2009-06-05 18:25:14

तिब्बत में पारिस्थितिकी पर्यावरण की रक्षा कारगर रुप से चल रही है

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने 5 तारीख की सुबह विज्ञप्ति जारी करके कहा कि पिछले वर्ष तिब्बत में पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण व निर्माण, प्रदूषण की रोकथाम व पर्यावरण का प्रबंधन आदि का कार्य चतुर्मुखी तौर पर विकसित हो गया है, और सारे प्रदेश में पर्यावरण की रक्षा कारगर रुप से चल रही है।

विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2008 में तिब्बत के जल पर्यावरण, वायु पर्यावरण, विकीर्ण पर्यावरण आदि पर्यावरण की गुणवत्ता अच्छी रही है। यालूज़ानबू, चींशा व नूच्यांग आदि प्रमुख नदियों व झीलों में जल की गुणवत्ता भी अच्छी रही जो देश द्वारा निश्चित संबंधित पर्यावरण गुणवत्ता की मापदंड तक पहुंच गयी। सारे प्रदेश में 23 करोड़ 80 लाख य्वान की पूंजी लगाकर मैथन गैस, सौर ऊर्जा आदि साफ़ ऊर्जा का विकास किया गया। मुख्य शहरों व कस्बों में वायु पर्यावरण की गुणवत्ता लगातार अच्छी रही, ल्हासा में वायु की गुणवत्ता की बढ़िया दर 96.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी।

विज्ञप्ति से यह भी जाहिर है कि वर्ष 2008 के अंत तक सारे प्रदेश में वन की आवरण दर 11.31 प्रतिशत तक पहुंच गयी। आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल सारे देश में पहले स्थान पर रहा, जो 60 लाख हैक्टर से ज्यादा है। और तिब्बत में प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र का क्षेत्रफल भी सारे देश में पहले स्थान पर रहा, जो 4 लाख 10 हजार वर्ग किलोमिटर से ज्यादा है।(चंद्रिमा)