2009-06-02 10:33:28

फिलिस्तीन के भीतर दो दलों के बीच मुठभेड़ बढ़ी

31 मई को जोर्डन नदी के पश्चिम तट पर स्थित कालछिलाइह शहर में फिलिस्तीनी राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन यानी फतह प्रधान फिलिस्तीली पुलिस बल और फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के बीच घमासान गोलीबारी हुई, इस के बारे में फिलिस्तीनी मीडिया ने काफी रिपोर्ट दी, पर पहली जून को इस गोलीबारी के बारे में मीडिया की रिपोर्टताज एकदम बन्द हो गयी, फिर भी यह जाहिर है कि फिलिस्तीन के दोनों प्रमुख दलों के बीच मुठभेड़ समाप्त नहीं हुई है और उस का प्रभाव दूरगामी सिद्ध होगा ।

फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के पुलिस बल ने 30 मई की रात कालछिलाइह शहर में वहां विरोध प्रदर्शन करने वाले दो हमास सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापा मारा, लेकिन हमास के इन दो सदस्यों ने पुलिस का मुकाबला करते हुए कई घंटों तक गोलीबारी की , 31 मई के तड़के तक दोनों हमास सदस्यों को मार गिराया गया, साथ ही पुलिस के तीन कर्मी और एक आम नागरिक भी इस गोलीबारी में मारे गए।

घटना के बाद हमास ने वक्तव्य जारी कर फतह पर यह आरोप लगाया कि उसी के द्वारा जोर्डन नदी के पश्चिमी तट पर दिनों से हमास के सदस्यों को गिरफ्तार किये जाने के कारण मौजूदा गोलीबारी घटना छिड़ी है । हमास ने जोर्डन नदी के पश्चिमी तट पर सक्रिय अपने सदस्यों व समर्थकों से अपील की कि वे फिलिस्तीनी सुरक्षा विभाग की दुश्मनी कार्यवाही का मुकाबला करें। हमास के प्रवक्ता ने ऐलान किया कि फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था पर विरोध व्यक्त करने के लिए हमास फिलिस्तीन के भीतर सुलह की वार्ता से हट जाने पर विचार कर रहा है । उधर फिलिस्तीनी सत्ताधारी संस्था और सरकार ने भी कड़े शब्दों में अपना रूख जताया। फिलिस्तीन सुरक्षा विभाग ने 31 मई को वक्तव्य जारी कर कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने दो हमास सदस्यों के छिपने वाले स्थल से बहुत से हथियार बरमदा किए, जिस से साबित हुआ है कि वे फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था पर हमला करने की योजना बना रहे थे। सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष अब्बास ने हमास पर जोर्डन नदी के पश्चिमी तट की स्थिरता भंग करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सुरक्षा टुकड़ी कड़े हथकंडे से पश्चिमी तट की स्थिरता भंग करने वाली किसी भी शक्ति से निपट जाएगी। इस प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति के मुद्देनजर फिलिस्तीनी मीडिया ने इस गोलीबारी घटना को जून 2006 के बाद दोनों दलों के बीच छिड़ी सब से जबरदस्त मुठभेड़ करार की ।

दो साल पहले के जून माह में हमास और फतह के बीच गाजा में मुठभेड़ हुई, नदीजातः हमास की सशस्त्र शक्ति ने एक तरफा तौर पर गाजा पर कब्जा कर लिया और फतह वहां से हट गया और जोर्डन नदी के पश्चिमी तट पर अपने नियंत्रण को कड़ा कर दिया, इस से पूरा फिलिस्तीन विभाजित स्थिति में पड़ गया । इस के बाद दो सालों के दौरान फतह की नरम पंथी सरकार ने इजराइल के साथ शांति वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं पायी, जबकि गाजा पर इजराइल की सैनिक कार्यवाहियों का मुकाबला करने के कारण हमास की प्रतिष्ठा वहां बढ़ गयी । फतह और हमास के बीच सुलह के लिए पांच दौर की वार्ता भी हुई, किन्तु आम चुनाव, इजराइल के प्रति रूख और राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन आदि सवालों में सहमति नहीं मिल पायी । 19 मई को स्थापित फिलिस्तीन की नयी सरकार में हमास के सदस्य शामिल नहीं है।

विश्लेषकों का कहना है कि कालछिलाइह घटना कुछ न कुछ फतह द्वारा अपने वायदे को सार्थक साबित करने तथा जोर्डन नदी के पश्चिमी तट पर नीयत बांघने वाले हमास को चैतावनी देने के लिए बनायी गयी है। यह मत भी है कि इस घटना का इजराइल में दक्षिण पंथी सरकार की स्थापना के बाद क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय परिस्थितियों में आए परिवर्तन से भी संबंध है, क्योंकि घटना ठीक ही इजराइली प्रधान मंत्री नेतांनियाहू और फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष अब्बास की अमरीका यात्रा समाप्त होने की घड़ी में हुई । फिलिस्तीनी पक्ष इस के जरिए रोड मैप योजना पर अपना वचन निभाने की ईमानदारी दोहराना चाहता है और अमरीका की नयी सरकार को एक सकारात्मक संकेत देना चाहता है।

दूसरी तरफ, कालछिलाइह घटना फिलिस्तीन के दो प्रमुख दलों के बीच लम्बे अरसे तक असुलझे हुए अन्तरविरोध नयी स्थिति में फिर बरपा होने का साक्ष्य है। निकल कालीन प्रभाव की दृष्टि से इस घटना का बुरा असर सिर्फ प्रत्येक्ष है, लेकिन दूरगामी दृष्टि से यदि फतह व हमास के बीच अन्दरूनी संघर्ष तीव्र होगा, तो संभव है कि हमास जोर्डन नदी के पश्चिमी तट पर और उग्रवादी हरकत करेगा या इजराइल पर नया हमला बोलने से फतह की सरकार को दुविधा में डाल देगा।

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