2009-05-25 10:45:42

तालिबान चरमपंथियों के सफाये में पाकिस्तान ने बडी उपलब्धि प्राप्त की

पाकिस्तानी सेना ने 24 तारीख को घोषणा की कि पाकिस्तानी सेना ने स्वात घाटी में तालिबान सशस्त्र संगठन नियंत्रित महत्वपूर्ण कस्बे मंगोरा को कब्जा कर लिया हैं ।लोकमत के विचार में पाकिस्तानी सुरक्षा बल ने पिछले एक महीने स्वात घाटी में हो रही फौजी काररवाई में बडी उपलब्धि प्राप्त की है ,पर तालिबान चरमपंथियों का पूरा सफाया करने के लिए पाक सेना के सामने अनेक चुनौतियां हैं ।

पाक सेना ने 24 तारीख को जारी एक ब्यान में कहा कि पाक सेना ने मंगोरा के स़डकों पर हुई लडाई में पांच सशस्त्र तत्वों को मार गिराया और 14 सशस्त्र तत्वों को गिरफ्तार किया ।मंगोरा स्वात घाटी का एक महत्वपूर्ण वाणिज्य केंद्र है और तालिबान का एक अहम अड्डा भी ।मंगोरा को कब्जा करना स्वात घाटी में पाक सेना की एक अत्यंत महत्वपूर्ण काररवाई है ।

ध्यान रहे पाक सेना ने 26 अप्रैल से स्वात घाटी में तालिबान सशस्त्र बल का सफाया शुरू किया ।कार्रवाई के पैमाने और पाक सरकार के रवैये से जाहिर है कि पाक सरकार को तालिबान सशस्त्र बल पर प्रहार करने का बडा संकल्प है ।पाक राष्ट्रपति असिफ अली जर्दारी ने कहा कि स्वात घाटी में फौजी काररवाई चलाने के बाद पाक सेना दक्षिण वजिरिस्तान में चरमपंथियों का सफाया करेगी ,जहां तालिबान सशस्त्र बल अधिक सक्रिय रहता है ।जर्दारी का दावा है कि कि स्वात में फौजी काररवाई सिर्फ एक शुरुआत है और अधिक बडी लडाई बाकी है ।उधर पाक सेना के प्रवक्ता अटर अब्बास ने मीडिया को बताया कि पाक सेना बजौर ,स्वाट और वाजिरिस्तान जैसे क्षेत्र में रह रहे सभी तालिबान सशस्त्र तत्वों का सफाया करेगी ।26 अप्रैल से पाक सेना ने उत्तर पश्चिमी इलाके में हुई फौजी काररवाई में 1100 से अधिक सशस्त्र तत्वों को मार गिराया है ।अब्बास ने 23 तारीख को कहा था कि स्वात घाटी में अब 1500 से 2000 तक के सशस्त्र तत्व बाकी हैं ।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में तालिबान चरमपंथियों का पूरा सफाया आसान काम नहीं होगा ।एक तरफ ,उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान कबायली क्षेत्र है ,जहां तालिबान का मजबूत आधार है ।दूसरी तरफ ,स्थानीय नागरिकों का पुनर्वास किया जाना है ।पाक सेना के प्रवक्ता के अनुसार मंगोरा क्षेत्र में अब तक दस हजार से बीस हजार के नागरिक रह रहे हैं ।पाक सेना को अपनी काररवाई में नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखना है ।उधर बेघर नागरिकों का पुनर्वास एक अत्यंत कठिन काम है ।संयुक्त राष्ट्र के संबंधित संस्था के आंकडों के अनुसार वर्तमान में शरणार्थियों की संख्या 20 लाख से अधिक है और यह संख्या बढ रही है ।उन को खाद्य ,पेयजल व चिकित्सा सेवा की अत्यंत जरूरत है ।उन शरणार्थियों की सहायता के लिए पाक सरकार एक तरफ धनराशि का अनुदान कर रही है ,दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत मांग रही है ।एब तक अनेक देशों ने पाकिस्तान को आपात राहत प्रदान की ।संयुक्त राष्ट महासचिव पान की मून ने 22 तारीख को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन बेघर वालों की सहायता के लिए 54करोड 30 लाख अमरीकी डालर का चंदा देने की अपील की ।

उपरोक्त कारणों से पाक अधिकारी ने कहा कि पाक सेना दो महीने के अंदर इस फौजी काररवाई को पूरा करने की यथासंभव कोशिश करेगी ,पर यह अंतिम समय सीमा के बजाये सिर्फ एक प्रत्याशित लक्ष्य है ।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में स्वात घाटी में पाक सेना ने किसी हद तक बडी सफलता प्राप्त की है ,लेकिन वहां की जटिल स्थिति और अमरीका व पाकिस्तान के बीच पर्याप्त विश्वास के अभाव के मद्देनजर तालिबाल सशस्त्र संगठन के पूरे सफाये के लिए और समय लगेगा ।