2009-06-09 16:07:37

अमरीका जनवादी कोरिया संबंध का कैसा विकास होगा

जनवादी कोरियाई केंद्रीय न्यायालय ने 8 तारीख को "जनवादी कोरियाई जाति के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने वाला अपराध"तथा"जनवादी कोरिया में अवैध प्रवेश के अपराध"पर दो अमरीकी महिला संवाददाताओं को 12 वर्षों की कैद की सज़ा सुनाई, इस पर अमरीका का व्यापक ध्यान केंद्रित हुआ है। अमरीका राष्ट्रपति ओबामा ने दो संवाददाताओं की रिहाई के लिए हर संभव तरीका अपनाने की बात कही। हाल में जनवादी कोरिया और अमरीका के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गया है ।

पांच अप्रेल से जनवादी कोरिया अमरीका संबंध तनाव की स्थिति में फंस गया । इसी दिन जनवादी कोरिया ने"क्वांगम्योंगसोंग नम्बर दो" दूर संचार उपग्रह का प्रक्षेपण करने का एलान किया, लेकिन अमरीका, जापान और कोरिया गणराज्य के अनुसार जनवादी कोरिया ने"ताएपो डोंग नम्बर दो"महाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया और इसलिए उन्होंने जनवादी कोरिया की कड़ी निंदा की । इस के बाद जनवादी कोरिया ने छः पक्षीय वार्त से हटने की घोषणा की और 25 मई को एक बार फिर भूमिगत नाभिकीय परीक्षण किया तथा श्रृंखलाबद्ध अल्प दूरी मिसाइल का परीक्षण भी किया ।

जनवादी कोरिया की कार्रवाइयों के खिलाफ़ अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा, विदेश मंत्री सुश्री हिलेरी ने क्रमशः भाषण देकर उस पर जबरदस्त आरोप लगाया। 6 तारीख को फ्रांस की यात्रा के दौरान श्री ओबामा ने भाषण देते हुए कहा कि अमरीका नाभिकीय परीक्षण के बाद जनवादी कोरियाई स्थिति पर कड़ा रूख अपनाएगा और संभवतः और तीव्र कदम उठाएगा । सात तारीख को अमरीकी विदेश मंत्री सुश्री हिलेरी ने कहा कि अमरीका जनवादी कोरिया को "आतंकवादी समर्थन देशों"की नामसूचि में एक बार फिर शामिल करने पर सोचविचार कर रहा है । इस के साथ ही अमरीका विदेश मंत्रालय एक तरफ़ा तौर पर जनवादी कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की भी सोच रहा है ।

ओबामा सरकार ने सत्ता में आने के बाद जनवादी कोरिया के साथ वार्ता करने की बात कही थी और जनवादी कोरियाई सवाल के लिए नया विशेष दूत नियुक्त किया था। लेकिन जनवादी कोरिया ने अनेक बार प्रक्षेपण किए, नाभिकीय परीक्षण और मिसाइल परीक्षण किए । इस के बाद जनवादी कोरिया के प्रति श्री ओबामा की नीतियों को भीतरी व बाहरी दबावों का सामना करना पड़ रहा है । विश्लेषकों का विचार है कि हाल में श्री ओबामा के ब्यान और अमरीकी अधिकारियों के सिलसिलेवार रुखों से जाहिर है कि जनवादी कोरिया के प्रति अमरीका का धैर्य खोने वाला है और अमरीका की जनवादी कोरिया नीति बदलने की संभावना है । अमरीका के भीतर कुछ व्यक्तियों का विचार है कि जनवादी कोरिया के प्रति अमरीका की नीति अस्पष्ट होने के कारण जनवादी कोरिया लगातार अमरीका को चुनौती दे रहा है । उधर, जनवादी कोरिया के प्रक्षेपण व नाभिकीय परीक्षण से अपने सुरक्षा की सोचविचार करते हुए जापान और कोरिया गणराज्य आदि अमरीका के मित्र देशों ने अमरीका से स्पष्ट रवैया अपनाने का जबरदस्त अनुरोध किया है। इस तरह भीतरी व बाहरी दबाव के कारण भावी दिनों में ओबामा सरकार की जनवादी कोरियाई नीति संभवतः बदलेगी ।

उधर, जनवादी कोरिया पक्ष से देखा जाए, तो ओबामा के पद संभालने के बाद उस ने अनेक कार्रवाइयां की हैं । जनवादी कोरिया और अमरीका के बीच प्रतिरोध व तनाव की असलीयत जनवादी कोरिया के कूटनीतिक तरीकों में से एक है, जिस का मकसद अमरीका व अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट करना और अमरीका की कूटनीति व क्षेत्रीय स्थिति में अपनी स्थिति को हाशिए पर पहुंचाने से बचाना है, ताकि अमरीका विवश होकर उस के साथ प्रत्यक्ष वार्ता कर सके और छः पक्षीय वार्ता तथा अमरीका के साथ प्रत्यक्ष वार्ता में अपना स्थान कोरिया उन्नत कर सके ।

जनवादी कोरिया के प्रति अमरीका का रूख दिन ब दिन कड़ा होने के बावजूद जनवादी कोरिया पक्ष ने कोई रियायत नहीं दी। वर्तमान में दोनों पक्ष संयम रखे हुए हैं और अल्प समय में सैन्य मुठभेड़ होने की संभावना नहीं है ।

विश्लेषकों का अनुमान है कि वर्तमान में अमरीका जनवादी कोरिया संबंध तनावपूर्ण होने के बावजूद द्विपक्षीय संबंध में शिथिलता आने की संभावना भी मौजूद है । इधर के दस सालों में कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय सवाल में अनेक बार संकट पैदा हुआ, लेकिन उन का निपटारा संबंधित पक्षों की कोशिशों से किया गया और जनवादी कोरिया अमरीका संबंध में शैथिल्य आया है । ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए, तो इन दोनों देशों का संबंध बहुत जटिल व परिवर्तनशील है । वर्तमान की तनावपूर्ण स्थिति भी विशेष नहीं है । इस तरह जनवादी कोरिया अमरीका संबंध वार्ता के रास्ते पर वापस लौटने की भारी संभावना है ।(श्याओ थांग)