2009-06-05 11:13:51

अमरीकी विशेष दूत की पाक यात्रा का मकसद पाकिस्तान में आतंक विरोधी संकल्प को सुदृढ़ करना है

इस माह की तीन से पांच तारीख तक अमरीका के पाकिस्तान व अफ़गानिस्तान सवाल के विशेष दूत रिचर्ड होल्ब्रुक ने अमरीकी विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रम के अधिकारियों का नेतृत्व कर पाकिस्तान की यात्रा की । विश्लेषकों का विचार है कि श्री होल्ब्रुक की मौजूदा यात्रा का मूल मकसद आतंक विरोध के लिए पाकिस्तान के संकल्प को सुदृढ़ करना है ।

इस वर्ष के अप्रेल के अंत से पाक सेना ने स्वात घाटी तथा आसपास क्षेत्र में तालिबान का सफाया करने का अभियान चलाया । अब तक, 1300 से अधिक सशस्त्र तत्व मारे गए हैं । पाक सेना ने 3 तारीख को कहा कि स्वात घाटी क्षेत्र के प्रमुख कस्बे में ठहरे सशस्त्र व्यक्तियों का आने वाले कुछ दिनों में पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा । लेकिन इस में कई माह का समय लग सकता है । अमरीका तालिबान के खिलाफ़ पाकिस्तान के फौजी अभियान का समर्थन करता है । विश्लेषकों का मानना है कि श्री होल्ब्रुक की मौजूदा पाक यात्रा के तीन मिशन हैं ।

सर्वप्रथम अमरीका पाक को दिए गए आर्थिक समर्थन का निरीक्षण व आकलन करना चाहता है । वर्तमान में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में जारी युद्ध से 25 लाख लोगों को स्वात घाटी क्षेत्र से भागना पड़ा, शरणार्थियों व पुनः निवास और युद्ध के बाद पुनर्निर्माण सवाल पाक सरकार के लिए भारी मुश्किल सवाल है ।प्रधान मंत्री गिलानी ने 4 तारीख को कहा कि इन शरणार्थियों की बुनियादी मांगों को पूरा करना सरकार के कार्य का प्रमुख भाग बन गया है। 3 तारीख को पाक राष्ट्रपति श्री जरदारी, विदेश मंत्री कुरेशी के साथ आयोजित संयुक्त न्यूज़ ब्रीफिंग में श्री होल्ब्रुक ने कहा कि अमरीका सरकार और 20 करोड़ अमरीकी डॉलर की मानवीय सहायता देने के लिए संसद से मांग कर रही है । इस के पूर्व ओबामा सरकार ने 19 मई को पाकिस्तान को 11 करोड़ अमरीकी डालर की आपात मानवीय सहायता देने का एलान किया था । पाकिस्तान की यात्रा के दौरान श्री होल्ब्रुक ने नागरिकों के प्रतिनिधियों, राहत संस्थाओं के जिम्मेदार व्यक्तियों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की और आंशिक शरणार्थी शिविरों का दौरा किया और शरणार्थियों की जीवन स्थिति देखी । उन्होंने कहा कि पाक यात्रा के बाद वे संयुक्त अरब अमीरात, कतार तथा अमन की यात्रा करेंगे और पाक शरणार्थियों के लिए और आर्थिक सहायता पाने की कोशिश करेंगे ।

श्री होल्ब्रुक की मौजूदा पाक यात्रा का दूसरा मिशन पाक को फौजी सहायता बढ़ाने की सूचना देना है । यात्रा के दौरान उन्होंने पाक से कहा कि तालिबान पर हमला करने में अमरीका सरकार पाकिस्तान को ज्यादा फौजी समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान तालिबान के खिलाफ़ कुंजीभूत दौर में प्रवेश कर गया है, अमरीका पाक फौजी अभियान की विफलता की कतई इज़ाज़त नहीं देगा । इस तरह अमरीका पाकिस्तान की मांग के अनुसार उसे आवश्यक समर्थन व सहायता देगा।

श्री होल्ब्रुक की मौजूदा यात्रा का तीसरा मिशन भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूद नीहित अंतरविरोध दूर करना है । पाक लाहौर उच्च स्तरीय न्यायालन ने 2 तारीख को अवैध संगठन"जमात उद दावा"के सरगना हाफ़िज़ सईद को रिहा करने का एलान किया, जिस के प्रति भारत ने असंतोष व्यक्त किया है। भारत का विचार है कि इस संगठन का गत वर्ष के मुंबई आतंकी हमले से संबंध है । इस तरह भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर अंतरविरोध पैदा हुआ है। अगर अंतरविरोध और तीव्र होगा, तो पाकिस्तान के सैन्य इन्तज़ाम पर प्रभाव पड़ेगा और उस की आतंकी कार्रवाई भी प्रभावित होगी । ऐसी स्थिति अमरीका नहीं देखना चाहता । इस तरह श्री होल्ब्रुक ने इस्लामाबाद पहुंचने के पूर्व सईद की रिहाई पर अमरीका की आशंका और इस मामले को लेकर पाक नेताओं के साथ विचार विमर्श करने की बात कही ।

विश्लेषकों का विचार है कि वर्तमान में उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में पाक सेना की फौजी कार्रवाइयों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन तालिबान का सफाया करने के अभियान के बाद पुनर्निर्माण कार्य पाक सरकार पर भारी आर्थिक बोझ होगा। इस के अलावा, देश में उग्रवादियों और तालिबान सशस्त्र तत्वों की जवाबी गतिविधियों से पाक सुरक्षा स्थिति पर खतरे के बादल मंडराते रहेंगे। इस समय अमरीका ने पाकिस्तान को आर्थिक व फौजी सहायता तथा पाक सरकार के सामने मौजूद अन्य सवालों पर समर्थन बढ़ाने को कहा है, जिस से देश में तालिबान सशस्त्र पर जबरदस्त हमला जारी रखने का पाक सरकार का संकल्ब और सुदृढ़ हुआ है ,इस तरह इस क्षेत्र में और सारी दुनिया में अमरीका के रणनीतिक हितों को बनाए रखा जा सकेगा ।