2009-06-10 11:48:56

अमरीकी बैंकों को समय से पहले सहायता राशि लौटाने की अनुमति प्राप्त

अमरीकी वित्त मंत्रालय ने 9 जून को घोषणा की कि 10 अमरीकी बैंकों को समय से पूर्व 68 अरब डालर की सरकारी सहायता धन राशि लौटाने की अनुमति दी गयी है। यह अमरीका सरकार द्वारा वित्तीय स्थिरता मानी जाने का संकेत है , पर इस पर विभिन्न पक्षों ने प्रश्न चिंह लगाया ।

फिलहाल अमरीकी वित्त मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि किन किन बैंकों को समय से पूर्व सरकारी सहायता राशि लौटाने की अनुमति दी गयी है। अमरीकी नेशनल ब्रोडकास्टिंग कंपनी की 9 तारीख की रिपोर्ट के मुताबिक दस बैंकों में मोर्गन स्टेंली, अमेरिकन एक्सप्रेस कोपरेशन, गोल्डमान सेचस् , जी पी मोर्गन, स्टेट स्ट्रीट, ए आई जी आदि शामिल है, किन्तु सिटि ग्रुप, बैंक आफ अमेरिका, वेल्लस फार्गो तीन बड़ी बैंक शामिल नहीं हैं ।

पिछले साल के सितम्बर माह से वित्तीय संकट का चौतरफा रूप से प्रकोप होने के बाद अमरीकी कांग्रेस की अनुमति पर अमरीका सरकार ने 600 से ज्यादा वित्तीय संस्थाओं को पूंजी की सहायता दी। अब तक 20 से अधिक बैंकों ने यह सहायता पूंजी लौटायी है, लेकिन ये बैंक पैमाने की दृष्टि से अमरीका की अनुमति प्राप्त दस बैंकों से बहुत छोटी है।

विश्लेषकों का कहना है कि दस बैंकों द्वारा समय से पूर्व सहायता पूंजी लौटाना बैंक और सरकार के बीच अच्छे सहयोग का परिणाम है। ओबामा के सत्ता पर आने के बाद उन्हों ने भारी धन राशि निकाल कर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा बैंकों को सहायता देने की योजना बनायी । किन्तु इस योजना का परिणाम अल्प समय में नहीं निकलेगा और अमरीका के अर्थतंत्र में मंदी जारी रही है और बेरोजगार बढ़ता गया है , जिस से ओबामा सरकार की अर्थनीति को आलोचना का सामना करना पड़ा । ऐसी स्थिति में बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता पूंजी लौटायी जाने की स्थिति उभरी है, जिस से सरकार की प्रोत्साहन योजना को बड़ा उत्साह मिला है। अमरीकी वित्त मंत्री गेटना ने उसी दिन कहा कि सरकारी सहायता पूंजी लौटाने की बात से जाहिर है कि वित्तीय सहायता कोशिश में सकारात्मक उपलब्धि प्राप्त हुई है । ओबामा ने भी कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है।

अमरीकी बैंकों के लिए जल्दी से सरकारी सहायता पूंजी लौटाने से उन के कामकाज में सरकार की दखलंदाजी कम की जा सकती है। सहायता योजना के अनुसार अमरीका सरकार सहायता प्राप्त बैंकों के कर्जदान, कर्मचारियों की नियुक्ति और उच्च स्तरीय प्रबंधकों के वेतन में हस्तक्षेप कर सकती है । 11 जून को अमरीका सरकार बैंकों के वरिष्ठ प्रबंध अधिकारियों के वेतन पर सीमा लगाने का कदम उठाएगी । इस तरह बैंक व सरकार के बीच अन्तरविरोध बढ़ गया। वर्तमान में सहायता पूंजी लौटाने से बैंकों पर सरकार का नियंत्रण कम हो सकेगी।

कुछ विश्लेषकों की यह चिंता है कि बैंकों द्वारा समय से पूर्व सहायता पूंजी लौटायी जाने से समूचे अमरीकी बैंकिंग तंत्र में मौजूद जोखिम पर पर्दा डाला जाएगा। अन्य कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि समय से पूर्व सहायता राशि लौटाने की अनुमति देने से जाहिर है कि अमरीका का बैंकिंग व्यवसाय स्थिर होने जा रहा है। लेकिन यह इस का साक्ष्य नहीं है कि समूचा बैंकिंग तंत्र मंदी से निकला है। क्यों कि अमरीका के तीन प्रमुख बैंक यानी सिटि ग्रुप, बैंक आफ अमरीका तथा वेल्लस फार्गो सहायता पूंजी लौटाने में असमर्थ है। इस के अलावा सहायता पूंजी लौटायी बैंकों के सरकारी सहायता पर निर्भर रहने की हालत नहीं समाप्त हुई, वे अब भी फेडरेल डिपोडिट इंस्युरेंस कॉर्प की कर्ज प्रतिभूति सेवा से मुक्त नहीं हो सकेंगे। साथ ही अमरीका की अधिकांश बैंकें अभी बुरी संपत्ति के दलदल में फंसी रही हैं ।

विशेषज्ञों की यह चिंता भी है कि इन बैंकों द्वारा सरकारी सहायता पूंजी लौ़टाने का समय उचित नहीं है। वर्तमान आर्थिक मंदी में बैंकों को अपनी पूंजी सुरक्षित कर रखना चाहिए, समय से पूर्व पूंजी लौटाने के कारण उन्हें पूंजी की कमी की हालत का सामना करना पड़ेगा । जिस से नये दौर का वित्तीय संकट पैदा होने की संभावना है।

विश्लेषकों ने कहा है कि देखने में दस बैंकों द्वारा 68 अरब डालर लौटाने की खबर खुशगवार लगता है, पर यह ओबामा सरकार द्वारा सरकारी सहायता योजना में उपलब्धि पाने का दिखावा भी जान पड़ता है। दरअसल वित्तीय संकट में अमरीकी करदाताओं के भारी नुकसान पर पर्दा नहीं डाला जा सकता । जैसा कि अमरीका सरकार ने प्रमुख बीमा संस्था यानी अमरीकी अन्तरराष्ट्रीय ग्रुप को सहायता के रूप में दी गयी 70 अरब डालर की राशि लौटायी जाने का समय अभी बहुत ही दूर है।

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040