2009-06-03 16:38:54

चीन और अमरीका के बीच रणनीतिक व आर्थिक बातचीत की शुरूआत भारी महत्व रखती है

अमरीकी वित्त मंत्री गेटनर ने 2 तारीख को चीन की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। इन तीन दिनों में चीनी नेताओं ने श्री गेटनर के साथ प्रथम दौर की चीनी-अमरीकी रणनीतिक व आर्थिक बातचीत की तैयारी कार्य, चीन और अमरीका दोनों देशों के वित्तीय व अर्थतंत्र स्थिति आदि समान रूचि वाले सवालों को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया। चीन के संबंधित विशेषज्ञों का मानना है कि श्री गेटनर की इस बार की चीन यात्रा की सबसे बड़ी सफलता चीन और अमरीका के बीच रणनीतिक व आर्थिक बातचीत के सफल आयोजन के लिए रास्ता प्रशस्त करना है, लेकिन चीन और अमरीका के बीच केन्द्रीय हितों के पहलु में अब भी मतभेद मौजूद हैं, इस पर चीन और अमरीका के बीच वार्तामेज पर निश्चय ही तीव्र अदला बदली होने की संभावना है।

श्री गेटनर की चीन यात्रा के दौरान, चीन और अमरीका ने इस साल की जुलाई में वाशिंगटन में प्रथम दौर की रणनीतिक व आर्थिक बातचीत के आयोजन पर सहमति हासिल की। चीनी राज्य परिषद के काउसंलर ताए पिंग क्वो अमरीकी विदेश मंत्री हिलैरी किलंटन के साथ मिलकर बातचीत ढांचेगत तहत रणनीतिक वार्तालाप की मेजबानी करेगें। चीन के आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान के अमरीका विभाग के निदेशक येन फंग का मानना है कि बातचीत व्यवस्था के स्थान में उन्नति का अर्थ है कि चीन और अमरीका के बीच निर्भरता व सहयोग की सीमा एक नयी ऊंचाई में जा पहुंची है, नयी व्यवस्था की शुरूआत चीन और अमरीका व विश्व के लिए भारी महत्व रखता है। उन्होने कहा यह बातचीत चीन और अमरीका की रणनीतिक व आर्थिक संबंध की स्थिरता के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में दोनों देशों के बीच के सकारत्मक सहयोग का सर्वोतोमुखी संबंध पर सार्थक मायने व वस्तुगत महत्व भी रखता है। दुनिया में वित्तीय स्थिति को स्थिर रखने, चीन और अमरीका के बीच वित्तीय सहयोग को सतत बनाने तथा चीन के खुद की वित्तीय स्थिति को स्थिर बनाए रखने व अमरीका की अपनी कठिन वित्तीय स्थिति के लिए भी सकारत्मक महत्व रखता है।

श्री गेटनर की इस बार की चीन यात्रा का महत्वपूर्ण लक्ष्य अमरीका के प्रति चीन के पूंजी निवेश के विश्वास को बढ़ाकर चीन को अमरीका के ट्रेजरी बांड खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है। वित्तीय संकट से निपटने के लिए, अमरीकी सरकार ने भारी कर्ज लिया है और उसका वित्तीय घाटा लगातार उपर चढ़ रहा है, अमरीकी डालर संपदा की सुरक्षा विश्व का एक चिंतित मुददा बन गया है। अमरीका का सबसे बड़ा कर्जदान देश होने के नाते चीन ने अनेक बार अमरीका से चीन के अमरीकी डालर संसाधन की सुरक्षा के प्रति अपनी चिन्ता प्रकट की है। इस पर श्री गेटनर ने इस बार की चीन यात्रा के दौरान कई बार वचन दिया कि अमरीका चीन सरकार के अमरीकी डालर संपदा की सुरक्षा की चिंतित भावना को कम करने की पूरी कोशिश करेगा। अमरीका सवाल के विशेषज्ञ येन फंग का मानना है कि श्री गेटनर के दिए वचन कुछ हद तक चीन की चिन्ता को दूर कर सकते हैं लेकिन अमरीका अपने वचनों का पालन करेगा या नहीं इस पर अब भी अनिश्चिता मौजूद है। उन्होने कहा श्री गेटनर के वचन कुछ हद तक कामदायक हैं, क्योंकि वह आखिरकार अमरीकी वित्तीय क्षेत्र के सबसे सर्वोच्च अधिकारी है। लेकिन वही पुरानी बात है कि सुनना एक बात है ,करनी दूसरी बात है, यह देखना भी जरूरी है कि अपनी अच्छी बातों को अमल में लाने के दौर में अमरीका अपनी कुछ मांग की कटौती करेगा या नहीं, और तो और उनके ये वचन अन्त में अमरीकी वित्तीय संकट व वित्तीय कठिन परिस्थिति पर निर्भर रहती है, हमें उनके करनी पर कड़ी नजर रखनी होगी। वर्तमान अमरीका बिना ट्रेजरी बांड बेचे , उसके अपने मौजूदा वित्तीय संकट से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल है, भविष्य में अमरीका में चीन की वित्तीय संपदा की जोखिमता पहले की तरह गंभीर बनी रहेगी।

श्री येन फंग का मानना है कि चीन के अमरीकी संपदा की सुरक्षरता को सुनिश्चत करने के लिए चीन को सर्वोतोमुखी रूप से अपनी योजना तैयार करनी चाहिए। उन्होने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा एक तरफ अपना रूख प्रकट करने के तरीके से अमरीका को अपने वचन का पालन करने पर मजबूर किया जाना चाहिए, दूसरी तरफ चीन को अमरीका के बीच की वास्तविक वार्ता के जरिए, अमरीका से कुछ क्षेत्रों में ठोस लिखित गारंटी देने की मांग भी करनी चाहिए। इस के साथ साथ चीन को भी धीरे धीरे विचार करना चाहिए कि भावी में अमरीका के अतिरिक्त ट्रेजरी बांड खरीदने के पहलु में पूरी तरह अमरीका की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, चीन के खुद के राष्ट्र हितों व विश्व वित्तीय बाजार का भी चौतरफा रूप से आकलन करना चाहिए।

चीन और अमरीका के केन्द्रीय हितों पर श्री येन फंग ने अपना विचार प्रकट करते हुए कहा केन्द्रीय राष्ट्रीय हितों पर चीन और अमरीका के बीच अब भी गहरे मतभेद मौजूद हैं। चीन को अमरीका से अपने पूंजी निवेश को अमरीका में सुरक्षित रखने की मांग करने के साथ ,अमरीका से चीन के खिलाफ लगाए कुछ हाई टैक तकनीकी प्रतिबन्ध को हटाने की भी मांग करनी चाहिए, इस के साथ कुछ हद तक अमरीका द्वारा अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को अपने नियंत्रण में रखने के रूझान में परिवर्तन लाने की भी कोशिश जारी रखनी चाहिए।