2009-06-05 16:43:54

चीन अर्थतंत्र वृद्धि के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी महत्व देता है

5 तारीख को विश्व पर्यावरण दिवस है, चीन के पर्यावरण संरक्षण के उप मंत्री चांग ली च्वीन ने इसी दिन पेइचिंग में कहा कि चीन अर्थतंत्र के उत्तेजन कार्यवाहियों को मूर्त रूप देने के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्रभावित नहीं होने देगा।

चीनी राज्य परिषद सूचना कार्यालय द्वारा इसी दिन आयोजित एक न्यूज ब्रिफिंग में उप मंत्री चांग ली च्वीन ने जानकारी देते हुए कहा कि गत वर्ष से पर्यवारण संरक्षण मंत्रालय ने पर्यावरण आकलन के अनुमोदन प्रक्रिया की रफतार को तेज कर दिया है और हरित मार्ग अनुमोदन का निर्माण भी किया है, लेकिन इन में पर्यावरण पर प्रभाव कम डालने वाली, जन जीवन को अधिक प्रभावित करने वाली आधारभूत संस्थापन निर्माण व जन जीवन परियोजनाएं ही सम्मलित हैं।

श्री चांग ली च्वीन ने कहा कि चीन सरकार ने वित्तीय संकट की एक मुश्त योजना पेश करने के बाद इस अवसर का प्रयोग कर उद्योगों के ढांचेगत का समायोजन करना शुरू कर दिया। उन्होने कहा 40 खरब य्वान पूंजी निवेश में किसी भी एक नयी उद्योग परियोजना का इन्तेजान नहीं किया गया है। 40 खरब य्वान पूंजी को पर्यावरण संरक्षण पहलु में इस्तेमाल करने की जांच, इस साल के उत्तरार्द्ध में शुरू की जाएगी। लेकिन छह पर्यावरण संरक्षण निगरानी केन्द्रों के नियमित दिनों में इन परियोजनाओं की निगरानी व जांच कार्यवाहियों को कहीं अधिक महत्व देते हैं। वर्तमान हमे जो जानकारी हासिल हुई है उससे देखा जा सकता है कि घरेलु आवश्यकता का विस्तार करने की परियोजनाएं पूर्ण रूप से अच्छी तरह चल रही हैं।

गत नवम्बर से इस साल की मई तक, पर्यवारण संरक्षण मंत्रालय ने कुल 365 निर्माण परियोजनाओं के पर्यावरण आकलन दस्तावेजों का अनुमोदन किया है, जिन का 14 खरब 40 अरब से अधिक य्वान धनराशि से संबंध है, इस के साथ 29 उच्च खपत उर्जा, उच्च प्रदूषण परियोजनाओं के पर्यावरण का आकलन करने के बाद, हमने उनकी सौंपी रिपोर्टों को लौटा दिया हैं, इन में कोई 1 खरब 46 अरब 70 करोड़ य्वान पूंजी डालने की योजना थी।

कुछ क्षेत्रों व उद्योगों के पर्यावरण आकलन बिना परियोजनाओं को अमल में लाने की कार्यवाहियों पर चर्चा करते हुए श्री चांग ली च्वीन ने कहा कि संबंधित विभागों को पर्यावरण कानून को अमल में लाने की शक्ति को प्रगाढ़ कर इस तरह की स्थितियों को फैलने से रोका जाने पर कड़ा कदम उठाना चाहिए । उन्होने आगे कहा कि चीन वित्त मंत्रालय, कर वसूली जनरल ब्यूरो व पर्यवारण संरक्षण मंत्रालय एक दूसरे के साथ समन्वय बिठाकर विस्तृत विचार विमर्श कर रहे हैं।

प्रदूषण निकासी को कम करने के पहलु में इसी दिन प्रसारित 2008 चीनी पर्यवारण स्थिति विज्ञप्ति के अनुसार, गत वर्ष चीन के प्रदूषण निकासी कार्य ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की हैं,रसायन जरूरत ओक्सीजन व सल्फा डाएओक्साइड की निकासी में कटौती बनी रही है, शहरों की वायु गुणवत्ता पूर्ण रूप से बेरतरीन रही है. जो पिछले साल की तुलना में एक बेहतरीन प्रगति है, क्षेत्र स्तरीय से उपर शहरों की वायु गुणवत्ता का मानकीकृत दर करीब 71 प्रतिशत बरकरार रहा है।

श्री चांग ली च्वीन ने हमारे संवाददाता को प्रदूषण निकासी कार्य पर अपना कर्तव्य अच्छी तरह न निभाने वाले उद्योगों का निपटारा करने की स्थिति से अबगत कराते हुए कहा पहले, राष्ट्र व प्रांत ने प्रदूषण निकासी को अच्छी तरह न निपटाने वाले शहरों व काउंटियों पर अनेक परिसीमन लगायी हैं, दूसरा, प्रदूषण निकासी के कर्तव्य को अच्छी तरह न निभाने वाले उद्योगों को आर्थिक सजा दी गयी है। गत वर्ष हमने प्रांत के कुछ बिजलीघरों पर आर्थिक सजा कार्यवाही लागी की, सजा में उदार बिजली दाम से हासिल पूरे मुनाफे को जब्त कर लिया गया और इस के अलावा पांच गुने की आर्थिक सजा सुनाने के साथ प्रदूषण निकासी खर्चे को भी उन्हे खुद भुगतने की सजा दी गयी । तीसरा, संबंधित अधिकारियों को प्रसाशनिक सजा देने का एलान किया गया।

सरकार के पर्यवारण संरक्षण कार्य को आगे बढ़ाने के साथ चीन की जनता ने भी जोर शोर से पर्यवारण संरक्षण में हिस्सा लिया है। हजार युवा पर्यवारण संरक्षण मैत्री दूत कार्यवाही नाम की गतिविधि 5 तारीख को पेइचिंग में शुरू हुई। दो साल के इस अभियान के दौरान, चीन की विभिन्न जगह के एक हजार युवा पर्यावरण संरक्षण दूत, नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के विचारधारा व ज्ञान का प्रचार करेगी।

ली वू छयांग चीनी परिवहन यूनिवर्सिटी के एक छात्र है उन्होने इस गतिविधि पर बोलते हुए कहा हमारा लक्ष्य प्रदूषण निकासी को कम करने व वन्य पशुओं का संरक्षण करने में हाथ बटाना है। हम मौहल्ले, गांवों , प्राइमरी व मीडिल स्कूलों व विश्वविद्यालयों में जाकर पर्यवारण संरक्षण के प्रचार को अधिक विस्तृत कर, लोगों को अपने जीवन तरीकों को बदलने, किफायत से काम करने व प्राकृति के पशुओं व वनस्पतियों का संरक्षण करने में अपना योगदान करेगें।