2009-05-27 16:57:37

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व कोमिंगतांग पार्टी के नेताओं की मुलाकात

दोस्तो , चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के महा सचिव श्री हू चिन थाओ के निमंत्रण पर चीनी कोमिंगतांग पार्टी के अध्यक्ष ऊ पो श्योंग प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर एक बार फिर मुख्य भूमि की यात्रा पर आये । 26 मई को हुई वार्ता में श्री हू चिन थाओ और श्री ऊ पो श्योंग ने नयी स्थिति में दोनों तटों के संबंध के विकास पर अनेक सहमतियां प्राप्त कीं । संबंधित सूत्रों का कहना है कि यह उक्त दोनों पार्टियों के आपसी राजनीतिक विश्वास और दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास को बढ़ाने के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है ।

एक साल पहले श्री ऊ पो श्योंग ने चीनी कोमिंगतांग पार्टी के अध्यक्ष की हैसियत से प्रतिनिधि मंडल को लेकर मुख्य भूमि की यात्रा की । मुख्य भूमि ठहरने के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के महा सचिव ने उन के साथ वार्ता की , दोनों पक्षों ने दोनों तटों के संबंध को सुधारने और विकसित करने पर व्यापक सहमतियां जतायीं और दोनों तटों के अर्थतंत्र , जन जीवन और समाज से जुड़े नौ समझौते भी संपन्न कर थाइवान में मुख्य भूमि की पूंजी लगायी जाने के बासे में सैद्धांतिक मतैक्य भी प्राप्त किया । दोनों पक्षों के प्रयासों के जरिये दोनों तटों के बीच प्रत्यक्ष डाक तार , व्यापार और हवाई परिवहन मूल रुप से उद्घाटित हो गये हैं ।

मौजूदा यात्रा के दौरान श्री ऊ पो श्योंग ने अनेक बार गत वर्ष में दोनों तटों के संबंधों के विकास में प्राप्त उपलब्धियों की पुष्टि की । उन्हों ने कहा कि आशा है कि दोनों तट आपसी विश्वास स्थापित करना जारी रखेंगे और दोनों तटों के बीच सहयोग व समान जीत को बढावा देंगे । 

चालू वर्ष में सब लोगों ने यह देख लिया है कि दोनों तटों के संबंध शांति , विकास , आपसी मदद और समान जीत की ओर विकसित हो रहे हैं । मुझे विश्वास है कि दोनों तटों की जनता ने यह महसूस भी किया है कि यह दिशा दोनों तटों व जनता के लिये हितकर है ।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के महा सचिव हू चिन थाओ ने ऊ पो श्योंग के साथ वार्ता में कहा कि पिछले एक साल में दोनों तटों के संबंधों में सिलसिलेवार उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं और शांति विकास की संभावनाएं नजर आयी हैं । दोनों तटों के संबंधों के विकास से साबित हो गया है कि दोनों तटों के संबंधों को सुधारना व विकसित करना इतिहास की अबाध्य धारा है । दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास ने थाईवान जलडमरुमध्य क्षेत्र में शांति व स्थिरता बढा दी है , जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से व्यापक स्वागत व समर्थन मिला है ।

नये प्रस्थान बिंदु पर दोनों तटों के संबंधों को बढाने के लिये यह जरूरी है कि समूचे राष्ट्र के विकास के मद्देनजर विश्व विकास की संभावना और दोनों तटों के संबंधों के विकास रुझान को स्पष्ठतः समझकर दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास के मुद्दे को गिरफ्त में बांधा जाये , सही दिशा पर कायम रहकर आगे बढ़ने का रास्ता हमवार किया जाये और दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास की नयी स्थिति लगातार तैयार की जाये ।

श्री हू चिन थाओ व श्री ऊ पो श्योंग का समान विचार है कि दोनों तटों की शांतिपूर्ण विकास की समान अभिलाषा के अनुसार दोनों तटों के संबंधों को वढ़ावा दिया जायेगा , थाईवान स्वाधीनता का विरोध करने व 1992 में संपन्न सहमति पर कायम रहने के समान राजनीतिक आधार की रक्षा की जायेगी और आपसी विश्वास को लगातार मजबूत किया जायेगा ।

एक साल में दोनों तटों ने आपसी विश्वास स्थापित करने, मदभेदों को ताक रखने और समाज जीत प्राप्त करने की भावना के अनुसार सिलसिलेवार जटिल मामलों का निपटारा किया है , जिन में यह सवाल भी शामिल है कि थाईवान ने हाल ही में चीनी थाईपेह के नाम से विश्व स्वास्थ्य़ महा सभा में भाग लिया है ।

इस के अलावा चीनी राज्य परिषद के थाईवान मामलात कार्यालय के प्रवक्ता यांग ई ने 27 मई को आयोजित सम्वाददाता सम्मेलन में कहा दोनों तटों का आर्थिक सहयोग दोनों तटों के बंधुओं के हितों व भलाई से जुड़ा हुआ है , बेशक , यह हमारे ख्याल का जोर भी है । साथ ही हम मौके का फायदा उठाकर दोनों तटों के सांस्कृतिक , शैक्षणिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आदान प्रदान व व्यक्तियों की आवाजाही को विस्तृत कर देंगे । साथ ही दोनों तटों के संबंधों के विकासक्रम में सचमुच कुछ स्थिर मतभेद व अंतरविरोध मौजूद हैं , यदि उक्त सवावों का अच्छी तरह समाधान नहीं किया जायेगा , तो उस से दोनों तटों के संबंधों के विकासक्रम पर कुप्रभाव पड़ेगा । इसलिये इन सवालों से कतराया नहीं जा सकता । आपसी विश्वास कायम करना अत्यावश्य है ।

रिपोर्ट के अनुसार मुख्य़ भूमि ठहरने के दौरान ऊ पो श्योंग छुंगछिन , हांगचओ और नानचिंग आदि शहरों की यात्रा पर जाएंगे ।