2009-06-11 11:49:22

सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों ने जापान व कोरिया गणराज्य के साथ जनवादी कोरियाई नाभिकीय परीक्षण पर प्रस्ताव मसौदे पर मतैक्य पाया

दोसतो , संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों ने जापान व कोरिया गणराज्य के प्रतिनिधियों ने दस जून को जनवादी कोरिया के नाभिकीय परीक्षण के बारे में प्रस्ताव मसौदे पर मतैक्य प्राप्त कर लिया । यह प्रस्ताव मसौदा उसी दिन सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के सामने पेश किया है । पता चला है कि इस प्रस्ताव मसौदे का मतदान इसी हफ्ते के भीतर किया जायेगा ।

दो साप्ताहिक गुप्त विचार विमर्श के जरिये सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों ने जापान व कोरिया गणराज्य के साथ आखिरकार दस जून को जनवादी कोरिया के नाभिकीय परीक्षण के बारे में प्रस्ताव मसौदे पर सहमति जतायी । सुरक्षा परिषद ने इस के तुरंत बाद सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को बुलाकर मीटिंग की और यह प्रस्ताव ममौदा वितरित किया । प्रस्ताव मसौदे में जनवादी कोरिया से नाभिकीय परीक्षण और मिसाइल का प्रक्षेपण करना जारी न रखने की मांग की गयी , विभिन्न देशों से जनवादी कोरिया के शंकित माल जहाजों की जांच पड़ताल करने का अनुरोध पेश किया गया , मानवीय सहायता व दोहन को छोड़कर विभिन्न सदस्य देशों को जनवादी कोरिया के साथ कोई वित्तीय सम्पर्क करने की मनाही है ।

सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष देश व संयुक्त राष्ट्र स्थित तुर्की के स्थाय़ी प्रतिनिधि बाक इल्किन ने उसी दिन कहा कि सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश अमरीका द्वारा प्रस्तुत और सात देशों द्वारा लिखित इस प्रस्ताव मसौदे का संजीदगी के साथ आकलन करेंगे और शीघ्र ही इस का मतदान कर देंगे ।

उन का कहना है कि अभी अभी समाप्त मीटिंग में अमरीका ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों और जापान व कोरिया गणराज्य द्वारा साथ मिलकर लिखित प्रस्ताव मसौदा पेश किया है , सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश इस मसौदे का संजीदगी के साथ आकलन करेंगे और रवैया सुनिश्चित करने के लिये अपनी अपनी सरकार के साथ सम्पर्क कर देंगे ।

संयुक्त राष्ट्र स्थित अमरीकी स्थायी प्रतिनिधि राइस ने बल देकर कहा कि इस प्रस्ताव मसौदे में जनवादी कोरिया की नाभिकीय परीक्षण करने की कार्यवाही के प्रति फिर एक बार कड़ी निन्दा व्यक्त की गयी है और जनवादी कोरिया से अपनी गलत को सुधारने के लिये सिलसिलेवार कार्यवाहियां और कदम उठाने की मांग की गयी है । उन्हों ने खासकर बता दिया है कि प्रस्ताव मसौदे में पांच क्षेत्रों में जनवादी कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने को कहा गया है । उन का मानना है कि यह दंडात्मक विषय अत्यंत कड़े हैं । 

जब सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव पारित किया जाएगा , तो इस का अर्थ यह होगा कि जनवादी कोरिया को यह स्पष्ट सूचना सूचित किया गया है कि उस की हरकत अस्वीकार्य है और उसे इस बात पर कीमत चुकानी होगी । जनवादी कोरिया को बिना किसी शर्त के सलाह मशविरे में वापस लौटना पड़ेगा , नहीं तो उसे और गम्भीर कुपरिणामों का सामना करना ही पडेगा ।

संयुक्त राष्ट्र स्थित जापानी स्थाई प्रतिनिधि युकिओ ताकासू ने इस प्रस्ताव मसौदे की रजामंदी के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस से पहले सुरक्षा परिषद में पारित संबंधित प्रस्तावों में कोई तात्विक विषय नहीं था , जब कि मौजूदा प्रस्ताव मसौदे ने कुछ ठोस दंडात्मक कदमों के बारे में बहुत ज्यादा काम किये , इसलिये काफी लम्बा समय लग गया है । 

हमें उम्मीद है कि नये प्रस्ताव में और अधिक प्रभावशाली दंडात्मक कदम जोड़े जायेंगे । जनवादी कोरिया के नाभिकीय परीक्षण व मिसाइल प्रक्षेपित करने से रोकने के लिये हमें इस क्षेत्र में जरूरी कच्चे मालों व संबंधित पूंजी स्रोत पर नियंत्रण करना ही चाहिये ।

संयुक्त राष्ट्र स्थित रूसी स्थायी प्रतिनिधि चुर्किन ने बल देते हुए कहा कि प्रस्ताव मसौदे में 6 पक्षीय वार्ता के फिर से शुरु करने की अपील की गयी है और राजनीतिक सलाह मशविरे के जरिये जनवादी कारिया के नाभिकीय सवाल के समाधान के महत्व को पुष्ट किया गया है ।

जनवादी कोरिया की केंद्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार 25 मई को जनवादी कोरिया ने एक भूमिगत न्यूक्लीयर परीक्षण किया । सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों ने आपात सलाह मशविरे के बाद मान लिया है कि जनवादी कोरिया का यह न्यूक्लीयर परीक्षण 2006 में सुरक्षा परिषद में पारित नम्बर 1718 प्रस्ताव के खिलाफ है और सुरक्षा परिषद ने इस बात के प्रति कड़ा विरोध व निन्दा व्यक्त की है । फिर चीन , ब्रिटेन , फ्रांस , रुस व अमरीका ने जापान व कोरिया गणराज्य के साथ उक्त प्रस्ताव मसौदे की अनुमति दे दी ।

संयुक्त राष्ट्र के अपना नाम न बताना चाहने वाले राजनयिक के अनुसार इस प्रस्ताव मसौदे का मतदान शीघ्रातिशीघ्र 11 जून को होगा ।