2009-06-01 15:10:32

पारिस्थितिकी पर्यटन से धनी नामसे गांव

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के निंगची प्रिफैक्चर का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुंदर है । लोग उसे पूर्व का स्विटजरलैंड कहते हैं । निंगची क्षेत्र में एक गांव है , जो दक्षिण पश्चिमी चीन के स्छ्वान प्रांत से तिब्बत की राजधानी ल्हासा जाने वाले मार्ग पर है । अगर आप तिब्बत के मशहूर पर्यटन स्थल बासुम और यार्लुंग जांगबो नदी की बडी घाटी जाएंगे , तो आप को नामसे गांव से गुजरना पडे़गा ।

सर्दियों के दिनों में यहां पर्टयन का मौसम नहीं है , फिर भी आने-जाने वाली गाडियां व लोग दिखाई पडते हैं । मार्ग के पास स्थित विभिन्न विशेषताओं वाले रेस्तराओं का काम भी अच्छा चलता है । यहां बहुत स्थानीय विशिष्ट वस्तुओं वाली दुकानें देखने को मिलती हैं । कोर्दिसेप्स और विशेष माशरूम जैसी मूल्यवान पोषक वस्तुएं यहां उपलब्ध हैं, जिन की बढिया गुणवत्ता व अपेक्षाकृत रूप से सस्ता दाम है । ध्यान रहे, कोर्दिसेप्स तो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में एक साल एक बार पैदा होने वाली एक विशेष किस्म की जड़ी बूटी है, जो गर्मियों में घास के रूप में और सर्दियों में कीड़े के रूप में दिखाती है ।

नामसे गांव में पहले सिर्फ 8 परिवारों के 27 व्यक्ति रहते थे । गांववासी मुख्य तौर पर पहाड़ पर जा कर पेड काट कर जीवन निर्वाह करते थे। क्योंकि श्रम शक्ति कम थी ,गांववासियों के लिए खाना एक बडी समस्या रही । वे हर साल सरकार से अनाज राहत मांगते थे । वर्ष 1995 में बासुम प्राकृतिक पार्क का विकास शुरू हुआ । यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या साल ब साल बढती रही ।स्थानीय सरकार ने पर्यटन के विकास से नया मौका देखा । उस ने नामसे गांव व आसपास के गांवों को पर्यटन के विकास के लिए प्रेरित किया ।स्थानीय कार्यकर्ता सोनाम वांगडू के अनुसार विकास के इस नये रास्ते ने नामसे में बडा बदलाव आया । उन्होंने कहा:

"गांव में पहले जीवन बहुत कठोर था ।गांववासी व घरेलू पशु साथ-साथ रहते थे। सरकार के मार्गदर्शन के तहत यहां कस्बा स्थापित हुआ । नामसे गांव भी कस्बे के पास स्थानांतरित हो गया । सराकर ने यहां के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में 12 लाख से अधिक य्वान खर्च किए ।"

नामसे गांव के उप प्रधान ली मा ने अपनी आखों से नामसे गांव का परिवर्तन देखा है। अपने गांव की वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने बडी प्रसन्नता से हमारे संवाददाता को बताया, सब से पहले नामसे गांव की भौगोलिक स्थिति अच्छी है । हमारे गांववासियों ने मार्गों के किनारों पर दुकानें व रेस्तरां खोले । वे स्थानीय विशेष वस्तुएं ,खाना ,हस्तशिल्प बेचते हैं व विभिन्न सेवाएं प्रदान करते हैं ।अब लोगों के विचार बदले हैं । वे पर्टयन क्षेत्र के नजदीक होने और विशेष संसाधन का लाभ उठाकर विकास कर रहे हैं । हमारे गांव की मुख्य आय कृषि के बाहर से आती है,जिस में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन से हुई आय का है ।

44 वर्षीय फुर्बू जमजोर नामसे गांव का नागरिक है । उन के जीवन में पर्यटन के विकास से कायापलट हुआ है। उन्होंने बताया:

"निजी पर्यटन धंधा करने के बाद मेरे इतने बडे मकान का निर्माण हुआ । हम जातीय वस्त्र पहनकर पर्यटकों के साथ फोटो खिंचवाते हैं और विशेष माशरूप और कोर्दिसेप्स जैसी वस्तुएं बेचते हैं ।"

पर्यटन उद्योग के विकास से नामसे वालों के लिए आम चीजें अचानक लोकप्रिय माल बन गयीं । पश्चिमी चीन के कान सू प्रांत से आये मा इन नो नामसे गांव में चार साल तक व्यापार कर चुके हैं । उन की सालाना आय 70 हजार य्वान और 80 हजार य्वान के बीच है । उन्होंने बताया: "इस क्षेत्र में विशेष स्थानीय वस्तुएं बहुत हैं । मै स्थानीय लोगों से उन वस्तुओं को खरीदता हूं और फिर बाहर से आये पर्यटकों को बेचता हूं ।"

इस लेख का दूसरा भाग आगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े । (श्याओ थांग)