2009-06-12 12:20:50

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीनी मानवाधिकार के समस्त नियमित पुनर्विवेचन का अंतिम दस्तावेज पारित

दोस्तो , संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 11 वें सम्मेलन ने 11 जून को चीनी मानवाधिकार के समस्त नियमित पुनर्विवेचन का अंतिम दस्तावेज पारित किया । अल्जीरिया और पाकिस्तान जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में क्रमशः चीनी मानवाधिकार के विकास में प्राप्त उपलब्धियों की तारीफ बांधी ।

गत फरवरी में मानवाधिकार परिषद के समस्त नियमित पुनर्विवेचन प्रणाली सम्मेलन में चीन , कनाडा , रुस और क्यूबा समेत 16 देशों ने अपने अपने देशीय मानवाधिकार स्थिति से जुडे पुनर्विवेचन को स्वीकृत किया और मानवाधिकार पुनर्विवेचन रिपोर्टे पारित की । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के मौजूदा सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उक्त रिपोर्टों में प्रस्तुत सुझावों के कार्यांवयन पर पुनर्विवेचन और अंतिम रिपोर्ट दस्तवेज पारित करना है ।

सम्मेलन में चीनी मानवाधिकार रिपोर्ट पर पुनर्विवेचन करते समय चीनी प्रतिनिधि मंडल के नेता , जेनेवा स्थित चीनी राजदूत ली पाओ तुंग ने सर्वप्रथम विभिन्न देशों द्वारा प्रस्तुत सुझावों को मूर्त रूप देने के बारे में परिचय दिया । उन का कहना है  गत 13 अप्रैल को चीन सरकार ने प्रथम राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यवाही कार्यक्रम ( 2009 से 2010 तक ) जारी किया , यह चीन का मानवाधिकार को प्रधानता देने वाला प्रथम राष्ट्रीय कार्यवाही कार्यक्रम ही है , उस में नागरिकों के राजनीतिक अधिकार और आर्थिक , सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकार शामिल हैं , साथ ही मानवाधिकार पर पुनर्विवेचन करने में दूसरे देशों द्वारा प्रस्तुत लाभदायक सुझावों का ग्रहण भी किया गया है।

वित्तीय संकट में ग्रामीण जन जीवन की सुनिश्चितता के बारे में दूसरे देशों द्वारा प्रस्तुत सुझावों की चर्चा में ली पाओ तुंग ने कहा चीन सरकार ने गत वर्ष के अंत में अर्थतंत्र को उत्साहित करने के लिये 40 खरब य्वान की योजना पेश की , अब तक केंद्रीय सरकार ने 44 प्रतिशत की पूंजी पूरी की है । गत अप्रैल के अंत तक चीन ने एक करोड़ 46 लाख ग्रामीण वासियों के लिये जल सुरक्षा सवाल का समाधान कर लिया , फायदा होने वाले लोंगों की संख्या दो महीनों से करीब दो गुनी बढ़ गयी है ।

इस के अतिरिक्त कुछ विकासमान देशों ने गरीबी उन्मूलन अनुभवों का समान उपभोग करने का सुझाव भी दिया है , राजदूत ली ने इस का उल्लेख करते हुए कहा चीन ने अनेक विकासमान देशों के साथ गरीबी उन्मूलन सहयोग दस्तावेज संपन्न किये हैं , ताकि विश्व में जल्द ही संयुक्त राष्ट्र के सहस्राब्दी विकास लक्ष्य को पूरा करने की समान कोशिश की जा सके ।

कुछ देशों के प्रतिनिधियों ने अपने भाषण में मानवाधिकार सवाल को सुलझाने में चीन सरकार द्वारा उठाये जाने वाले सिलसिलेवार कदमों को पुष्ट किया है । जेनेवा स्थित पाकिस्तान के प्रतिनिधि मंडल के राजदूत जमिर अक्रम ने अपने भाषण में कहा चीन ने संयुक्त राष्ट्र नागरिक अधिकार व राजनीतिक अधिकार की अंतर्राष्ट्रीस संधि के अनुमोदन को अपनी कार्यसूची में शामिल कर लिया है , अब वह इसी संदर्भ में संजीदगी के साथ तैयारी का काम करने में लगा हुआ है । साथ ही चीन ने प्रथम राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यवाही कार्यक्रम प्रस्तुत किया है , यह कार्यक्रम अनेक संबंधित मानवाधिकार क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है , खासकर जनव्यापी चिकित्सा गारंटी व्यवस्था की स्थापना समेत विषय सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं , क्योंकि चीन एक बड़ी जन संख्या वाला देश है , इस व्यवस्था का भारी महत्व है ।

इस के अतिरिक्त मौजूदा मानवाधिकार पुनर्विवेचन के दौरान चीन के खुले व सहयोगी रवैये को बहुत से हिस्सेदारों की ओर से दाद मिली है । अल्जीरिया के प्रतिनिधि ने अपने भाषण में कहा हम चीनी प्रतिनिधि मंडल की निष्कपट , पारदर्शी और खुली भावना के प्रशंसक हैं । मौजूदा सम्मेलन में हम ने चीन द्वारा प्रस्तुत वैज्ञानिक विकास दृष्टिकोण की धारणा में बड़ी दिलचस्पी दिखाई है । अब चीन सरकार ने विकासमान देशों के साथ इस विकास धारणा के समान उपभोग के बारे में हमारे सुझाव के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया की है , हम इस बात के प्रशंसक भी हैं ।

चीनी प्रतिनिधि मंडल ने संजीदगी के साथ विभिन्न पक्षों के भाषण सुन लिये हैं , उन के समर्थन व प्रोत्साहन के प्रति आभार व्यक्त किया और उन के युक्तिसंगत सुझावों को चौतरफा तौर पर बखूबी अंजाम देने का विचार भी व्यक्त किया है ।