प्रिय दोस्तो , दक्षिण चीन स्थित महत्वपूर्ण शहर क्वांग चओ के बारे में आप जरूर कुछ न कुछ जानते ही होंगे , क्योंकि यह शहर प्राचीन काल से ही विदेशों के साथ व्यापार करने का चीन के अहम पोर्ट के नाम से विख्यात चला आ रहा है और उसे समुद्री रेश्मी मार्ग का प्रस्थान बंदरगाह माना जाता है । आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी शहर में समुद्र देवता की पूजा करने के बारे में हजार वर्ष पुराने धार्मिक आयोजनों को देखने जा रहे हैं , जिस से इसी शहर में प्रचलित हजार वर्ष पुरानी परम्पराओं और आधुनिक सांस्कृतिक वातारण का आभास हो सकता है ।
मार्च में पांचवां क्वांगचओ लोकाचार सांस्कृतिक उत्सव यानी ह्वांगफू पोलोतान सहस्र धार्मिक मेला क्वांगचओ शहर के नानहाई देव मंदिर में धुमधाम के साथ आरम्भ हुआ । नानहाई देव मंदिर को पोलो मंदिर भी पुकारा जाता है , वह क्वांगचओ शहर के ह्वांगफू क्षेत्र में अवस्थित है और उस का इतिहास आज से कोई एक हजार चार सौ वर्ष से अधिक पुराना है । स्वी व थांग राजवंशों से जितने भी अधिक राजवंशों के राजा इसी मंदिर में देशी विदेशी जहाजों के क्वांगचओ आने जाने की सुरक्षा बनाये रखने के लिये दक्षिण समुद्र देवता की पूजा करने में अधिकारियों को भेजते थे , ताकि समुद्र देवता की मेहरबानी से जहाज सही सलामत रह सके ।
दक्षिण समुद्र देव मंदिर चीन का प्रथम बड़ा समुद्र देवता मंदिर है और समुद्री रेश्मी मार्ग का प्रस्थान बिंदु भी है । तीस हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले मंदिर में बड़ी तादाद में समुद्री रेश्मी मार्ग व क्वांगचओ शहर के इतिहास से जुड़ी मूल्यवान सामग्री सुरक्षित रखी हुई है । पोलोतान धार्मिक मेला क्वांगचओ क्षेत्र में सब से विशाल परम्परागत धार्मिक मेलों में से एक है , चीनी पंचांग के अनुसार हर वर्ष 11 से 13 मार्च तक यह मेला लगाया जाता है , जिस में 13 मार्च को धूमधाम से विभिन्न महत्वपूर्ण आयोजन किये जाते हैं ।
मौजूदा मंदिर मेले का पैमाना अभूतपूर्व है , क्योंकि उस में क्वांगचओ एशियाड के उद्घाटन समारोह और अन्य अंतर्राष्ट्रीय तत्वों ने हजारों पर्यटकों को मोह लिया है । आयोजन के संचालक ने जब पोलोतान मंदिर मेला उद्घाटित करने की आवाज उठाई , तो प्राचीन शैलियों से युक्त समुद्र देवता की पूजा करने वाली धुन के तालमेल में उद्घाटन समारोह का पर्दा धीरे धीरे उठ गया ।
क्वांगचओ शहर के विभिन्न जगतों की जनता का दक्षिण समुद्र देव मंदिर में समुद्री देवता का पूजा समारोह अब शुरु हो गया है ।
2010 में क्वांगचओ शहर में एशियाड का आयोजन किया जायेगा । इस भव्यदार खेल समारोह को लोकप्रिय बनाने के लिये मौजूदा सहस्राब्दी पुराने पोलोतान मंदिर मेले में विशेष तौर पर एशियाड की खुशियों में सौ व्यक्तियों का डांस हजार व्यक्तियों का गायन आदि विषय शामिल हुए हैं । उक्त प्रस्तुति में भागीदारों में सब से बडे बुजुर्ग ली य्येन की उम्र 105 वर्ष हो गयी है । हालांकि उन्हें बाहर जाने में पहियदार कुर्सी का सहारा लेना पड़ता है , पर फिर भी वे सुबह जल्द ही प्रदर्शन स्थल आ पहुंचे । उन्हों ने संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि एशियाड की खुशियां मनाने में बड़ा गर्व और खुशी हुई , आज सुबह मैं सात बजे उठ गया । मैं प्रतिदिन कसरत करता हूं ।