2009-05-29 16:19:07

चीन विभिन्न एशियाई व यूरोपीय देशों के साथ विपत्तिय़ों के मुकाबले के लिये सहयोग मजबूत बना देगा

दोस्तो , सातवें एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन के महत्वपूर्ण अनुक्रमिक कार्यवाही की हैसियत से एशिया यूरोप विपत्ति घटाव क्षमता की निर्माण व सहयोग संगोष्टी 28 मई को दक्षिण पश्चिम चीन के स्छ्वान प्रांत की राजधानी छंग तू शहर में आयोजित हुई । यह विभिन्न एशियाई व यूरोपीय देशों द्वारा विपत्ति के मुकाबले व सहयोग के क्षेत्रों में बुलाया गया प्रथम सम्मेलन ही है । चीनी अधिकारी ने कहा कि चीन विपत्ति घटाव के क्षेत्र में सभी एशियाई व यूरोपीय देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय आदान प्रदान व सहयोग को बढावा देने को तैयार है , ताकि उक्त देशों की विपत्ति घटाव की क्षमता बढ़ सके ।

विश्व जलवायु परिवर्तन से गम्भीर विपत्ति ग्रस्त घटनाएं इधर सालों में लगातार उत्पन्न हो गयीं । आंकड़ों के अनुसार विश्व में सभी प्रकारों वाली प्राकृतिक विपत्तियों में बाढ़ , सूखे और भूकम्प से पैदा नुकसान सब से गम्भीर है , जो तमाम क्षतियों का 80 से 90 प्रतिशत तक बनता है । चीन प्राकृतिक विपत्तियों से ग्रस्त रहा है , औसतन हर वर्ष में नाना प्रकार वाली प्राकृतिक विपत्तियों से उत्पन्न प्रत्यक्ष आर्थिक क्षति करीब दो खरब य्वान तक पहुंच गयी । चीनी नागरिक मामलात मंत्री ली श्यो च्यू ने कहा कि ऐसी स्थिति के मुकाबले के लिये चीन ने अंतर्राष्ट्रीय आदान प्रदान व सहयोग समेत काफी सुव्यस्थित विपत्ति घटाव व्यवस्था की स्थापना की है ।

चीन ने राष्ट्रीय बहुदेशीय विपत्ति घटाव रूपरेखा तैयार कर ली है , जिस से विपत्तियों की रोकथाम व घटाव कानूनी व्यवस्था कायम हो गयी है , प्राकृतिक विपत्तयों की निरीक्षण व भविष्यवाणी क्षमता , राहत सहायता क्षमता व विपत्तियों के मुकाबले के लिये बुनियादी सरंजामों की क्षमता बढाने के लिये विविधतापूर्ण माध्यमों व स्रोतों का समग्र रूप से प्रयोग किया गया है , साथ ही विभिन्न आकार वाली विपत्तियों के फौरी मुकाबले के प्रबंधन को मजबूत किया गया है और विपत्तियों की रोकथाम व कमी करने में सामाजिक भागीदारी को प्रोत्साहन दिया गया है तथा इसी संदर्भ में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हो गयी हैं ।

इधर सालों में चीन ने अंतर देशीय भारी फौरी राहत सहायता कार्यवाहियों में भाग लिया है । हिन्द महा सागर में हुई सूनामी और पाकिस्तान में आये तगड़े भूकम्प जैसी विपत्तियों में चीन ने यथासम्भव के दायरे में विपत्ति ग्रस्त देशों को धन राशि व भौतिक सहायता दी है और संबंधित देशों के साथ आदान प्रदान व सहयोग में सूचनाओं के आदान प्रदान , व्यक्तियों के प्रशिक्षण और तकनीकी सम्पर्क जैसे विविधातापूर्ण सार्थक तरीकों की खोज निकाली है ।

गत वर्ष में चीन स्छ्वान प्रांत में तगड़ा भूकम्प आने के बाद चीन ने अंतर्राष्ट्रीय सहायता की प्राप्ति में खुला , पारदर्शी और सकारात्मक सहयोग किया है , जिसे देश के अंदर व बाहर से खूब दाद मिल गयी है।

वर्तमान में प्राकृतिक विपत्तियां ऊर्जा , अनाज सुरक्षा , जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकि पर्यावरण बिगड़ने जैसे सवालों से जुड़कर मानव जाति के निरंतर विकास के लिये खतरा बन गयी हैं । चीनी नागरिक मामलात मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग के डायरेक्टर खांग फंग ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि विपत्ति बचाव व घटाव का मजबूत सहयोग सभी एशियाई व यूरोपीय देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा । 

एशिया विश्व में विपत्तियों से गम्भीर रूप से ग्रस्त रहा है , यूरोपीय देशों में पहले प्राकृतिक विपत्तियां काफी कम हुई थीं , इधर सालों में यहां पर विपत्तियां भी बार बार देखने को मिलती हैं , विपत्ति बचाव व घटाव अब बहुत से एशियाई व यूरोपीय देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास को बाधित करने वाला अहम तत्व बन गया है , उक्त देशों को इसी क्षेत्र में सहयोग करने की सख्त जरूरत है ।

चीनी नागरिक मामलात मंत्री ली श्वे च्यू ने कहा कि एशिया व यूरोप के सभी देशों के बीच विपत्ति बचाव व घटाव के क्षेत्र में सहयोग की विशाल संभावनाएं मौजूद हैं । 

इसी संदर्भ में एशिया व यूरोप के विभिन्न देशों के बीच आदान प्रदान व सहयोग को बढावा देने के लिये यह जरूरी है कि एशियाई देशों के विपत्ति राहत अनुभवों और यूरोपीय देशों की समुन्नत तकनीकों व प्रबंधन धारणाओं को प्रदर्शित किया जाये , एक दूसरे से सीखकर विभिन्न देशों के बीच आदान प्रदान को सुदृढ़ किया जाए और दीर्घकालिक स्थिर सहयोग व्यवस्था की स्थापना की जाये ।

मौजूदा संगोष्टी में चीन ने एशिया यूरोप मीटिंग के विभिन्न सदस्यों के संबंधित सरकारी अधिकारियों व विद्वानों को आमंत्रित किया है , ताकि इन सदस्यों के बीच अनुभवों का आदान प्रदान कर विपत्ति बचाव व घटाव के बारे में सूचना नेट व फौरी सहायता व्यवस्था की स्थापना की जा सके ।