2009-06-09 16:55:20

नेटवर्क चीन में जनवादी निरीक्षण का नया मंच बना

चीन में इंटरनेट के नेटजनों की संख्या में भारी वृद्धि होने के फलस्वरूप सार्वजनिक हितों से जुड़ने वाले वारदात भी नेटजनों का ध्यानाकर्षक मामला बन गया और अब चीनी लोग इंटरनेट के जरिए सार्वजनिक हितों की रक्षा करने लगे ।

इस साल के फरवरी में 24 वर्षीय चीनी नागरिक ली ची मिंग की चीन के युन्नान प्रांत की चिननिन काऊंटी के पुलिस थाने में हिरासत में लिए जाने के दौरान आकस्मिक मौत हुई। स्थानीय पुलिस ने उस की मौत का कारण यह बताया कि हवालात में दूसरे बंदियों के साथ खेलते हुए दीवार से टक्कर लगने से उस की मृत्यु हुई है। पुलिस के इस कथन पर इंटरनेट पर नेटजनों में तीव्र प्रतिक्रियाएं हुईं और हजारों लोगों ने ली चिमिंग की इस असामान्य मौत की पुनः जांच करने की मांग की।

इंटरनेट जनों की जबरदस्त मांग को देखते हुए युन्नान प्रांत की सरकार ने 15 आम लोगों और नेटजनों से एक जांच कमेटी गठित कर घटना की पुनः जांच करना शुरू किया । जांच कमेटी के सदस्य इंटरनेटजन श्री ब्यान मिन ने कहाः

हम ने घटना की जांच में भाग लेने के लिए नामांकन किया और इस तरह हम लोगों में तुरंत मशहूर हो गए । उन की नजर में हम वीर बने हैं।

चीन में इंटरनेट के माध्यम से मामलों की निगरानी करने का रूझान लगातार बढ़ता गया । इस से जाहिर है कि चीनियों में नागरिक सजगता उन्नत हुई है। वर्तमान में चीन में 36 करोड़ इंटरनेट के ग्राहक हैं जो उम्र में मुख्यतः 30 साल से कम वाले हैं। वे इंटरनेट के जरिए सूचना लेना और अपनी राय जताना पसंद करते हैं। चीन के मुख्य अखबार जन दैनिक द्वारा कि गए जनमत सर्वेक्षण से व्यक्त हुआ है कि 88 प्रतिशत नेटजन नेटवर्क के जरिए देश के विभिन्न मामलों की निगरानी करना चाहते हैं। करीब 82 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नेटवर्क अब चीन में जनवादी व्यवस्था के निर्माण के लिए नया माध्यम बन गया है।

इंटरनेट के माध्यम से लोगों द्वारा देश के मामलों की निगरानी करना कानून व न्याय काम में दखलंदाजी करना नहीं है, बल्कि वह न्यायिक संस्थाओं को घटना की असलियत का पता लगाने में सहायक है । उपरोक्त मौत घटना की जांच में नेटजनों से गठित जांच कमेटी की कोशिशों से यह पता चला है कि ली चिमिंग की मौत घटना में जेलरों की लापरवाही का दोष था । मामला साफ होने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को भी उचित सजा दी गयी ।

इधर के महीनों में चीन में नेटवर्क पर सावर्जनिक हितों से जुड़ने वाले अनेक वारदातों की समीक्षा की जाती देखने को मिलती है। जिन में दूसरे के नाम से विश्वविद्यालय में दाखिला मामला, धनी युवा द्वारा तेज कार दौड़ने से राहचलते लोगों को टक्कार लगाने की घटना आदि शामिल है। इन वागदातों से सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार और कानून कायदे के उल्लंघन सवाल का भंडाफोड़ हुआ है। आम लोग इन घटनाओं में निहित समस्या पर जो ध्यान देते हैं, उस से चीनी नागरिकों की न्यायप्रियता और नागरिक कर्तव्य साबित हुआ है।

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के सूचना व प्रसारण अनुसंधान केन्द्र के शौधकर्ता श्री मिन दा होंग ने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से नागरिकों के कानूनी अधिकारों की रक्षा की जाती है, जिस से आम लोगों की सूचना पाने, समस्या पर मत जताने तथा मामले की निगरानी करने का अधिकार साकार हो गया है। उन्हों ने कहाः

चीन के समाज में भारी परिवर्तन हो रहा है और बहुत सी समस्याएं सामने आयी हैं । लोगों की अपेक्षा है कि इंटरनेट के माध्यम से सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार और पद के दुरूपयोग की निगरानी कर सकते हैं व उस की कलई खोल सकते हैं।

खुशी की बात है कि अब चीन की विभिन्न स्तरों की सरकार चीनी नागरिकों की इस प्रकार की जागृतता के अनुरूपी होती जा रही है। सरकार समझ गयी है कि लोगमतों की उपेक्षा से सरकार पर जन विश्वास घट जाएगा। इसलिए केन्द्र से स्थानीय सरकार तक नेतागण नेटवर्क से नागरिकों का जनमत जानने लगे और इंटरनेट जनों से जनमत संग्रह करने लगे।

नेटवर्क संस्कृति अध्ययन के विदान श्री वांग शीह्वा ने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से निगरानी की शक्ति बढ़ने से निगरानी की शक्ति प्रभावकारी होगी। उन्हों ने कहाः

हम जानते हैं कि अब नेटवर्क से निगरानी की शक्ति बहुत बड़ी हो गयी है, लेकिन हम ने यह भी देख पाया कि लोगमत की भूमिका कुछ हद तक प्रभावकारी सिद्ध होगी, पर वह निर्णायक शक्ति नहीं बन सकेगी। असल में वह सरकार के कामकाज का पूरक बन सकती है।