भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 9 तारीख को दिल्ली में कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत इस वित्तीय वर्ष में कम से कम सात प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगा। उन्होंने आधारभूत ढांचा और सार्वजनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों के लिए अधिक संसाधनों का भी वादा किया।
संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा पिछले वर्ष हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई और हमारी वृद्धि दर गिरकर सात प्रतिशत के करीब है। उन्हों ने कहा कि इस वर्ष भारत सात प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने में सक्षम होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके आशावाद के पीछे भारत की बचत दर का अभी भी सकल घरेलू उत्पाद
का 35 प्रतिशत बने रहना है। इस धन को विकास परियोजनाओं के लिए लगाया जा सकता है।
मनमोहन सिंह ने पहले घोषित राहत पैकेजों और आने वाले दिनों में अपनाए जाने वाले उपायों से महंगाई बढ़ने की आशंकाओं को समाप्त करने का प्रयास करते हुए कहा कि आधारभूत संरचना पर खर्च से महंगाई नहीं बढ़ेगी,इससे हमारी अर्थव्यवस्था विकसित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार, राष्ट्रपति के संबोधन में दिए गए एजेंडे पर चलने और प्रमुख
कार्यक्रमों को भविष्य में और मजबूत बनाने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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