2009-05-26 11:16:56

तिब्बत में आधी शताब्दी की छलांग—चौथा भाग:डोसांग तानजङ और उस का होटल

आधी शताब्दी में तिब्बती समाज में जमीन आसमान का परिवर्तन आया है । सुविधापूर्ण यातायात, बेरोकटोक सूचना और आर्थिक विकास इत्यादि। तिब्बती जनता को ज्यादा से ज्यादा मौके मिल रहे हैं ।

तिब्बत की राजधानी ल्हासा के प्राचीन शहरी क्षेत्र छङक्वान क्षेत्र का गलीचा कारखाना एक सामूहिक मिलकीयत वाला कारोबार है, जिस की प्रधान त्सेरिंग ड्रोल्कर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की प्रतिनिधि हैं । उन के नेतृत्व में यह तीस वर्षीय ऐतिहासिक गलीचे का कारखाना ल्हासा के श्रेष्ठ कारखानों में से एक है । वर्ष 2008 में इस कारखाने का उत्पादन मूल्य 88 लाख 60 हज़ार य्वान था । सुन्दर व उच्च गुणवत्ता वाले तिब्बती गलीचे भीतरी इलाके के बड़े प्रांतों व शहरों में बेचे जाने के साथ ही अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और कोरिया गणराज्य आदि देशों तक भी पहुंचाए जाते हैं। कारखाने के कार्यालय की प्रधान सुश्री डेक्यी ड्रोल्कर ने कहा:

"हम परम्परागत हस्त तकनीक के अनुसार गलीचे बनाते हैं, जिन में शुद्ध ऊन का इस्तेमाल करते हैं । हम तिब्बती जाति के परम्परागत कोमल और ड्रैगन आदि चित्र डिज़ाइन बनाने के साथ युग के अनुसार नए डिज़ाइन भी बनाते हैं । साथ ही हम ने ग्राहकों की मांग के अनुसार निश्चित डिज़ाइन वाले गलीचे भी बनाते हैं ।"

कारखाने द्वारा उत्पादित तिब्बती विशेषता व सुन्दर गलीचे ग्राहकों को आकृष्ट करते हैं । वर्तमान में कारखाने से गलीचे खरीदने का ऑर्डर इस वर्ष के अंत जारी किया गया । निकट भविष्य में कारखाना ल्हासा के औद्योगिक उद्यान में और बड़ी वर्कशॉप का निर्माण करेगा, ताकि उत्पादन बढ़ मात्रा सके और कारखाने का और विकास किया जा सके ।

हस्त उद्योग का विकास तिब्बत के पर्यटन उद्योग के पुनरुत्थान पर निर्भर है । छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद तिब्बत के पर्यटन उद्योग ने लम्बी छलांग लगाई, हर वर्ष तिब्बत 25 लाख से ज्यादा पर्यटकों का सत्कार करता है और पर्यटन आय करीब 3 अरब य्वान पहुंच गई है । पर्यटन उद्योग के उत्थान से पारिवारिक होटल का तेज़ विकास हुआ है।"तान जङ होटल"तिब्बती पारिवारिक हॉटलों में से एक है । अब वह तिब्बत के पर्यटन विकास में एक आदर्श मिसाल बन गया है ।

तान जङ होटल वर्ष 1986 में स्थापित हुआ था, जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े में स्थित है और प्राचीन शहरी भवन के खंडहर से नज़दीक है । होटल के बाहर अंग्रेज़ी, हान भाषा और तिब्बती भाषा में होटल का नाम अंकित है । यह निजी होटल बड़ा नहीं है, लेकिन अनेक देशों में प्रकाशित तिब्बत पर्यटन गाईड पुस्तक में इस की सिफ़ारिश की जाती है । अधिकांश विदेशी पर्यटक नक्शे के जरिए यहां आते हैं ।

होटल की स्थापना के उद्देश्य की चर्चा में तान जङ हॉटल की वर्तमान प्रधान, यानी होटल के संस्थापक डोसांग तानजङ की पुत्री, 55 वर्षीय सोजङ ने कहा:

"सुधार व खुले द्वार की नीति लागू की जाने के वक्त मेरी उम्र ज्यादा नहीं थी । पिता जी ने कहा था कि उन्होंने सरकार से पैसे और जमीन मांगी है । उस समय मुझे मालूम नहीं था कि पैसे का प्रयोग कर मकान निर्माण का लक्ष्य क्या था । पिता जी व्यापार करते थे और नेपाली व्यापारियों के साथ आवाजाही करते थे । मुझे लगता है कि पिता जी का विचार बहुत खुला है।"

ज्यादा से ज्यादा पर्यटक तिब्बत की यात्रा के लिए आते हैं, इस तरह तानजङ होटल का व्यापार अच्छे से अच्छा हो रहा है । वर्ष 1992 में डोसांग तानजङ ने 3 लाख य्वान की पूंजी लगाकर होटल के पूर्व मिट्टी लकड़ी वाले ढांचे को बदला, स्वास्थ्य संस्थापनो का सुधार किया, होटल के द्वार को पुनः सुसज्जित किया और सात तिब्बती शैली वाले कमरे और जोड़े । इस वर्ष उन्हें तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के श्रेष्ठ उद्यमी के सम्मान से सम्मानित किया गया । इस वक्त तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन ब्यूरो ने तानजङ होटल को खुलेपन की खिड़की बनाया है।

आर्थिक विकास के चलते, तिब्बती जनता का जीवन स्तर लगातार उन्नत हो रहा है । किसानों व चरवाहों की आय पहले न के बराबर से आज के 3000 य्वान तक बढ़ गयी है । गत शताब्दी के पचास वाले दशक में तिब्बती लोगों की औसतन उम्र मात्र 35.5 थी, लेकिन आज यह बढ़कर 67 तक पहुंच गई है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के अनुसंधानकर्ता काल्ज़ांग येशे ने कहा कि जनवादी सुधार से तिब्बत में भारी परिवर्तन आया है । उन का कहना है:

"जनवादी सुधार के बाद पचास साल बीत चुके हैं । इस दौरान तिब्बत में जमीन आसमान वाला परिवर्तन हुआ है । तीन सौ से ज्यादा वर्षों तक लागू रही राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित सामंती भूदास व्यवस्था और जनवादी सुधार के बाद के पचास वर्षों की तुलना में मुझे लगता है कि अगर जनवादी सुधार नहीं होता और व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हुआ होता, तो तिब्बत का समाज आज जैसा नहीं होता ।"

जनवादी सुधार के बाद पिछले 50 वर्षों में तिब्बत ने अंधकारमय से रोशनी की ओर, पिछड़े से प्रगति की ओर, गरीब से समृद्ध की ओर, विशेष प्रशासन से जनवाद की ओर, बंद से खुलेपन की ओर ऐतिहासिक प्रक्रिया से गुज़रा है। हमें विश्वास है कि तिब्बत और विकसित होगा और तिब्बत का भविष्य और उज्ज्वल होगा ।