प्रिय दोस्तो , पिछली बार हम इसी कार्यक्रम में दक्षिण चीन के क्वांगचओ शहर में प्रचलित पारम्परिक सहस्र मंदिर उत्सव के दौरे पर गये थे । आज हम इस शहर का दौरा करने भी चलते हैं और देखेंगे कि क्वांगचओ शहर वासी होने वाले एशियाड की तैयारी कैसे कर रहे हैं ।
एशियाड का नारा नामक गाना गाने वाले सहस्र व्यक्तियों के जिम्मेदार व्यक्ति यांग छ्यू पिन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि उन्हों ने एशियाड के उद्घाटन समारोह में हिस्सेदाही और एशियाई खेल समारोह को लोकप्रिय बनाने के लिये बड़ा उत्साह दिखा दिया है ।
उन्हों ने कहा कि इस गायन में भाग लेने वाले हरेक को एक टिशर्ट , जिस पर क्वांगचओ एशियाड का पोस्टर अंकित हुआ है , बांटा गया है । साथ ही हरेक के मंथे पर एक रेश्मी पट्टी भी बांधी हुई है , हम मुख्यतः निम्न दो नारे लगाएंगे कि उत्साहित एशियाड़ , सामंजस्यपूर्ण एशिया और क्वांगचो हौसला बढाओ और एशियाड़ हौसला बढ़ाओ ।
क्वांगतुंग प्रांत के फू निंग शहर के नान शान नृत्य नाट्य मंडली ने चीन का अभौतिक विरासत का सांस्कृतिक प्रोग्राम इंग को नृत्य गान प्रस्तुत किया । नान शान का इंग को नृत्य गान फू निंग इंग को नृत्य गान का असाधारण प्रतिनिधि है , उस का बड़ा नाम है । परम्परागत त्यौहारों व शादी व्याह के उपलक्ष में स्थानीय वासियों में एकत्र होकर ढोल नगाड़े बजाते हुए इंग को डांस करने की परम्परा है , ताकि शुभारम्भ के लिये दुष्टों को भगाया जा सके । नान शान इंग को नृत्य गान मंडली के नेता छन लाए फा ने इस की चर्चा में कहा कि हम ने प्रथम बार यहां पर प्रदर्शन दिखाया । इस नृत्य गान में ऊ शू , खेलकूद , नृत्य और संगीत शामिल हैं । हमारी मंडली की पुरानी पीढ़ी के कलाकारों ने पेइचिंग में स्वर्गीय अध्यक्ष माओ त्से तुंग और प्रधान मंत्री चओ एन लाई के लिये प्रस्तुति भी की । गत वर्ष हम ने पेइचिंग के थ्येन आन मन चौक पर आलम्पिक सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लिया ।
9 मार्च को यानी चीनी पंचांग के अनुसार 13 फरवरी को दक्षिण समुद्र देव मंदिर का पोलोतान उत्सव धूमधाम से मनाया गया है . सुबह नौ बजे कोने कोने से आये पर्यटक भव्यदार लोकोचार सांस्कृतिक गतिविधि समुद्र देवता की पूजा प्रार्थना समारोह देखने के लिये दक्षिम समुद्र मंदिर आ पहुचे , जिस से पोलोतान मंदिर मेले व क्वांगचओ लोकोचार सांस्कृतिक उत्वस का खुशियां उत्थान पर दिखाई देने लगी ।
ऐतिहासिक ग्रंथ के अनुसार बहुत पहले की गर्मियों के दिन सुमुद्र की तेज लहरों से एक लकड़ी दक्षिण समुद्र मंदिर के सामने पड़ी , फिर कितनी भी तेज लहरों के बहाव से यह लकड़ी जस से मस वहीं स्थल पर जम गयी । यह स्थिति देखकर स्थानीय लोगों ने इस लकड़ी को 6 टुकडे काट दिय़े , प्रथम टुकड़े को समुद्र देवता की मूर्ति के रूप में बनाया , बाकी पांच टुकड़ों को इस समुद्र देवता के पांच बेटों की मूर्तियां बना दी और उन्हें ऊ आन यानी पांच देवता मूर्तियां कहकर पूजा के लिये क्रमशः आसपास के 15 गांवों में स्थापित कीं ।
मिंग राजवंश से ही उक्त 15 गांववासी पोलोतान पर्व के दिन पांच मूर्तियों को समुद्र मंदिर उठाकर समुद्र देवता की पूजा करते आये हैं , इस आयोजन से स्थानीय वासियों की शानदार कृषि फसल व सुख चैन की अभिलाषा अभिव्यक्त हो गयी है ।
क्वांगचओ लोकाचार सांस्कृतिक उत्सव यानी पोलोतान सहस्राब्दी मंदिर मेले का अन्य एक महत्वपूर्ण आयोजन ह्वा छाओ पर्व ही है । इस पर्व की खुशिय़ों में प्रस्तुति करने वाली टीम में छात्रों से गठित मंडली बड़ी ध्यानाकर्षक है । इस मंडली का काम संभालने वाले अध्यापक मा ने कहा कि उन्हों ने इस अभिनय के लिये पूर्ण रूप से तैयारी कर ली है ।
इस प्रोग्राम में कुल तीस छात्रों ने भाग लिया है । हम इस हजार वर्ष पुराने मंदिर की बहाली से ही इसी प्रोग्राम प्रस्तुत करने का काम संभालते हैं । इन छात्रों के बढ़िया प्रदर्शन को दर्शकों की ओर से खूब दाद मिली है । एक शहरवासी ने उन की प्रशंसा में कहा कि कई लड़कियों ने परियों की तरह प्रदर्शन दिखाया है , देखने में बहुत सुंदर लगता है ।
बड़े रोचक सांस्कृतिक प्रोग्रामों को छोड़कर क्वांगतुंग कसीदा , हाथी दांत नकाशी और क्यांगचओ नकासीदार ईंट आदि अभौतिक सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शनियां भी लगी हुई हैं ।