2009-05-27 14:38:02

कोरिया गणराज्य की सरकार ने नाभिकीय हथियारों के अप्रसार के सुरक्षा आह्वान में चतुर्मुखी रुप से भाग लेने की घोषणा की

कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय ने 26 तारीख को घोषणा की कि कोरिया गणराज्य की सरकार उसी दिन से अमरीका के नेतृत्व वाले नाभिकीय हथियारों के अप्रसार के सुरक्षा आह्वान में चतुर्मुखी रुप से भाग लेगी। इस तरह, कोरिया गणराज्य इस संगठन में भाग लेने वाला 95वां देश बन गया है।
कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री मून टेई युंग ने 26 तारीख को घोषणा की कि बड़े पैमाने वाले विध्वंसक हथियारों तथा नाभिकीय हथियारों से विश्व की शांति व सुरक्षा के लिए पैदा हुए खतरे का निपटारा करने के लिए कोरिया गणराज्य की सरकार ने 26 तारीख को निर्णय लिया कि वह नाभिकीय हथियारों के अप्रसार के सुरक्षा आह्वान में भाग लेगी। कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री यू म्युंग ह्वान ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि नाभिकीय हथियारों के अप्रसार के सुरक्षा आह्वान में भाग लेना परिपक्व देश का कर्त्तव्य है। वह जनवादी कोरिया द्वारा खतरनाक सामग्री का आयात-निर्यात करने और खतरनाक हथियारों के विकास को रोकने में मददगार सिद्ध होगा।
ध्यान रहे, नाभिकीय हथियारों के अप्रसार का सुरक्षा आह्वान अमरीकी राष्ट्रपति बुश द्वारा वर्ष 2003 के मई माह में किया गया था, जिस का मकसद बड़े पैमाने वाले विध्वंसक हथियारों तथा संबंधित उपकरणों के प्रसार को रोकना है, लेकिन, आह्वान ने अंतरराष्ट्रीय कानून की अनुमति के दायरे के बाहर रोकथाम की कार्यवाई करने की संभावना का पूर्ण बहिष्कार नहीं किया है। हालांकि बुश सरकार कोरिया गणराज्य से इस आह्वान में भाग लेने का अनुरोध करती रही , फिर भी कोरिया गणराज्य ने सोचा कि यह कोरिया गणराज्य व जनवादी कोरिया के संबंधों पर कुप्रभाव डालेगा, इसलिए कोरिया गणराज्य ने बार-बार इंकार किया।कोरिया गणराज्य ने केवल पर्यवेक्षक की हैसियत से कुछ परियोजनाओं में भाग लिया था। वर्ष 2007 में ली म्युंग बाक के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद कोरिया गणराज्य ने अमरीका के साथ के अपने सैन्य संबंधों को और मजबूत करने, 21 शताब्दी में कोरिया गणराज्य व अमरीका के रणनीतिक गठबंधन का पुनः निर्माण करने की विदेशी नीति अपनायी। कोरिया गणराज्य की सरकार ने भी अमरीका के नेतृत्व में इस सुरक्षा आह्वान में भाग लेने पर सोच विचार करना शुरु किया।
इस वर्ष 5 अप्रैल को, जनवादी कोरिया के प्रक्षेपण करने के बाद कोरिया गणराज्य की सरकार ने इस सुरक्षा आह्वान में चतुर्मुखी रुप से भाग लेने का निर्णय लिया। लेकिन, चूंकि जनवादी कोरिया ने घोषणा की कि कोरिया गणराज्य द्वारा इस आह्वान में भाग लेना जनवादी कोरिया के लिए एक चुनौती है, इसलिए, जनवादी कोरिया दृढ़ता  से तदनुरुप कदम उठाएगा। इसलिए, जनवादी कोरिया बार-बार औपचारिक घोषणा की तिथि को स्थगित करता रहा।
जनवादी कोरिया ने 25 तारीख को नाभिकीय परीक्षण करने की घोषणा की, और यह कोरिया गणराज्य की सरकार द्वारा इस सुरक्षा आह्वान में चतुर्मुखी रुप से भाग लेने का महत्वपूर्ण मौका बन गया। जनवादी कोरिया की केंद्रीय समाचार एजेंसी ने 25 तारीख को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि उस दिन जनवादी कोरिया ने फिर एक बार भूमिगत नाभिकीय परीक्षण किया, यह जनवादी कोरिया द्वारा आत्मरक्षा के लिए नाभिकीय शक्ति को मजबूत करने वाले कदमों का एक भाग है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवादी कोरिया ने इस नाभिकीय परीक्षण से नाभिकीय हथियारों की धमकी को और मजबूत किया है और वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्र की समस्याओं का सफलतापूर्ण समाधान किया है। कोरिया गणराज्य सरकार ने बाद में वक्तव्य जारी करके इस की जबरदस्त निंदा की कि जनवादी कोरिया ने उसी दिन भूमिगत नाभिकीय परीक्षण किया , यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर धमकी व चुनौती है। कोरिया गणराज्य ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कड़े कदम उठाने की मांग की।
कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ली दुंग क्वैन ने 26 तारीख को कहा कि जनवादी कोरिया ने फिर एक बार नाभिकीय परीक्षण किया और मिसाइल का प्रक्षेपण किया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोरिया गणराज्य का रुख देख रहा है। कोरिया गणराज्य इस आह्वान में भाग लेने को फिर एक बार स्थगित नहीं कर सकता है। कोरिया गणराज्य के मीडिया का मानना है कि कोरिया गणराज्य के इस आह्वान में भाग लेने के साथ-साथ, आइंदे, कोरिया गणराज्य बड़े पैमाने वाले विध्वंसक हथियारों के प्रसार को रोकने की भारी कोशिश करेगा। लेकिन, कोरिया गणराज्य के मीडिया ने साथ ही इस बात पर चिंता जताई है कि यदि जनवादी कोरिया ने जबरदस्त प्रतिक्रिया की , तो जनवादी कोरिया व कोरिया गणराज्य के बीच संबंध और बिगड़ेंगे।
कोरिया गणराज्य की संयुक्त समाचार एजेंसी ने 26 तारीख को सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा कि उस दिन जनवादी कोरिया ने इस देश के पूर्वी समुद्रतटीय क्षेत्र में निकट के समुद्र में दो मिसाइलों का प्रक्षेपण किया है। कोरियाई प्रायद्वीप की परिस्थिति किस तरह विकसित होगी, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर गहरे रुप से ध्यान दे रहा है।(श्याओयांग)