त्र शक्तियों के खिलाफ फौजी कार्यवाहियों के गहरे चले जाने के साथ साथ पाक उत्तर पश्चिम क्षेत्र में 20 लाख शरणार्थियों का पुनर्वास करने का काम भी शुरू हुआ है। पेर्ल कंटिनेंटल होटल पेशावर में सब से अच्छी सुविधा और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाला होटल है। विस्फोट के दिन 20 से ज्यादा संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी होटल में ठहरे थे , इस हमले में दो संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों ने जान गंवायी । विस्फोट के बाद पेशावर में संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यवाही अस्थाई रूप से बन्द होनी पड़ी। 40 संयुक्त राष्ट्र कमर्चारी पेशावर से इस्लामाबाद में स्थानांतरित हो गए और आतंकी विस्फोट का संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी राहत सहायता योजना पर भी असर पड़ा ।